बॉलीवुड के मशहूर प्रोडक्शन हाउस में से एक है धर्मा प्रोडक्शन. इसकी नींव रखी थी फ़ेमस फ़िल्म प्रोड्यूसर और करण जौहर के पिता यश जौहर जी ने. 1976 में स्थापित किए गए इस प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले कई सुपरहिट फ़िल्मों का निर्माण हो चुका है. इनमें ‘दोस्ताना’, ‘अग्निपथ’, ‘गुमराह’, ‘कल हो ना हो’, ‘कुछ कुछ होता है’ जैसी सुपरहिट फ़िल्मों के नाम शामिल हैं.
यश जौहर जी एक बिज़नेस मैन की फ़ैमिली में जन्मे थे जो मिठाई का कारोबार करते थे. वो कैसे फ़िल्मों में आए इससे जुड़ी स्टोरी आज हम आपके लिए लेकर आए हैं.

यश जौहर जी का जन्म अविभाजित भारत के लाहौर शहर में हुआ था. उनके पिता मिठाई के बड़े कारोबारी थे. विभाजन के बाद वो दिल्ली चले आए थे. यहां भी उन्होंने मिठाई का बिज़नेस शुरू किया. लेकिन यश जौहर का मन इस काम में नहीं लगता था.
उनकी मां ये जानती थीं और बेटे को अपने मन का काम करने के लिए कुछ पैसे देकर भेज दिया मुंबई. नए शहर में आकर कुछ दिन तो इन पैसों से ख़र्च चला लेकिन बाद में जब रुपये ख़त्म हो गए तो यश जौहर निकले नौकरी की तलाश में. जॉब ढूंढते हुए वो पहुंचे टाइम्स ऑफ़ इंडिया के ऑफ़िस. यहां उन्होंने मैनेजर से काम के बारे मे पूछताछ कि तो उन्हें अख़बार के फ़ोटोग्राफ़र दुबे जी के पास भेज दिया गया.

दुबे जी फ़िल्म और फ़िल्मी हस्तियों के फ़ोटो खींचा करते थे. उनके साथ वो कई दिनों तक इंडस्ट्री में घूमे. एक बार कि बात है वो बीमार पड़ गए और उनकी जगह यश जौहर जी को फ़िल्म ‘मुग़ल-ए-आज़म’ के सेट पर तस्वीरें लेने के लिए भेज दिया गया. ख़ासतौर पर मधुबाला जी की तस्वीरें, जो विरले ही किसी से फ़ोटो क्लिक करवाती थीं.

अब काम था तो करना था, यही सोच कर वो सेट पर पहुंच गए. चूंकि यश जौहर जी की इंग्लिश पर पकड़ अच्छी थी और वो बड़े अदब से सबसे बातें कर रहे थे, तो मधुबाला उनसे तस्वीरें खिंचवाने के लिए राज़ी हो गईं. मधुबाला जी ने उनसे कुछ देर बातें की फ़ोटो भी क्लिक करवाई. इस काम से पूरा ऑफ़िस उनका कायल हो गया. हर जगह-जगह उनके चर्चे थे और बाद में उन्हें परमानेंट नौकरी पर रख लिया गया.

इस तरह यश जौहर फ़िल्मी दुनिया में आए और यहीं काम करते-करते एक प्रोड्यूसर बन गए. यश जौहर जी से जुड़ा ये क़िस्सा करण जौहर ने अपनी बायोग्राफ़ी An Unsuitable Boy में बयां किया है.
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