1989 में आए टीवी सीरियल ‘फ़ौजी’ ने हिंदी सिनेमा को वो सुपरस्टार दिया था जिसे पूरी दुनिया आज शाहरुख़ ख़ान के नाम से जानती है. इस शो में एक फ़ौजी की कठिन ज़िंदगी से लोगों को रू-ब-रू करवाया गया था. मगर बहुत कम लोग ही जानते हैं कि इस शो के लीड रोल के लिए डायरेक्टर की पहली पसंद शाहरुख़ ख़ान नहीं थे.

इस बात का ख़ुलासा टीवी सीरियल ‘फ़ौजी’ के डायरेक्टर कर्नल राज कपूर ने अपने एक इंटरव्यू में किया था. उन्होंने बताया था कि कैमरे ने शाहरुख़ को उनकी सादगी के चलते सेलेक्ट कर लिया क्योंकि वो उन्हें भा गया था.

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शाहरुख़ को ये रोल कैसे मिला इसका ज़िक्र भी इस इंटरव्यू में किया गया है. दरअसल, हुआ यूं के कर्नल राज कपूर के साले एक रियल स्टेट ब्रोकर थे. शाहरुख़ ख़ान की मां उनसे एक किराए पर रहने के लिए घर की तलाश में मिली थीं. उसी दौरान उनकी मां ने बताया था कि उनका बेटा एक एक्टर है.

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वहीं कपूर साहब के साले ने बताया कि उनके जीजा एक टीवी सीरियल के लिए कुछ एक्टर की तलाश कर रहे हैं. इस तरह शाहरुख़ अगले दिन कर्नल राज कपूर से मिलने उनके घर पहुंच गए. जब शाहरुख़ वहां पहुंचे तो उस दिन कर्नल राज कपूर कुछ कमांडो के लिए ऑडिशन ले रहे थे. उन्होंने शाहरुख़ ख़ान को देखकर कहा कि- ‘क्या तुम कमांडो के रोल के लिए आए हो?’

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तब शाहरुख़ ने कहा- ‘हां, सर मैं एक कमांडो का रोल अच्छे निभाऊंगा’. ऑडिशन में सभी एक्टर्स को एक कमांडो की तरह ट्रेनिंग वाली ड्रिल करनी थी. इसमें उन्हें कुछ किलोमीटर की दौड़ लगानी थी. कुल 9 लोग थे जिसमें से लगभग सभी ने हार मान ली मगर शाहरुख़ ख़ान डटे रहे.

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उनके जज़्बे को देख कर ही कर्नल साहब ने उन्हें सेलेक्ट कर लिया था लीड रोल के लिए. शूटिंग का एक और क़िस्सा इसमें बताया गया है. दरअसल, शाहरुख़ ख़ान अकसर सेट पर शूटिंग के लिए लेट आया करते थे. तो एक दिन जब शाहरुख़ सेट पर लेट पहुंचे तो कर्नल साहब उनके पीछे पत्थर उठा कर दौड़े थे. उस दिन के बाद से शाहरुख़ कभी शूटिंग के लिए लेट नहीं हुए.

कर्नल राज कपूर का दो साल पहले निधन हो गया था. तब उनके निधन पर शाहरुख़ ख़ान ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा था अगर वो न होते तो शायद वो आज जिस मुकाम पर हैं, वहां न होते.

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