7 जनवरी 1967 को जयपुर में जन्मे इरफ़ान ख़ान ने बीते साल इस दुनिया को अलविदा कह दिया. अग़र वो ज़िंदा होते तो आज अपना 54वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे होते. इरफ़ान का फ़िल्मी सफ़र ऐसे गुज़रा है, मानो अभिनय का एक सुनहरा ज़माना गुज़र गया हो.
बॉलीवुड हो या फिर हॉलीवुड, इरफ़ान ख़ान ने हर जगह अपने शानदार अभिनय की छाप छोड़ी है. 74 से ज़्यादा फ़ीचर फिल्मों में काम करने वाले इरफ़ान ने अपने फ़िल्मी करियर में कुछ ऐसे यादगार क़िरदार निभाए हैं जिन्हें इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा. आइए, जानते हैं कुछ ऐसे ही क़िरदारों के बारे में जिनके लिए इरफ़ान ख़ान को हमेशा याद किया जाएगा.
1.हासिल
तिग्मांशु धूलिया की इस फ़िल्म में इरफ़ान ने एक निगेटिव क़िरदार निभाया था. क़िरदार का नाम रणविजय सिंह था, जो एक स्टूडेंट लीडर है. छात्र राजनीति पर बनी ये फ़िल्म एक कल्ट बन गई, जिसके पीछे वजह इरफ़ान थे.
ये वही फ़िल्म थी, जिसमें इरफ़ान को देखकर बड़े-बड़े फ़िल्ममेकर्स हैरान रह गए. हर शख़्स सोच में पड़ गया कि आख़िर कोई इस तरह की एक्टिंग कैसे कर सकता है. बिल्कुल ज़िंदा, मानो जो चल रहा है, वो सब बाकायदा इरफ़ान ने जिया है. इरफ़ान को इस फ़िल्म के लिए ‘बेस्ट ऐक्टर इन अ नेगेटिव रोल’ के लिए ‘फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड’ से भी नवाज़ा गया था.
2. मकबूल
इस फ़िल्म का डायरेक्शन विशाल भरद्वाज ने किया था. फ़िल्म में में पंकज कपूर, ओम पुरी, नसीरुद्दीन शाह, तब्बू और पीयूष मिश्रा जैसे बेहतरीन कलाकार थे, लेकिन हर किसी की निगाह बस मकबूल (इरफ़ान ख़ान) के चेहरे पर ही टिकी थी. फ़िल्म में इरफ़ान का महज़ एक सीन इरफ़ान की शानदार एक्टिंग का लोहा मनवाने के लिए काफ़ी है.
फ़िल्म में एक जगह पुलिस वाला इरफ़ान को थप्पड़ मारता है. इरफ़ान ग़ुस्से में जवाब देना चाहते हैं, लेकिन पियूष मिश्रा का क़िरदार उन्हें रोके रखता है. थप्पड़ पड़ने और जवाब देने की ज़िद के बीच इरफ़ान के चेहरे के हाव-भाव कुछ ऐसे होते हैं, कि यक़ीन नहीं होता कि ये शख़्स वाकई में एक्टिंग कर रहा है. फ़िल्म में इरफ़ान ने अपने क़िरदार से जो छाप छोड़ी थी, उसे आज तक याद किया जाता है.
3. पान सिंह तोमर
पान सिंह तोमर का क़िरदार कौन भूल सकता है. मशहूर एथलीट से डकैत बने पान सिंह तोमर को इरफ़ान ने पर्दे पर जिस ख़ूबसूरती से ज़िंदा किया था, वैसा शायद ही कोई दूसरा एक्टर कर पाता. बिल्कुल देसी, मिट्टी से जुड़ा हुआ क़िरदार, जिसमें बनावट की ज़रा भी जगह नहीं थी. फ़िल्म में बेहतरीन अभिनय के लिए इरफ़ान को बेस्ट एक्टर के ‘नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड’ से नवाज़ा गया था.
4. द लंच बॉक्स
फ़िल्म का डायरेक्शन रितेश बत्रा ने किया था. ये फ़िल्म इरफ़ान, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और निमरत कौर जैसे बेहतरीन कलाकारों से सजी थी. फ़िल्म में इरफ़ान ने साजन फर्नांडीस का क़िरदार निभाया था, जो पत्नी की मौत के बाद से ही अकेले रहता है.
