बीआर चोपड़ा (B.R. Chopra) के 1988 में आए पौराणिक टीवी शो ‘महाभारत’ (Mahabharat) को भला कौन नहीं जानता. कोरोना वायरस के कहर के दौरान भारत में हुए लॉकडाउन के चलते इस शो को दूरदर्शन पर दोबारा टेलीकास्ट किया गया, जिसे यंग जनरेशन ने भी ख़ूब दिलचस्पी से देखा. इस शो के अलावा इसके किरदार भी लोगों के ज़ेहन में बसे हुए हैं.

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इनमें से एक ही एक ऐसा किरदार कर्ण का है, जिसे पंकज धीर (Pankaj Dheer) ने निभाया था. उन्होंने अपने किरदार से लोगों का दिल जीत लिया था. उनकी पॉपुलैरिटी इस क़दर थी कि कई टेक्स्ट बुक्स में भी उनकी तस्वीर से कर्ण का सन्दर्भ दिया जाता है. इतना ही नहीं, करनाल और बस्तर के मंदिरों में उनकी कर्ण के रूप में पूजा होती है.

पंकज धीर ने एक बार अपने इंटरव्यू में बताया था कि “मुझे लोगों से बहुत प्‍यार मिला है और आज भी मिल रहा है. आज बच्‍चों की किताबों में कई जगहों पर कर्ण की जगह मेरी तस्‍वीर छपी हुई है. बच्‍चे मुझे देखते ही ‘कर्ण’ बुलाने लगते हैं.

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यही नहीं, करनाल और बस्तर में कर्ण के मंदिर बने हुए हैं. दिलचस्प बात ये है कि इन मंदिरों में पंकज धीर की शक्ल दिखाई दे रही है. पंकज धीर के मुताबिक इन दोनों मन्दिरों में 8 फीट ऊंची प्रतिमा लगी हुई है. उन्होंने बताया था, “‘मैं इन दोनों मंदिरों में जा चुका हूं. वहां आठ फीट लंबी प्रतिमा बनी हुई है. मैं लोगों का तह-ए-दिल से आभारी हूं कि उन्‍होंने मुझे इतना प्‍यार दिया है. जब भी मैं वहां जाता हूं, लोग ख़ूब प्‍यार देते हैं.”

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आपको बता दें कि वो साल 1993 में आए ‘ज़ी हॉरर शो’ में पहले एपिसोड में ‘दस्तक’ में अर्चना पूरन सिंह के साथ लीड रोल में नज़र आए थे. इसके अलावा कोर्ट रूम ड्रामा पर आधारित टीवी शो ‘क़ानून’ में वो वकील की भूमिका में नज़र आए थे.

बताया जाता है जब अर्जुन का रोल पंकज धीर को मिला, तो सारी बात उनकी मूंछों पर आकर ही अटक गई. क्योंकि पंकज ने अपनी मूंछें हटाने से इन्कार कर दिया था और उनके हाथ से ये रोल निकल गया.

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