एक दौर था जब टीवी पर सिर्फ़ सास-बहू सीरियल्स देखने को मिलते थे. इसके बाद धीरे-धीरे टीवी सीरियल्स के Concept में बदलाव हुआ और फिर सीरियल्स के साथ-साथ Reality Shows भी दिखाये जाने लगे. Reality Shows ने लोगों को अपनी ओर Connect ही किया था कि टीवी पर सीरियल्स की तरह लीप आया. इस लीप में टीवी पर शोज़ को नये अंदाज़ में दर्शकों के सामने परोसा गया.  

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नया अंदाज़ मतलब टीवी पर अब इंसानों से ज़्यादा जादू, टोना और जानवरों की कहानी दिखाई जाने लगी. शोज़ में आने वाले इन कैरेक्टर्स के पास इंसान से जानवर बनने की शक्ति होती है.  

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हाल ही में सबने स्टार इंडिया पर आने वाले सीरियल दिव्य दृष्टि में लावण्या के किरदार को छिपकली में बदलते हुए देखा. ऐसा इसलिये ताकि वो शो के किरदार रक्षित को मार कर अपना बदला पूरा कर सके. हांलाकि, ऐसा पहली बार नहीं है, जब टीवी पर इस तरह अजीबोग़रीब किरदार दिखाया जा रहा है. इससे पहले भी कई शोज़ में अजीबोग़रीब कैरेक्टर दिखा कर दर्शकों को एंटरटेन किया गया.  

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1. ससुराल सिमर का 

ये सीरियल टीवी पर काफ़ी लंबा चला. इस शो में दीपिका कक्कड़ यानि सिमर को संस्कारी बहु से मक्खी बना दिया जाता है. मतलब बताओ ज़रा कुछ नहीं, तो मक्खी बना दिया.  

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2. प्यार की एक कहानी 

इस शो को अगर भूल गये हैं, तो ज़रा दिमाग़ पर ज़ोर डालिये. इसके बाद आपको याद आयेगी एक ऐसे पिसाच की कहानी है, जो इंसान बन कर लोगों को पिसाच बनाने की कोशिश करता है और अंत में ख़ुद ही इंसान बन कर अपनी मोहब्बत से शादी कर लेता है. कैसे कर लेते हैं टीवी वाले ये सब.  

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3. ये कहां आ गये हम

ये कहां आ गये हम करन कुंद्रा हीरो के रूप में भेड़िए का किरदार निभाते हुए दिखाई दिये.  

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कभी मक्खी, कभी सांप, कभी भेड़िया, कभी पिसाच और अब छिपकली. मतलब समझ नहीं आता कि ये टीवी वाले इंसानी कैरेक्टर्स से जानवरों पर कैसे शिफ़्ट होते जा रहे हैं. चलो अगर जानवर पर कोई शो बनाना भी है, तो थोड़ा लॉजिक तो लगाओ. मतलब मक्खी और छिपकली दिखा कर समाज को मैसेज क्या देना चाहते हो? 

टीवी वालों जाओ, उठो और इन छिपकली-विपकली के कॉन्सेप्ट को छोड़ कर कुछ नया ट्राई करो. वैसे, एक बताओ ऐसे आईडियाज़ आते कहां से हैं?