इरफ़ान ने अपने क़िरदार में जिस तरह के ठहराव को शामिल किया था, वो देखने लायक है. इरफ़ान ने वाकई में साबित कर दिया, कि किसी क़िरदार की सादगी दर्शकों पर एक अलग किस्म का प्रभाव डाल सकती है.
5. हिंदी मीडियम
इस फ़िल्म में इरफ़ान ने राज बत्रा नाम के एक पिता का क़िरदार निभाया था, जो पत्नी की ज़िद के कारण अपने बच्चे को अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल में पढ़ाने के लिए जद्दोज़हद करता है. फ़िल्म में इरफ़ान ने अपने क़िरदार को इस तरह से निभाया कि कभी दर्शक हंस-हंसकर लोटपोट हो गए तो कभी उनकी आंख़ें भर आईं. इरफ़ान का ये क़िरदार भी हमेशा याद किया जाएगा. इस फिल्म के लिए भी इरफ़ान को बेस्ट एक्टर का ‘फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड’ मिला था.
6. तलवार
आरुषि हत्याकांड पर बेस्ड क्राइम थ्रिलर फ़िल्म में इरफ़ान ने एक सीबीआई अधिकारी अश्विन कुमार का क़िरदार निभाया था. इन्वेस्टिगेशन से जुड़ी बारीकियों और सीबाआई अधिकारियों की बॉडी लैंग्वेज को इरफ़ान ने अपने क़िरदार में इतनी ख़ूबसूरती से शामिल किया, जिसे देखकर लोग उनकी तारीफ़ करते नहीं थके.
7. पीकू
इस फ़िल्म में अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गज एक्टर और दीपिका पादुकोण जैसी बेहतरीन अभिनेत्री थी, लेकिन जब इरफ़ान ख़ान की एंट्री होती है तो बस उन पर ही नज़रें टिक जाती हैं. पिता-बेटी के रिश्ते वाली इस फ़िल्म में इरफ़ान ने राणा चौधरी का किरदार निभाया था.
ये वो क़िरदार था, जो अपने परिवार से परेशान है, लड़की के पिता (अमिताभ बच्चन) से भी कुछ हद तक. तीनों के बीच रिश्ता एक सफ़र के दौरान एक-दूसरे से गहरा होता जाता है. इरफ़ान ने इस क़िरदार को जितनी सहजता से जिया, वो देखने लायक है.
8. रोग
‘मैंने दिल से कहा ढूंढ लाना ख़ुशी, नासमझ लाया ग़म, तो ये ग़म ही सही.’ ये गाना किसे नहीं पसंद. इरफ़ान को इस गाने में देखना ग़ज़ब फ़ील देता है. फ़िल्म में इरफ़ान ने उदय सिंह राठौड़ का क़िरदार निभाया, जो एक पुलिस ऑफ़ीसर है. उसे एक मॉडल के मर्डर का केस सॉल्व करने को मिलता है, पर इस दौरान वो उसी मॉडल से मन ही मन प्यार करने लगता है.
नींद न आने की बीमारी से जुझता उनका क़िरदार केस में उलझता जाता है. पूरी फ़िल्म में इरफ़ान से नज़रे हटाना नामुमकिन बन जाता है. ये इरफ़ान की ख़ासियत थी कि वो हर क़िरदार को ऐसे ज़िंदा कर देते थे, मानो वो शख़्स हमारे आस-पास से कई बार गुज़र चुका है.
9. द नेमसेक
झुंपा लाहिड़ी के मशहूर नॉवेल ‘द नेमसेक’ पर बनी इस फ़िल्म में इरफ़ान और तब्बू ने मुख्य क़िरदार निभाए थे. इरफ़ान ने अशोक नाम का क़िरदार निभाया था. इस फ़िल्म ने इरफ़ान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई थी. फ़िल्म कई इंटरनेशनल अवॉर्ड मिले थे और इसमें इरफ़ान के साथ तब्बू मुख्य भूमिका में थीं.
10. लाइफ़ ऑफ़ पाई
इस हॉलीवुड फ़िल्म में इरफ़ान ने पाई का लीड रोल निभाया गया था. इस फ़िल्म में पूरी दुनिया में सराहना बटोरी और इरफ़ान ने एक्टिंग का हर कोई क़ायल हो गया. केवल चेहरे के हाव-भाव और आंखों से दिल के जज़्बात बयां करने की कला को देख हर शख़्स इरफ़ान का फ़ैन बन गया.
इरफ़ान आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वो अपने इन क़िरदारों के ज़रिए हमेशा हमारे दिलों में ज़िंदा रहेंगे.