बॉलीवुड फ़िल्मों के लिए अच्छी कहानी, ज़बरदस्त डायलॉग, शानदार स्क्रीनप्ले और बेहतरीन संगीत के साथ-साथ परफ़ेक्ट प्रॉप्स (Props) का होना भी बेहद ज़रूरी माना जाता है. फ़िल्म मेकिंग में प्रॉप्स का मतलब होता है वो ज़रूरी वस्तुएं जिन्हें फ़िल्म की शूटिंग के दौरान इस्तेमाल किया जाता है. उदाहरण के तौर पर फ़िल्म के हीरो के हाथ में गिटार, माउथ ऑर्गन, पिस्टल, सीटी, टोपी, चश्मा, डंडा और जानवर आदि. प्रॉप्स के बिना किसी फ़िल्म की कल्पना करना भी मुश्किल है. मुंबई फ़िल्म सिटी और गोरेगांव में ऐसी कई दुकाने हैं जो फ़िल्मों के लिए Props सप्लाई करती हैं. इनका हर साल का टर्नओवर करोड़ों में होता है. जावेद ख़ान (Javed Khan) भी इन्हीं में से एक हैं.
ये भी पढ़िए: बॉलीवुड की वो 10 फ़िल्में जो सिनेमाघरों में हुई थीं फ़्लॉप, लेकिन OTT पर बिखेरा था जलवा
बॉलीवुड फ़िल्मों एनिमल मैन
आज हम आपको मुंबई के गोरेगांव वेस्ट में स्थित एक ऐसी ही दुकान के बारे में बताने जा रहे हैं जो बॉलीवुड और रीजनल फ़िल्मों में इस्तेमाल होने वाले जानवरों की सप्लाई का काम करते हैं. इस शॉप का नाम एनिमल गुरुकुल है, जिसके मालिक जावेद ख़ान (Javed Khan) हैं. बॉलीवुड फ़िल्मों में हमें ‘हाथी’ से लेकर ‘चींटी’ तक जितने भी जानवर दिखाई देते हैं, उनकी सप्लाई जावेद ही करते हैं. वो अब तक 1000 से अधिक फ़िल्मों में एनिमल्स सप्लाई कर चुके हैं.
अक्षय कुमार की ‘एंटरटेनमेंट’ फ़िल्म में दिखाया गया ‘Entertainment’ हो, या फिर आमिर ख़ान की फ़िल्म ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ का वो ‘अंग्रेज़ी गधा’ ये सभी जानवर जावेद ख़ान के ‘एनिमल गुरुकुल’ के पालतू जानवर थे. इस ‘एनिमल गुरुकुल’ में हाथी, घोड़े, कुत्ते, बिल्ली, तोते, गिलहरी और चींटियां समेत 50 से अधिक प्रकार के जानवर देखने को मिल जायेंगे. जावेद ख़ान इन जानवरों को फ़िल्मों के लिए कैसे तैयार करते हैं और वो इनसे कितनी कमाई कमाई हैं. आज हम आपको वही सब बताने जा रहे हैं.
कुत्ते की वजह से आया बिज़नेस का आइडिया
जावेद ख़ान का परिवार ये काम कई दशकों से करता आ रहा है. पिछले 45 सालों से उनके पिता अयूब ख़ान ‘एनिमल गुरुकुल’ के नाम से पेट सप्लाई का बिज़नेस चला रहे हैं. 80 के दशक में आर. के. स्टूडियो को एक कुत्ते की ज़रुरत थी. ऐसे में अयूब ख़ान ने कहीं से एक कुत्ता लाकर राज कपूर को दे दिया था. इसके बदले उन्हें अच्छे ख़ासे पैसे मिले थे. बस यहीं से उनके दिमाग में इस बिज़नेस का आइडिया आया था. इसका नाम ‘एनिमल गुरुकुल’ रखने का मक़सद ही यही था कि बेज़ुबान जानवरों को अच्छी ज़िंदगी देने के साथ ही ह्यूमन फ़्रेंडली बनाने के लिए ट्रेंड कराना.
