विद्वानों ने कहा है कि युद्ध को जितना हो सके उतना टालने की कोशिश करनी चाहिए. बात बिलकुल खरी है. युद्ध में जीतने और हारने वाले दोनों को जान और माल का नुकसान झेलना पड़ता है. इसलिए जहां तक संभव हो सके बातचीत कर इसे होने से रोका जाना चाहिए. इंडिया-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध को रोकने की ऐसी ही एक कोशिश की थी बॉलीवुड एक्टर दिलीप कुमार ने.
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बात उन दिनों की है जब भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लाहौर यात्रा से लौटे थे. इसी यात्रा के दौरान ही पाकिस्तानी सेना ने कारगिल में घुसपैठ कर उस पर कब्ज़ा कर लिया था. इस बात की ख़बर जब अटल जी को लगी तो उन्होंने तुरंत पाकिस्तानी पीएम नवाज़ शरीफ़ से बात करने के लिए फ़ोन घुमा दिया. उस वक़्त पाक पीएम ऑफ़िस में नवाज़ के साथ उनके Ex-Principal Secretary सईद मेहदी भी बैठे थे.
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फ़ोन की घंटी बजी और ADC ने उन्हें बताया कि हिंदुस्तानी पीएम उनसे तुरंत बात करना चाहते हैं. नवाज़ हैरान रह गए उन्होंने फ़ोन उठाया तो दूसरी तरफ से अटल जी ने कहा- ‘आपने हमें एक तरफ अमन कायम करने के लिए लाहौर यात्रा के लिए बुलाया दूसरी तरफ आपकी सेना ने कारगिल पर कब्ज़ा कर लिया. ये आपने सही नहीं किया.’
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नवाज़ शरीफ़ को इस बात का कोई इल्म नहीं था और उन्होंने हैरानी पूर्वक कहा- मुझे इस बात की कोई भनक भी नहीं है, मैं अपने सेनाध्यक्ष जरनल परवेज मुशर्रफ से बात कर आपको कॉल बैक करते हैं. उनके ये कहने के बाद अटल जी ने उन्हें रुकने के लिए कहा और कहा कि आपसे कोई बात करना चाहता है. ये कोई और नहीं बॉलीवुड के ट्रेजडी किंग दिलीप साहब थे. उनकी आवाज़ सुन पीएम शरीफ़ फिर से दंग रह गए.
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दिलीप साहब ने उनसे कहा- ‘मियां साहब हमने आपसे ये उम्मीद नहीं की थी. हम तो सोचते थे कि आप दोनों देशों के बीच अमन कायम करने के हिमायती हैं. मैं आपको एक भारतीय मुस्लिम की हैसियत से बता रहा हूं कि जब दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल होता है, तो यहां के मुस्लिम असुरक्षित महसूस करने लगते हैं, इतना कि उन्हें अपने घर से बाहर निकलने में भी दिक्कत होने लगती है. इस सिचुएशन को कंट्रोल करने के लिए आप जल्द से जल्द कुछ कीजिए.’
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इस बात का ज़िक्र पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख़ुर्शीद कसूरी की बुक ‘Neither A Hawk Nor A Dove’ में किया गया है. अफ़सोस की बात ये है कि दिलीप साहब की रिक्वेस्ट के बावजूद पाकिस्तानी पीएम कुछ नहीं कर पाए थे और 1999 में ही कारगिल युद्ध को टालने की उनकी कोशिश नाकामयाब हो गई थी.
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