बॉलीवुड स्टार प्रेमनाथ 60 और 70 के दशक के मशहूर एक्टर थे. ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘धर्मात्मा’, ‘बॉबी’, ‘जानी दुश्मन’ जैसी कई सुपरहिट फ़िल्मों में उनके द्वारा निभाए गए नेगेटिव रोल को लोग बहुत पसंद किया करते थे. वो उस ज़माने के मशहुर विलेन हुआ करते थे, इसके बावजूद उनके चाहने वालों की कोई कमी नहीं थी. फ़ुटपाथ पर रहने वाले ग़रीब लोग और बच्चे तक उन्हें पहचाना करते थे. आज हम प्रेमनाथ जी से जुड़ा एक दिलचस्प क़िस्सा आपसे शेयर कर रहे हैं.

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बात उन दिनों कि है जब प्रेमनाथ फ़िल्म ‘जानेमन’ की शूटिंग कर रहे थे. इस मूवी में देवानंद और हेमा मालिनी जैसे स्टार भी थे. एक दिन वो इस फ़िल्म की शूटिंग कर वापस अपने घर लौट रहे थे. माहिम की रेड लाइट पर उनकी कार रुकी. यहां फ़ुटपाथ पर मौजूद बच्चों ने उन्हें पहचान लिया और जोर-जोर से प्रेमनाथ यानी उनका नाम चिल्लाने लगे.

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सिग्नल ग्रीन हुआ और गाड़ी आगे बढ़ गई. मगर कुछ दूर जाने के बाद प्रेमनाथ ने ड्राइवर को गाड़ी वापस उन बच्चों के पास ले जाने को कहा. ड्राइवर ने गाड़ी मोड़ी और बच्चों के पास पहुंच गया. यहां प्रेमनाथ ने बच्चों को इशारा कर बुलाया और पूछा- ‘हमें जानते हो’?

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तब बच्चों ने कहा हां और ये भी बताया कि वो हिंदी सिनेमा के मशहूर विलेन यानी एक्टर हैं. प्रेमनाथ ने बच्चों का टेस्ट लेने के लिए अपनी फ़िल्मों के नाम पूछे. बच्चों ने भी एक-एक कर उनकी कई फ़िल्मों के नाम गिना दिए. इस बात से प्रेमनाथ बहुत ख़ुश हुए और गाड़ी की दराज से 100 के नोट की एक गड्डी उठाकर एक-एक कर बच्चों में बांटने लगे.

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इसके बाद वहां मौजूद दूसरे ग़रीब लोग भी आ गए. सभी लोग उनका नाम लेते और वो सबको एक-एक सौ का नोट थमाते जाते. इस तरह जब उनकी पूरी गड्डी ख़त्म हो गई तो वो गाड़ी से अपने घर की ओर निकल गए. ऐसे थे प्रेमनाथ जी. उनसे जुड़ा ये क़िस्सा आप यहां पढ़ सकते हैं.

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