आज बॉलीवुड फ़िल्मों से लेकर टीवी कमर्शियल में दिखाई देने वाले सभी जानवर ‘एनिमल गुरुकुल’ से ही सप्लाई होते हैं. जावेद ख़ान ने इनकी ट्रेनिंग के लिए ट्रेनर्स भी रखे हैं. फिल्मों की शूटिंग से पहले इन जानवरों को कलाकारों के साथ फ़्रेंडली होने के लिए तैयार किया जाता है. कैमरे ऑन होते ही जावेद कमरे के पीछे से भी इन्हें इंस्ट्रक्शन देते रहते हैं. कई बार तो ऐसा भी होता है जब जावेद ख़ान को शूटिंग के सिलसिले में अपने इन पेट डॉग्स के साथ विदेश तक जान पड़ता है.
जावेद बताते हैं कि, आज उनके पास जितने भी जानवर हैं, उन्हें रखने के लिए उन्होंने सरकार से परमिशन ले रखी है. राज्य सरकार से परमिशन लेने के बाद ही इन जानवरों को बॉलीवुड फ़िल्मों की शूटिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है. हमारे पास 20 से 25 अलग अलग क़िस्म के कुत्ते, बिल्लियां, शुगर ग्लाइडर, घोड़े, कॉकरोच, चीटियां हैं जिन्हें शूटिंग के लिए सप्लाई करते हैं.
इन जानवरों के साथ नहीं है शूटिंग की परमिशन
भारत में ‘ग्रीन तोता’ के साथ शूटिंग करने के लिए परमिशन नहीं हैं. इसलिए जावेद उसकी जगह ‘अमेज़न तोता’ इस्तेमाल करते हैं. अमेजन तोता एक एक्ज़ॉटिक पक्षी हैं, जिसकी उन्होंने परमिशन ले रखी है. इसके अलावा ‘गिलहरी’ के साथ भी शूटिंग नहीं की जा सकती, इसलिए वो गिलहरी की तरह दिखने वाला एनिमल ‘शुगर ग्लाइडर’ का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन ये प्रोसेस बेहद मुश्किल होती है. इस दौरान फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट से परमिशन लेने के लिए कई तरह के कागजात तैयार करने होते हैं.
कितना पैसा करते हैं चार्ज?
जानवरों को ट्रेंड करना बेहद मुश्किल काम होता है. कुत्ते, हाथी और तोते को ट्रेंड करना फिर भी आसान होता है, लेकिन अन्य जानवरों के लिए ट्रिक्स इस्तेमाल करनी पड़ती है. अगर फिल्मों में इनकी फ़ीस की बात करें तो जो एनिमल जितना ज़्यादा ट्रेंड होगा उसकी फ़ीस भी उतनी ही ज़्यादा होगी. जावेद ख़ान कुत्तों के साथ शूटिंग करने के लिए 7000 से लेकर 12000 रुपये चार्ज करते हैं. वहीं बिल्लियों की फ़ीस 4000 से लेकर 6000 रुपये तक होती है. जबकि बड़े जानवरों की फ़ीस काफ़ी ज़्यादा होती है.
जावेद ख़ान 1000 से अधिक फ़िल्मों के लिए जानवर सप्लाई कर चुके हैं. इनमें ‘कोई मिल गया’, ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ ‘भेड़िया’, ‘एंटरटेनमेंट’, ‘गोलमाल-3’, ‘लाल कप्तान’, ‘बागबान’, ‘वक्त’, दीवार’, ‘दम’, ‘फुटपाथ’ समेत कई फ़िल्में हैं. इसके अलावा जावेद रीजनल फ़िल्में के लिए भी पेट एनिमल्स सप्लाई शामिल करते हैं.
ये भी पढ़ें : ‘रेस 3’ से लेकर ‘हीरोपंती 2’ तक, ईद के मौक़े पर रिलीज़ ये फ़िल्में हुई थीं सुपर फ़्लॉप