‘टेलीविज़न’ को मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन माना जाता है. देश में इसका आरंभ भले ही धीमी गति से हुआ हो, लेकिन आज इसने हर घर पर अपना कब्ज़ा कर रखा है. छोटा पर्दा लोगों के दिल के ज़्यादा करीब इसीलिए भी है, क्योंकि इस पर आने वाले ज़्यादातर सीरियल्स पारिवारिक होते हैं. यही वजह है कि घर के बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर किसी को टीवी देखना अच्छा लगता है.
आज कल के धारावाहिकों में काफ़ी कुछ नया देखने को मिलता है. सीरियल के सेट्स से लेकर उसमें इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी तक, लेकिन इतना सब होने के बावजूद भी कहानियों में वास्तविकता की कमी भी देखने को मिलती है. शायद ही यही कारण है कि इन धारावाहिकों में बॉलीवुड फ़िल्मों के सीन के देखने को मिले.
1. कुछ रंग प्यार के ऐसे भी (कुछ-कुछ होता है)
इस सीरियल का प्रसारण सोनी टीवी पर होता था. सीरियल के इस सीन को देखने के बाद कोई भी बता सकता है कि ये फ़िल्म ‘कुछ-कुछ होता है’ से लिया गया है. इसमें सोनाक्षी और देव ठीक उसी तरह बॉस्केट बॉल खेलते हुए दिखाई देते हैं, जैसे फ़िल्म में राहुल और अंजली दिखाया गया था.
2. कुमकुम भाग्य (दिल तो पागल है)
फ़िल्म ‘दिल तो पागल है’ के सीन में जब शाहरुख़ खान, माधुरी दीक्षित से कहते हैं कि ‘और पास’, तो मूवी हॉल सीटियों और तालियों से गूंज उठा था. वहीं कुमकुम भाग्य के इस दृश्य में अभी भी प्रज्ञा से कुछ ऐसा ही कहते दिखाई देते हैं, लेकिन अफ़सोस सीरियल की क्रिएटिव टीम सीन को लेकर कुछ ख़ास कमाल नहीं कर पाई.
3. ये हैं मोहब्बतें और ये रिश्ता क्या कहलाता है (चेन्नई एक्सप्रेस)
चेन्नई एक्सप्रेस का ये सीन, तो याद ही होगा आपको? जब शाहरुख़ खान दीपिका पादुकोण को अपने हाथों में उठा कर मंदिर की 800 सीढ़ियां चढ़ते हैं. हू-ब-हू ऐसा ही ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में नैतिक और ‘ये हैं मोहब्बतें’ में रमन भी करते हैं.
4. ससुराल सिमर का (मिर्च मसाला)
धारावाहिक में जब विक्रांत सिमर से ज़बरदस्ती शादी करने के लिए कहता है, तो गांव की महिलाएं उसे रोकने के लिए उस पर लाल मिर्च पाउडर फेंकती हैं. फ़िल्म ‘मिर्च मसाला’ में नसीरुद्दीन शाह के साथ भी ऐसा किया जाता है.
5. कैसी ये यारियां (कुछ-कुछ होता है)
‘कुछ-कुछ होता है’ एक ऐसी सदाबहार फ़िल्म है, जो युवाओं को हमेशा से ही आकर्षित करती है. कई मौकों पर इस फ़िल्म के सीन्स को टीवी पर दिखाया जा चुका है, उन्हीं में से एक है MTV का ‘कैसी ये यारियां’ का ये सीन, जहां ध्रुव, शाहरुख़ की तरह नंदनी को गले से लगाते हुए, अलिया का हाथ पकड़ कर उसे रोक लेते हैं.
6. रंग बदलती ओढ़नी (संवारिया)
भला इसे देख कर कुछ बोलने की ज़रुरत है?
वैसे हम लोग टीवी सीरियल्स कुछ नया देखने की उम्मीद से देखते हैं, न कि बॉलीवुड फ़िल्मों को रिपीट होता देखने के लिए. आशा है कि आने वाले समय में टीवी पर कुछ Original देखने को मिलेगा.