India’s First Detective Series : 90s के समय में दूरदर्शन (Doordarshan) पर आने वाले टीवी शोज़ की बात ही कुछ अलग थी. उस दौरान की कास्ट से लेकर स्टोरीलाइन भी काफ़ी यूनिक थी. सस्पेंस, थ्रिलर, कॉमेडी जैसे तमाम जॉनर वाले शोज़ को दूरदर्शन पर देखने के लिए लोग उतावले रहते थे. आप इस बात से अंदाज़ा लगा सकते हैं कि आज भी 90s के उन शोज़ का काफ़ी क्रेज़ है.

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इन्हीं में से आज हम आपको एक ऐसे शो के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानने के बाद मन में नास्टैल्जिया की फ़ीलिंग आनी पक्की है. इस शो को देश की पहली डिटेक्टिव सीरीज़ माना जाता है. इसकी देखते ही देखते इतनी तगड़ी फैन फॉलोइंग हो गई थी कि इसे कल्ट क्लासिक कहा जाने लगा था.

क्या थी शो की कहानी?

इस शो का नाम है करमचंद (Karamchand). ये 1985 में टेलीकास्ट किया गया था और 2006 तक चला था. इस शो में करमचंद एक जासूस है, जो अपने अनोखे अंदाज में स्थानीय पुलिस को हत्याओं को सुलझाने में मदद करता है. वो हमेशा गाजर खाता रहता है और अक्सर पुलिस इंस्पेक्टर ए. खान के साथ शतरंज खेलता है. उसकी एक मज़ेदार सहायक है, किट्टी. जब भी वो कोई मूर्खतापूर्ण प्रश्न पूछती है, या लगभग रहस्य खोल देती है, तो करमचंद कहते हैं, “चुप रहो, किट्टी“. इसको लेकर क्रेज़ इतना ज़्यादा था कि लीड किरदार के नाम से कपड़ों से लेकर चश्मे यहां तक कि हलवा और मिठाई भी बिकने लगी थी.

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क्या थी इस शो की स्टारकास्ट?

इस शो में पंकज कपूर और सुष्मिता मुखर्जी (Sushmita Mukherjee) लीड रोल में थे. पंकज कपूर (Pankaj Kapoor) करमचंद नाम के डिटेक्टिव बने थे, और सुष्मिता उनकी असिस्टेंट थीं, जिसका नाम किट्टी था. शो को पंकज पाराशर ने डायरेक्ट किया था. जिस तरीक़े से करमचंद केस सुलझाते थे, वो तरीका लोगों को बेहद पसंद आता था. वो गाजर खाते-खाते केस सुलझाता था. जिसके बाद से करमचन्द गाजर नाम से गाजर बिकने लगी थी. इसमें पंकज कपूर के कैरेक्टर को काले चश्मे और मूंछ में बेहद पसंद किया गया था. सुष्मिता मुखर्जी के बाद ‘करमचंद’ में अर्चना पूरन सिंह ने किट्टी का रोल प्ले किया था.

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शो में पंकज कपूर की जगह था पहले ये एक्टर

दरअसल, इस शो में सबसे पहले डायरेक्टर आलोक नाथ को कास्ट करने वाले थे. पंकज पाराशर को एलिक पदमसी ने इस शो के पायलट एपिसोड को शूट करने के लिए 20 हजार रुपये दिए थे. उस टाइम आलोक नाथ ‘करमचंद’ के किए फ़ाइनल कर लिए गए थे और किट्टी का कोई रोल नहीं था. लेकिन बाद में पंकज पाराशर और आलोक नाथ के बीच कुछ मतभेद हो गए और आलोक शो से अलग हो गए. करमचंद’ की इतनी ज्यादा डिमांड थी कि पहले सीजन के खत्म होने के बाद दूरदर्शन को लोगों ने हजारों चिट्ठियां लिखीं और कहा कि करमचंद को वापस लाओ. तब पंकज पाराशर ने दूसरा सीज़न बनाया था, और वो भी हिट रहा.

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