डर एक ऐसा एहसास है, जो हर शख़्स के अंदर मौजूद रहता है. कभी किसी अनजान साये से, तो कभी किसी अनहोनी के कारण इंसान के अंदर ख़ौफ़ बना रहता है. ये डर ही इंसान के अंदर एक रोमांच भी पैदा करता है. यही वजह है कि फ़िल्ममेकर ऐसी फ़िल्में बनाते हैं, जो इंसान के रोंगटे खड़े कर दे. 

मगर कभी-कभी इन फ़िल्मों में इस कदर हिंसा दिखाई जाती है कि कमज़ोर दिलवालों के लिए ये जानलेवा साबित होती हैं. ऐसे में दुनियाभर के देशों में इन्हें बैन कर दिया जाता है. आज हम आपको ऐसी ही फ़िल्मों के बारे में बताएंगे, जिन्हें पूरी तरह से बैन कर दिया गया था.

1. ए क्लॉकवर्क ऑरेंज (1971)

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ये फ़िल्म साल 1971 में रिलीज़ हुई थी. इस फ़िल्म में कई विचलित कर देने वाले सीन्स थे, जिसके चलते अमेरिकी फिल्म संस्थान द्वारा मूल रिलीज़ में एक्स रेटिंग दी गई थी. फ़िल्म में कई रेप और मर्डर के भयानक सीन थे, जिसके कारण फ़िल्म को बैन कर दिया गया था. 

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2. कैनिबल होलोकॉस्ट (1980)

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मिलान में इस फ़िल्म के प्रीमियर के 10 दिन बाद ही एक स्थानीय मजिस्ट्रेट के आदेश के तहत कैनिबल होलोकॉस्ट पर बैन लगा दिया गया था. फ़िल्म में इतनी क्रूरता और भयानकता दिखाई गई थी कि कोर्ट ने फ़िल्म को रिलीज़ करने पर प्रतिबंध लगाया, जो बहुत से देशों में आज भी जारी है.

3. द लास्ट हाउस ऑन द लेफ़्ट (1972)

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ये फ़िल्म दो टीनेज लड़कियों की कहानी है, जिनका अपहरण कर लिया जाता है. फिर उनको बुरी तरह टॉर्चर और रेप करने के बाद मार दिया जाता है. फ़िल्म में रेप, शारीरिक अंगों से छेड़छाड़ जैसे कई ऐसे सीन थे, जिसकी वजह से इसे बैन कर दिया गया. 

4. द टेक्सास चेनसॉ मासकेयर (1974)

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इस फ़िल्म को टॉब हूपर द्वारा डायरेक्ट किया गया था. फ़िल्म एक रियल लाइफ़ नरभक्षी परिवार पर बेस्ड है, जो फॉर्महाउस घूमने आए पांच दोस्तों को एक-एक करते मौत के घाट उतार देते हैं. फ़िल्म में इस कदर हिंसा दिखाई गई थी कि इसकी रिलीज़ पर बैन लगा दिया गया. हालंकि, इसे अब तक की सबसे प्रभावशाली हॉरर फिल्मों में से एक माना जाता है.

5. द एग्जॉरसिस्ट (1973)

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ये फ़िल्म 1973 में रिलीज़ हुई. मगर देखा गया कि फ़िल्म के सीन बेहद ख़तरनाक है. माना गया कि लोग इन सीन्स को देखकर परेशान हो सकते हैं. ऐसे में न सिर्फ़ फ़िल्म को बल्कि इसके ट्रेलर पर भी बैन लगा दिया गया था. 

6. हॉस्टल: पार्ट – 2 (2007)

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इस फ़िल्म के तीन पार्ट थे. दूसरा पार्ट 2007 में रिलीज़ हुआ था. फिल्म की कहानी में दो छात्र यूरोप की यात्रा पर निकलते हैं इस दौरान वह एक ऐसे हॉस्टल में ठहरते हैं जहां पर डरावने रहस्य और भूतिया साया होता है. फ़िल्म के सीन डरावने थे और डिस्ट्रीब्यूटर्स ने उन्हें फ़िल्म से हटाने से इन्कार कर दिया था. ऐसे में न्यूज़ूलैंड समेत कई देशों में फ़िल्म को बैन कर दिया था.

7. फ़ेसेस ऑफ़ डेथ (1978)

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द गार्जियन के अनुसार, इस फिल्म को अब तक की सबसे खराब फिल्मों में से एक माना जाता है. फ़िल्म में अश्लीलता और अपराध को बेहद भयानक तरीके से पेश किया. ये फ़िल्म इतनी परेशान करने वाली थी कि 46 देशों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था.

8. द ह्यूमन सेंटीपीड 2: द फुल सीक्वेंस (2011)

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अगर आप द ह्यूमन सेंटीपीड का दूसरा पार्ट देखेंगे, तो आप ख़ुद समझ जाएंगे कि इस फ़िल्म को बैन करना कितना ज़रूरी थी. इसे देखने वालों के लिए वास्तविक जोखिम माना गया. ऐसे में मानवीय अत्याचारों पर आधारित इस फिल्म को यूके और ऑस्ट्रेलिया में बैन कर दिया गया. 

9. Maniac (2012)

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ये फ़िल्म में 1980 में आई फ़िल्म का रीमेक थी. इसमें एक सीरियल किलर के हिंसक कारनामों को दिखाया गया है. न्यूज़ीलैंड ने इसे देश में बैन कर दिया था. यहां तक कि थियेटर के साथ डीवीडी रिलीज़ पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.

10. आई स्पिट ऑन योर ग्रेव (2010)

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‘आई स्पिट ऑन योर ग्रेव’ फ़िल्म में बेहद लंबे रेप सीन के चलते आयरलैंड, नॉर्वे और आइसलैंड जैसे देश में रोक लगी थी. फ़िल्म एक ऐसी लड़की की कहानी पर आधारित है, जिसका चार लोग रेप करते हैं. बाद में, लड़की उन सभी को बेहद क्रूर तरीके से मौत के घाट उतारती है. कहते हैं कि इस फिल्म को देखने के बाद लोगों को कई दिनों तक नींद नहीं आई थी.

आपमें किसी ने इन फ़िल्मों को देखा है, अगर हां, तो कमंट में अपना एक्सपीरियंस शेयर करें.