दिवंगत बॉलीवुड एक्टर इरफ़ान ख़ान को दुनिया से अलविदा कहे पांच महीने हो गए हैं. इन पांच महीनों में उनके बेटे बाबिल और उनकी पत्नी सुतापा सिकदर उनको अक्सर याद कर सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ी यादें शेयर करते रहते हैं. एक बार इरफ़ान ख़ान से जुड़ी एक बात पर फ़ैन ने सोशल मीडिया पर चिंता जताई है. ये चिंताजनक बात उनकी ‘उजड़ी’ कब्र से जुड़ी है, जिसकी फ़ोटो अभिनेता चंदन रॉय सान्याल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की है. इरफ़ान की कब्र मुंबई के वर्सोवा कब्रिस्तान में हैं.
चंदन रॉय के तस्वीर पोस्ट करने के बाद फ़ैंस ने सवाल पूछने शुरू कर दिए.
Was missing irrfan since yesterday, beating myself for not having gone to his tomb for 4 months. Today i went ,there he was resting alone with no-one around with plants. In silence. I left him some Rajnigandha and took a piece of him back with his blessings. So long #IrrfanKhan pic.twitter.com/3xzoAS7zzZ
— Chandan Roy Sanyal (@IamRoySanyal) September 20, 2020
फ़ेसबुक पर सुतापा सिकदर से मोनिका मुखर्जी नाम की यूज़र ने पूछा,
हाल ही में मैंने इरफ़ान भाई की कब्र की एक तस्वीर देखी, जिसे देखकर मेरा दिल टूट गया, क्योंकि अभी तो कुछ महीने ही हुए हैं और उनकी कब्र कूड़ेदान की तरह दिखने लगी है. मैंने सोचा, आपने रात की रानी का पौधा लगाया होगा क्योंकि उन्हें ये पेड़ पसंद था. क्या हुआ? अगर ये तस्वीर सही है, तो ये शर्म की बात है. अगर आपके पास कोई हालिया तस्वीर है तो कृपया उसे पोस्ट करें.
मोनिका मुखर्जी को जवाब देते हुए सुतापा सिकदर ने लिखा,
मोनिका, औरतों को कब्रिस्तान में जाने की इजाज़त नहीं होती है. इसलिए मैंने रात की रानी का पेड़ इगतपुरी में लगाया था, जहां उनकी याद में एक मेमोरी स्टोन भी बनवाया है. कब्र में उनकी कुछ पसंदीदा चीज़ों को भी दफ़नाया था, वो जगह मेरी है, जहां मैं घंटों बिना किसी की रोक-टोक के उनके साथ समय बिता सकती हूं, उनकी रूह वहीं हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कब्र को ऐसे ही छोड़ दिया जाए. जहां तक उनकी कब्र की मौजूदा परिस्थिति की बात है तो बारिश में जंगली घास उग आती है, जिस तस्वीर की बात आप कर रही हैं उस तस्वीर में उगी घास मुझे ख़ूबसूरत लग रही है. बारिश होती है, तो जंगली पौधे और घास उग जाती है और मौसम जाते ही सूख जाते हैं, जिसके बाद इनको काट दिया जाता है. हर चीज़ का ठीक उसी तरह होना ज़रूरी है क्या, जैसा परिभाषित किया गया है? क्या पता, पौधों का बढ़ना एक उद्येश्य के तहत हो.
फ़ैन के तस्वीर पर प्रतिक्रिया देने के बाद इरफ़ान ख़ान की कब्र को साफ़ कर दिया गया है और वहां पर जंगली घास को काटकर ताज़ा फूलों के पेड़ लगा दिए गए हैं. इन तस्वीरों को इरफ़ान के बड़े बेटे बाबिल ने शेयर किया है.
आपको बता दें, साल 2018 में इरफ़ान ख़ान न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़ित थे, जिसके इलाज के लिए इरफ़ान लंदन गए थे और क़रीब साल भर इलाज कराने के बाद वो वापस भारत लौटे. लंदन वापसी करने के बाद इरफ़ान ने ‘अंग्रेज़ी मीडियम’ की शूटिंग की थी. अचानक तबियत ख़राब होने के चलते उन्हें मुंबई के ही हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने 29 अप्रैल को आख़िरी सांस ली.