बॉलीवुड फ़िल्मों में चोर, पुलिस और डकैत के कई यादगार किरदार मौजूद हैं. कई बार ये किरदार ही फ़िल्मों में ज़रूरी मसाला-तड़का डालने में कामयाब रहते है और कई फ़िल्मों की कहानी इनके ही आगे-पीछे बुनी जाती है. लेकिन इन्हीं के बीच हमारे पास वकील के किरदारों की भी लंबी फेहरिस्त है, जिन्हें हम भूल जाते हैं.
ये वकील ही तो हैं जो हमारे ‘हीरो’ को न्याय दिलाते हैं. इसी कारण कई बार ये खुद ही हीरो बन जाते हैं. कई फ़िल्मों का कोर्टरूम ड्रामा तो फ़िल्म की यूएसपी तक बन जाता है. चाहे ‘दामिनी’ में सनी देओल का ‘तारीख पे तारीख’ हो या फिर ‘पिंक’ में अमिताभ बच्चन का ‘नो मीन्स नो’ हो, ये डायलॉग्स ही फ़िल्म की पहचान बन गए. आज बात करते हैं ऐसे ही पर्दे के वकीलों की.
1. रानी मुखर्जी – वीर ज़ारा
2004 में आई इस फ़िल्म में रानी मुख़र्जी एक पाकिस्तानी युवा वकील साइमा सिद्दिकी के किरदार में हैं, जो अपना पहला केस लड़ रही है. साइमा भारतीय कैदी वीर का केस लड़ती है. एक भारतीय मुवक्किल होने के अलावा, साइमा की मुश्किल ये है कि उनके खिलाफ़ एक ऐसा वकील है, जो कभी कोई केस नहीं हारा है. लेकिन, साइमा वीर का केस पूरी शिद्दत से लड़ती है और ज़रूरत पड़ने पर भारत भी आ जाती है. अंत में वो ये केस जीत जाती है और दूसरे पक्ष के वकील ज़ाकिर अहमद (अनुपम खेर) को बड़ा झटका लगता है.
2. अन्नू कपूर – ऐतराज़
इस फ़िल्म में अन्नू कपूर वकील राम चौथरानी के किरदार में हैं. उनके मुवक्किल राज मल्होत्रा (अक्षय कुमार) पर सोनिया (प्रियंका चोपड़ा) रेप की कोशिश का झूठा आरोप लगाती है. मामला संवेदनशील होने के कारण इन आरोपों के झूठा साबित करने में उन्हें खासी मुश्किल आती है, लेकिन बड़ी होशियारी से वो राज के पक्ष में सुबूत जुटाते हैं. केस के लिए इतनी मेहनत करने के बाद ऐन वक़्त पर उनकी मौत हो जाती है और ये केस खुद राज की पत्नी (करीना कपूर) किताबें पढ़कर संभालती है और जीत लेती है.
3. अरशद वारसी – जॉली एलएलबी
वकालत के पेशे के अन्दर के भ्रष्टाचार को दिखाने वाली इस फ़िल्म में अरशद वारसी जॉली के किरदार में हैं. जॉली यानि, जगदीश त्यागी ने LLB किया है और मेरठ से दिल्ली वकील बनने आता है. लेकिन यहां उसका सामना होता है पेशे में पसरे भ्रष्टाचार से. वह कैसे इस व्यवस्था के साथ सामंजस्य बना पाता है, यही फ़िल्म की कहानी है.
4. बमन ईरानी – जॉली एलएलबी
फ़िल्म ‘जॉली एलएलबी’ में ही बमन ईरानी निगेटिव रोल में हैं. फ़िल्म में बमन दिल्ली के मशहूर वकील तेजिन्दर पाल के किरदार में हैं. तेजिन्दर बड़े-बड़े क्लाइंट्स का केस मोटी रकम लेकर लड़ते हैं. उनका मकसद किसी भी हाल में केस जीतना होता है. इसके लिए उन्हें चाहे कोई भी साम-दाम-दंड भेद अपनाना पड़े.
5. अमिताभ बच्चन – पिंक
समाज में लड़कियों की परेशानियों पर बनी ये फ़िल्म पिछले साल ही आई थी. फ़िल्म में अमिताभ बच्चन वकील दीपक सहगल के किरदार में हैं, जो कहानी की तीनों लड़कियों को अपराधियों के खिलाफ़ लड़ने में मदद करते हैं. जब सारा समाज इन लड़कियों के खिलाफ़ हो जाता है, तो उनका साथ दीपक ही देते हैं. वो सबको बताते हैं कि कैसे हर बात पर लड़कियों की गलती मान ली जाती है. फ़िल्म में कोर्ट में अमिताभ बच्चन के डायलॉग्स ही फ़िल्म की जान हैं.
6. अक्षय कुमार – जॉली एलएलबी 2
ये फ़िल्म 2013 की जॉली एलएलबी की सीक्वल है. पिछली फ़िल्म के जगदीश त्यागी की तरह ही इस फ़िल्म का जगदीश्वर मिश्रा भी भ्रष्टाचार से लड़ता है.
7. गोविंदा – क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता
गोविन्दा और सुष्मिता सेन स्टारर ‘क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता’ एक कॉमेडी फ़िल्म है जिसमें गोविंदा, यानि राज मल्होत्रा एक वकील है. राज हर बात पर झूठ ही बोलता है. इन्हीं झूठ के बदौलत वो कोर्ट में केस जीतता रहता है. लेकिन, एक दिन उसका बेटा उसके मुंह से हर बात सच निकलने की दुआ करता है और ये दुआ कुबूल हो जाती है. अब राज अपने केस में भी सिर्फ़ सच ही बोलता है. यहीं से फ़िल्म का टर्निंग प्वाइंट शुरु हो जाता है और शुरु होती है सच के लिए राज की लड़ाई.
8. ऐश्वर्या राय – जज़्बा
2015 में आई क्राइम थ्रिलर, ‘जज़्बा’ भले ही बॉक्स ऑफ़िस पर न चली हो, लेकिन ऐश के किरदार और उनकी दमदार एक्टिंग की खासी चर्चा हुई थी. ऐश्वर्या फ़िल्म में अनुराधा वर्मा के किरदार में हैं. इस फ़िल्म में अनुराधा एक क्रिमिनल लॉयर होने के साथ-साथ एक सिंगल मदर भी है.
9. राजकुमार राव – शाहिद
फ़िल्म ‘शाहिद’ एक सच्ची घटना पर आधारित है. शाहिद आज़मी को चरमपंथी होने का आरोप लगा था और उन्हें गिरफ़्तार किया गया था. इस दौरान उसने क़ानून की पढ़ाई की थी और छूटने के बाद आतंकवाद के आरोपों में फंसे निर्दोष लोगों की मदद करने लगा था. फ़िल्म में शाहिद का किरदार राजकुमार राव ने निभाया है.
10. सनी देओल – दामिनी
यूं तो सनी देओल अपनी फ़िल्मों में दमदार डायलॉग्स के लिए जाने जाते रहे हैं, लेकिन इस फ़िल्म में वकील के तौर पर उनके डायलॉग्स ने खूब वाहवाही बटोरी थी. ‘ये ढाई किलो का हाथ’, ‘तारीख पे तारीख’ जैसे Iconic डायलॉग्स सनी ने इसी फ़िल्म में बोले थे. इसमें वो वकील गोविंद के किरदार में हैं जो एक रेप विक्टिम, उर्मी को न्याय दिलाने के लिए कोर्ट में दामिनी की मदद करते हैं.