जब एक फ़िल्म रिलीज़ होती है, तो उसके साथ उसमें अभिनय कर रहे स्टार्स, उसके गाने, उसके कपड़े और लोकेशंस हर चीज़ नए तरीके से रिलीज़ होती है. जो लोगों के जहन में एक याद के रूप में बस जाती है. एक फ़िल्म के हिट होने के लिए उसके गाने, उसकी कहानी और कलाकार मुख्य होते हैं. और ऐसी ही एक फ़िल्म थी ‘विरासत’.
एक अच्छी फ़िल्म के लिए जिन चीज़ों की ज़रूरत होती है, वो सब कुछ र्था इस फ़िल्म में. साल 1997 में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म में अनिल कपूर, तब्बू और पूजा बत्रा, और अमरीश पुरी मुख्य किरदारों में नज़र आये थे.
अगर बात की जाए फ़िल्म के संगीत की तो अनु मलिक की जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है. फ़िल्म का पायलें चुनमुन चुनमुन… हो या ढोल बजने लगा, या फिर हो तारे हैं बाराती… हर गाना अपने आप में बेहद खूबसूरत है. और होगा भी क्यों नहीं जब इन गानों के बोल निकले हैं बेहतरीन लिरिसिस्ट जावेद अख़्तर ने.
मगर आज हम बात करेंगे फ़िल्म के गाने तारे हैं बाराती चांदनी है ये बारात… सातों फेरे होंगे अब हाथों में लेकर हाथ…. इस गाने के रिलीज़ होने के बाद हर शादी की सीडी में फेरों के टाइम इसी गाने को रिकॉर्ड किया जाता था, और आज भी ये गाना लोगों की शादी के वीडियो और शादी में यूज़ किया जाता है.
सबसे पहले आप ये गान सुन लीजिये एक बार:
पर क्या आप जानते हैं कि ये गाना बना कैसे? नहीं न कोई न हम आपको इसके बनने की रोचक दास्तां आज बताएंगे. जी हां, इसी हफ्ते आये इंडियन आइडल शो में अपनी फ़िल्म पलटन का प्रमोशन करने जेपी दत्ता, जावेद अख़्तर और सोनू निगम आये थे.
जब शो की एक कंटेस्टेंट ने ये गाना गाया, तो हर किसी ने उनकी तारीफ़ की. और गाने की तारीफ़ करते हुए इस गाने के गीतकार जावेद अख़्तर ने इस गाने से जुड़ा एक किस्सा सुनाया.
जावेद साहब ने बताया कि ये गाना बहुत ही रोचक तरीके से बना था. अमूनन पहले गाने लिखे जाते हैं, फिर उनको संगीतबद्ध किया जाता है और उसके बाद उसको पिक्चराइज़ किया जाता है. लेकिन इस गाने के सात सब कुछ उल्टा हुआ था. माने कि पहले इसको पिक्चराइज़ किया गया, फिर उसके हिसाब से इसका म्युज़िक दिया अनु मलिक ने और सबसे बाद में पिक्चराइज़ेशन और म्युज़िक को देखते हुए इस गाने के बोल लिखे गए. और परिणाम आपके सामने हैं.
ये पूरा एपिसोड आप यहां देख सकते हैं.