देवानंद के भांजे शेखर कपूर की पहचान इंडस्ट्री के ऐसे डायरेक्टर्स में होती है, जिन्होंने बॉलीवुड ही नहीं हॉलीवुड में भी नाम कमाया है. उन्होंने बॉलीवुड को मासूम, मिस्टर इंडिया, बैंडिट क्वीन जैसी फ़िल्में दी हैं. उनके द्वारा बनाई गई हॉलीवुड फ़िल्म एलिजाबेथ को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया था. यही नहीं इस मूवी ने British Academy Film Awards(BAFTA) का बेस्ट फ़िल्म का अवॉर्ड भी जीता था.
ख़ैर, आज बात होगी शेखर कपूर की उस फ़िल्म की जिसने हमें एक आला दर्जे का डायरेक्टर दिया. वो फ़िल्म थी मासूम जो 1983 में रिलीज़ हुई थी. अपनी पहली फ़िल्म मासूम को बनाने के लिए कैसे शेखर कपूर ने फ़ाइनेंसर को मनाया था, इसका एक दिलचस्प क़िस्सा आज हम आपके लिए लेकर आए हैं.
बात उन दिनों की है जब शेखर कपूर एक स्ट्रग्लिंग एक्टर हुआ करते थे. कुछ फ़िल्मों में काम करने के बाद उनकी दोस्ती बॉलीवुड एक्ट्रेस शबाना आज़मी से हो गई. शबाना आज़मी वो शख़्स थीं जिन्होंने शेखर कपूर को एक डायरेक्टर बनने के लिए इंस्पायर किया. उन्हें लगता था कि शेखर के पास एक अच्छी फ़िल्म बनाने की क़ाबिलियत है.
उनकी बातों पर यक़ीन कर वो एक फ़िल्म की स्टोरी पर काम करने लगे. उन्होंने एक कहानी लिख डाली और वो कहानी उन्होंने देवी दत्त(गुरू दत्त के भाई) को सुनाई. उन्हें कहानी पसंद आई और वो एक फ़ाइनेंसर के पास इस स्टोरी को लेकर पहुंचे. उनके ऑफ़िस पुहंच कर उन्होंने फ़ाइनेंसर को कहानी सुनाना शुरू किया. 5 मिनट के अंदर उन्हें पता चल गया कि फ़ाइनेंसर को उनकी कहानी पसंद नहीं आ रही है.
इसी बीच शेखर कपूर ने देखा कि उस ऑफ़िस में बच्चों की कई तस्वीरें थीं. इससे उन्हें अंदाज़ा हो गया कि फ़ाइनेंसर को बच्चों से लगाव है. उनके दिमाग़ की बत्ती जली और उन्होंने बड़ी ही चालाकी से उस कहानी में एक नॉवेल की कहानी जोड़ दी. ये नॉवेल था ‘मेन वुमैन एंड चाइल्ड.’ फ़ाइनेंसर को स्टोरी पसंद आ गई.
इसके बाद फ़ाइनेंसर ने इस फ़िल्म में पैसा लगाने की हामी भर दी. फ़िल्म का नाम था मासूम. इसमें नसीरुद्दीन शाह, शबाना आज़मी, सुप्रिया पाठक, सईद जाफ़री, जुगल हंसराज, उर्मिला मातोंडकर जैसे कलाकार थे. फ़िल्म लोगों को पसंद आई. साथ ही लोगों को पसंद आया था डायरेक्टर का स्टोरी कहने का अंदाज़. इस मूवी ने इंडियन फ़िल्म मेकिंग में कई नए मापदंड स्थापित किए थे और आज भी इसे बॉलीवुड की क्लासिक फ़िल्मों में गिना जाता है.
इस फ़िल्म से जुड़ा ये क़िस्सा आप यहां सुन सकते हैं.