एक्टर ओमप्रकाश की गिनती बॉलीवुड के लेजेंड्री स्टार्स में होती है. कॉमेडी में तो उनका कोई हाथ ही नहीं पकड़ सकता था. वो अपनी कमाल की कॉमिक टाइमिंग से लोगों को चकित कर दिया करते थे. अपने क़रीब 56 साल के करियर में उन्होंने बॉलीवुड में 350 से अधिक फ़िल्मों में काम किया था.

उनकी कुछ यादगार फ़िल्में हैं- ‘चुपके-चुपके’, ‘पड़ोसन’, ‘चमेली की शादी’, ‘जूली’, ‘पूरब पश्चिम’, ‘शराबी’, ‘नमक हलाल’, ‘प्यार किए जा’, ‘खानदान’, ‘चौकीदार’, ‘लावारिस’, ‘आंधी’, ‘लोफर’, ‘ज़ंजीर’. ओमप्रकाश जी ने कई फ़िल्में डायरेक्ट और प्रोड्यूस भी की थीं. मतलब नाम भी ख़ूब कमाया और पैसा भी. मगर एक वक़्त ऐसा भी था जब उनके पास खाने तक को पैसे नहीं थे. ओमप्रकाश जी से जुड़ा ये क़िस्सा आज हम आपको बताएंगे. 

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बात उन दिनों की है जब ओमप्रकाश जी काम की तलाश में मुंबई आए थे. काम की तलाश में कई दिनों तक एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो तक भटकते रहे. मगर हर जगह से वो खाली हाथ ही लौटते थे. धीरे-धीरे उनके पास जो पैसे थे वो ख़त्म हो गए. 1948 की एक सुबह उन्हें सड़क पर चलते हुए चक्कर आने लगे. क्योंकि उन्होंने तीन दिनों से कुछ नहीं खाया था.

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इस डर से कहीं वो चक्कर खाकर बेहोश न हो जाएं, वो पास के ही एल्फ़िनस्टोन होटल में चले गए. वहां उन्होंने एक बिरयानी, चिकन मसाला और लस्सी ऑर्डर की. उस वक़्त होटल में ये सिस्टम होता था कि खाना खाने के बाद जब कस्टमर उठता तो वेटर उसका बिल बताता. ओमप्रकाश जी खाना खाकर चलने लगे तभी वेटर ने बिल बताया 16 रुपये. उस ज़माने ये बहुत ज़्यादा रकम होती थी. अब ओमप्रकाश जी के पास फूटी कौड़ी नहीं थी. तो उन्होंने मैनेजर के पास जाकर सब कुछ साफ़-साफ़ कह दिया.

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उन्होंने कहा- ‘मैं बेरोज़गार हूं और 3 दिन से कुछ नहीं खाया था. आपका होटल दिखा तो मैं ख़ुद को रोक नहीं पाया और आकर खाना खा लिया. लेकिन मैं वादा करता हूं कि जिस दिन बड़ा आदमी बन जाऊंगा, यहां आऊंगा और बिल चुका दूंगा.’

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इससे मैनेजर ख़ुश तो नहीं हुआ पर उसने ओमप्रकाश जी को जाने दिया. इस वाकये के कुछ दिनों बाद उन्हें डायरेक्टर जयंत देसाई ने उनको एक फ़िल्म(लखपति) के लिए साइन कर लिया. साइनिंग अमाउंट दिया 1000 रुपये. उनके द्वारा दिए गए चेक को ओमप्रकाश ने एक बैंक से भुनाया और सीधे उस होटल वाले के पास पहुंच गए.

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होटल के मैनेजर ने पहले तो उन्हें पहचाना ही नहीं. मगर जब ओमप्रकाश जी ने याद दिलाया तो वो बिल लेने को राज़ी हो गए. ओमप्रकाश जी से जुड़ा ये क़िस्सा आप यहां पढ़ सकते हैं. 


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