‘दीपक तिजोरी’
हिंदी सिनेमा का वो अभिनेता जो बॉलीवुड में हीरो बनने आया था, पर असल में साइड हीरो बन कर रह गया. दीपक तिजोरी की पर्सनल और प्रोफ़ेशन लाइफ़ दोनों ही काफ़ी दिलचस्प हैं. इसलिये कुछ शब्दों में एक्टर के पूरे करियर और अब तक की ज़िंदगी को बयां करना थोड़ा मुश्किल है. हांलाकि, उनके बारे में कुछ किस्से लेकर आये हैं. जिन्हें पढ़ने के बाद शायद दर्शकों को दोबारा उनके प्रति प्यार जाग उठे.
ये एक्टर शाहरुख़ ख़ान की फ़िल्मों से उड़ा ले गया उनकी हीरोइन
रह गये थे हीरो के दोस्त या भाई बन कर
इसके बाद उन्होंने ‘फ़रेब’ (2005), ‘टॉम डिक एंड हैरी’ (2006), ‘ख़ामोश- खौफ़ की रात’ (2003) और ‘फ़ॉक्स’ (2009) जैसी फ़िल्मों से डायरेक्शन की दुनिया में भी कदम रखा. पर इधर भी नाकामयाबी ही उनके हाथ लगी और धीरे-धीरे वो फ़िल्मी दुनिया का गुमनाम नाम बन गये. मगर उन्होंने इन हालातों में भी हार नहीं मानी और टीवी की दुनिया में कदम रखा. दीपक तिजोरी ने टीवी के कुछ धारावाहिकों में काम किया, जिसे लोगों ने ख़ूब पसंद भी किया.
करियर की शुरुआत
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि पहली फ़िल्म में सपोर्टिंग एक्टर का रोल इसलिये किया था कि आगे चलकर लीड रोल करेंगे. लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ.
होता है बड़े-बड़े शहरों में बड़े-बड़े लोगों के साथ ऐसी बड़ी-बड़ी चीज़ें हो जाती हैं.
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