ऋतिक रोशन की मोस्ट अवेटेड फ़िल्म सुपर-30 का ट्रेलर रिलीज़ हो गया है. Google, Unilever और पेप्सिको का हेड कौन है-एक इंडियन. फ़िल्म के ट्रेलर की शुरुआत तो धमाकेदार होती है. लेकिन जब ऋतिक रौशन स्क्रीन पर आते हैं, तो ऐसा लगता है, जैसे उनसे ज़बरदस्ती ये रोल करवाया गया हो.

ये भारत के Genius Mathematician आनंद कुमार की बायोपिक है. इसमें उन्होंने कैसे अपने सुपर-30 कोचिंग सेंटर की शुरुआत की थी उसकी कहानी दिखाई जाएगी. इस कोचिंग सेंटर में वो ग़रीब बच्चों को मुफ़्त में IIT की कोचिंग देते हैं.

मेरे हिसाब से फ़िल्म का प्लॉट तो अच्छा है और रियल भी है. लेकिन इसमें ऋतिक किसी भी एंगल से बिहारी नहीं लग रहे हैं. न तो शक़्ल से और न ही बोलने के अंदाज़ से. ऐसा लग रहा है कि ज़बरदस्ती ऋतिक को गरीब दिखाने की कोशिश की गई है. वैसे भी ये कहां लिखा है कि हर गरीब का रंग दबा हुआ होता है. 

इस ट्रेलर को देखकर सैफ़ और दीपिका की मूवी आरक्षण की याद आ जाती है. वही शिक्षा जगत पर बड़े-बड़े नेताओं का राज और उससे लड़ता अकेला गरीब शिक्षक.

इस फ़िल्म को विकास बहल ने डायरेक्ट किया है. इसमें पंकज त्रिपाठी, मृणाल ठाकुर, अमित साध जैसे कलाकार भी हैं. सुपर-30 12 जुलाई को रिलीज़ होगी. तब तक आप इसके ट्रेलर से ही काम चलाइए: