शाहिद कपूर और कियारा आडवाणी की फ़िल्म कबीर सिंह जब से आई है, तब से चर्चा में है. एक तो फ़िल्म साउथ की कॉपी है दूसरा शाहिद का किरदार लोगों से हज़म नहीं हो रहा है. इसलिए रोज़ फ़िल्म से जुड़ी कोई नई बात सुनने को मिल रही है. इस बार जो बात सामने आई है वो है फ़िल्म की कमाई की. इतनी कॉन्ट्रोवर्सी और आलोचनाओं के बाद फ़िल्म ने 200 करोड़ कमा लिए हैं.
इसी के चलते अनुपमा चोपड़ा को दिए एक इंटरव्यू में फ़िल्म के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा ने फ़िल्म से जुड़े कुछ सवालों का जवाब देते हुए अपनी फ़िल्म का बचाव किया.
सवाल: एक महिला क्रिटिक्स ने कहा कि उसने जब कबीर सिंह के प्रीति को थप्पड़ मारने वाले सीन पर प्रेस स्क्रीनिंग में तालियां बजती सुनीं, तो वो डर गई. आपके लिए ये Pseudo Critisicm क्यों है?
जवाब: ये Pseudo इसलिए है क्योंकि जब आप किसी महिला से जुड़े होते है, तो उस रिश्ते में ईमानदारी भी होती है और अगर उस बीच आपको एक दूसरे से बात करने की या उन्हें थप्पड़ मारने की आज़ादी नहीं होती है, तो उस रिश्ते में प्यार जैसा कुछ नहीं होता है.
अनुपमा चोपड़ा ने इनके जवाब का जवाब देते हुए कहा कि इसका मतलब वो महिला जो डरी हुई थी. उसने कभी प्यार किया ही नहीं, क्योंकि उसने प्यार को सही तरीके से महसूस ही नहीं किया.
इस पर दिया जवाब और पूरा इंटरव्यू नीचे वीडियो पर क्लिक करके पूरा इंटरव्यू देख सकते हैं:
उन्होंने कहा कि इन दोनों फ़िल्मों को दर्शकों द्वारा जिस तरह से लिया गया है, उसके अंतर के बारे में उन्होंने बात की.
उन्होंने राजीव मसंद के द्वारा की गई इस फ़िल्म की समीक्षा पर भी टिप्पणी की. साथ ही फ़िल्म के लेखन और ऑब्जेक्टिफ़िकेशन के बीच अंतर को भी बताया.
इसके बाद अनुपमा चोपड़ा ने फ़िल्म के कुछ पहलुओं को सही न बताते हुए समस्या जताई, जिसका भी डायरेक्टर ने बचाव करते हुए कहा कि इसमें कुछ ग़लत नहीं था.
अनुपमा ने संदीप से जब ये तक पूछा कि क्या उनकी फ़िल्म इस तरह के व्यवहार को सामान्य नहीं बता रही है, जहां पुरुषों को बिना महिलाओं की अनुमति के उनको छूने का अधिकार है, तो उनका कहना था कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि लोग फ़िल्म को किस नज़रिये से देख रहे हैं.
फ़िल्म के डायरेक्टर तो अपनी फ़िल्म का बचाव ख़ूब किया. अब आप हमें कमेंट बॉक्स में बताइएगा कि फ़िल्म के बारे में आपकी क्या राय है?