विदेशी हस्तियां जैसे पॉप सिंगर रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने देश में जारी किसान आंदोलन को सपोर्ट किया था. इसके समर्थन में उन्होंने ट्वीट कर केंद्र सरकार से कुछ दिनों पहले सवाल पूछे थे. इसके बाद कुछ भारतीय सेलेब्स जैसे सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और लता मंगेशर ने #IndiaAgainstPropaganda और #IndiaTogether के ज़रिये ट्वीट कर लोगों से एकजुट रहने की अपील की थी. इस पर भी काफ़ी राजनीति हुई.

अब महाराष्ट्र सरकार इन सेलेब्स के ट्वीट की जांच करने जा रही है. राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख का कहना है कि उनकी सरकार को लगता है कि इन सेलेब्स ने ये सभी ट्वीट्स मोदी सरकार के दबाव में आकर किए हैं. कांग्रेस ने इन ट्वीट्स की जांच करने की अपील राज्य सरकार से की थी.
Let us all stay united in this hour of disagreements. Farmers are an integral part of our country and I’m sure an amicable solution will be found between all parties to bring about peace and move forward together. #IndiaTogether
— Virat Kohli (@imVkohli) February 3, 2021
इसे देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने इनकी जांच राज्य की इंटेलिजेंस एजेंसी करवाने का फ़ैसला किया है. इन ट्वीट्स का एक ही पैटर्न था. यही नहीं सभी सेलेब्स के ट्वीट्स की टाइमिंग भी सेम थी. अक्षय कुमार और साइना नेहवाल के ट्वीट एक जैसे थे. एक्टर सुनील शेट्टी ने तो एक बीजेपी नेता को टैग भी किया था.
Farmers constitute an extremely important part of our country. And the efforts being undertaken to resolve their issues are evident. Let’s support an amicable resolution, rather than paying attention to anyone creating differences. 🙏🏻#IndiaTogether #IndiaAgainstPropaganda https://t.co/LgAn6tIwWp
— Akshay Kumar (@akshaykumar) February 3, 2021
इसलिए गृह मंत्री अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र पुलिस के इंटेलिजेंस विभाग को भारतीय हस्तियों के ट्वीट्स की जांच करने का आदेश दिया है. साथ ही पुलिस ये भी पता करेगी कि क्या इस तरह के ट्वीट करने के लिए बीजेपी ने सेलेब्स पर कोई दबाव डाला था.
We must always take a comprehensive view of things, as there is nothing more dangerous than half truth. #IndiaTogether #IndiaAgainstPropaganda @hiteshjain33 https://t.co/7rNZ683ZAU
— Suniel Shetty (@SunielVShetty) February 3, 2021
वहीं इस पूरे मामले पर बीजेपी ने राज्य सरकार के इस कदम को शर्मनाक बताया है. उनका कहना है कि भारत रत्न सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर पर कोई कैसे शक कर सकता है. इसलिए वो सरकार से इन सभी से माफ़ी मांगने और आदेश को वापस लेने की मांग करते हैं.