कुंदन शाह (Kundan Shah) बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक और लेखक थे. वो आज भी 80s की अपनी कल्ट क्लासिक कॉमेडी मूवी Jaane Bhi Do Yaaro और टीवी सीरीज़ Nukkad के लिए याद किये जाते हैं. कुंदन शाह ने भारत के प्रमुख फ़िल्म संस्थान Film and Television Institute of India (IFII) से डायरेक्शन की ट्रेनिंग ली थी. उन्होंने अपनी पहली ही फ़िल्म ‘जाने भी दो यारों’ के लिये ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ हासिल किया था, जिसे उन्होंने साल 2015 में लौटा दिया था. 7 अक्टूबर, 2017 को मुंबई में उनका 69 साल की उम्र में निधन हो गया था.

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कुंदन शाह (Kundan Shah) बॉलीवुड के उन चुनिंदा निर्देशकों में शुमार हैं जो फ़िल्मों की कहानी में रिस्क लेने या एक्सपेरिमेंट करने के लिए जाने जाते थे. कुंदन शाह की सबसे बड़ी ख़ासियत ये थी कि उन्होंने अपने करियर में जितनी भी फ़िल्में बनाई उनकी कहानी ऐसी थी कि दर्शक इन्हें देख हैरान रह गए थे. वो देश के सबसे प्रीमियर फ़िल्म इंस्टीट्यूट से ट्रेंड डायरेक्टर थे. इसलिए भी उनकी हर फ़िल्म में एक सोशल मैसेज होता था.

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चलिए जानते हैं बतौर निर्देशक और लेखक कुंदन शाह ने किन फ़िल्मों और टीवी धारावाहिकों का निर्देशन किया था-  

1- जाने भी दो यारों (1983)

कुंदन शाह ने FTII पुणे से फ़िल्म निर्देशन का कोर्स करने के बाद कुछ साल तक मुंबई में स्ट्रगल किया. इसके बाद साल 1982 में उन्होंने Jaane Bhi Do Yaaro फ़िल्म की कहानी लिखी और 1983 में अपने FTII पुणे के दोस्तों नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, सतीश शाह, पंकज कपूर, अनुपम खेर, सतीश कौशिक, रवि बासवानी समेत कई ट्रेंड थियेटर आर्टिस्ट को लेकर ये फ़िल्म बना डाली. इस बेहतरीन फ़िल्म को NFDC ने प्रोड्यूस की थी.

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2- खामोश (1985)

कुंदन शाह जिनते बेहतरीन निर्देशक थे, उतने ही बेहतरीन लेखक भी थे. साल 1985 की बेहतरीन थ्रिलर फ़िल्म ‘खामोश’ की कहानी उन्होंने ही लिखी थी. इसका निर्देशन और निर्माण विधु विनोद चोपड़ा ने किया है. फ़िल्म में नसीरुद्दीन शाह, शबाना आज़मी, अमोल पालेकर, सोनी राजदान और पंकज कपूर जैसे बेहतरीन कलाकार नज़र आये थे.

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3- नुक्कड़ (1986)

कुंदन शाह ने साल 1986 में Nukkad शो के ज़रिए बतौर निदेशक टीवी पर कदम रखा था. नुक्कड़ आज भी भारतीय टीवी इतिहास के सबसे बेहतरीन शोज़ में से एक है. ये शो आज भी अपनी बेहतरीन कहानी और दमदार किरदारों (खोपड़ी, कादरभाई, गुरु, टीचरजी, हरी, गनपत हवलदार, दुखिया शायर) की वजह से लोगों की यादों में ज़िंदा है.

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4- वागले की दुनिया (1988)

80 और 90 के दशक में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति रहा हो जिसने Wagle Ki Duniya टीवी शो न देखा हो. ये टीवी शो कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण के आम आदमी के किरदार पर आधारित था. इसमें शाहरुख़ ख़ान भी नज़र आये थे. इसका निर्देशन भी कुंदन शाह ने ही किया था.

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4- कभी हां कभी ना (1994)

कुंदन शाह ने साल 1994 में शाहरुख ख़ान स्टारर रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्म Kabhi Haan Kabhi Naa के ज़रिए बतौर निर्देशक पूरे 11 साल बाद फिर से बॉलीवुड फ़िल्मों में वापसी की. इस फ़िल्म की कहानी भी उन्होंने ही लिखी थी. केवल 1.4 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फ़िल्म ने तब 5.5 करोड़ रुपये की कमाई की थी. 39वें फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों के दौरान इसे सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म (क्रिटिक्स) और शाहरुख़ ख़ान को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (क्रिटिक्स) का अवॉर्ड मिला था.

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5- क्या कहना (2000)

कुंदन शाह ने 6 साल बाद साल 2000 में Kya Kehna फ़िल्म का निदेशन किया था. इस फ़िल्म में प्रीती ज़िंटा, सैफ़ अली खान और चंद्रचूड़ सिंह मुख्य भूमिकाओं में नज़र आये थे. ये फ़िल्म एक कुंवारी मां की चैलेंजिंग स्टोरी पर आधारित थी. फ़िल्म अपनी बेहतरीन कहानी और नये सब्जेक्ट की वजह से दर्शकों को काफ़ी पसंद आई थी. केवल 5.3 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफ़िस पर 21.8 करोड़ रुपये की कमाई की थी.

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6- दिल है तुम्हारा (2002)

कुंदन शाह ने साल 2002 में फिर से प्रीती ज़िंटा को लेकर Dil Hai Tumhaara फ़िल्म डायरेक्ट की थी. इस फ़िल्म में प्रीती के अलावा अर्जुन रामपाल, महिमा चौधरी जिमि शेरगिल और रेखा भी नज़र आये थे. इस फ़िल्म की कहानी भी उन्होंने ही लिखी थी. फ़िल्म की कहानी एक महिला और उसके पति की एक्स्ट्रा मैरिटल अफ़ेयर से हुई बेटी की कहानी दिखाई गई थी.

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7- पी से पीएम तक (2014)

साल 2014 में रिलीज़ हुई P Se PM Tak बतौर निर्देशक कुंदन शाह के करियर की आख़िरी फ़िल्म साबित हुई थी. इस फ़िल्म की कहानी एक वेश्या की ज़िंदगी पर आधारित थी. फ़िल्म में एक्ट्रेस मीनाक्षी दीक्षित ने वेश्या की भूमिका निभाई थी. जो पी (प्रॉस्टिट्यूट) से देश की पीएम तक बनती है. इस तरह की अनोखी कहानी दिखाने का टैलेंट केवल कुंदन शाह के पास ही था.

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कुंदन शाह ने इसके अलावा भी कई अन्य फ़िल्मों और टीवी धारावाहिकों का निर्देशन और उनकी कहानी लिखी है.