80-90 के दशक तक लोगों के मनोरंजन का ज़रिया दूरदर्शन पर आने वाले धारावाहिक थे. इस दौरान दूरदर्शन पर एक से बढ़ कर बेहतरीन कार्यक्रम प्रसारित किये जाने लगे. इसमें से कुछ तो इतने लोकप्रिय हुए, जिन्हें लोग आज तक नहीं भुला पाये हैं. इसके अलावा उन्हें फिर से प्रसारित किये जाने तक की मांग होती है. इन्हीं यादगार नाटकों में से एक है हम सबका फ़ेवरेट ‘मालगुडी डेज़’.
‘मालगुडी डेज़’ का पहला एपिसोड 18 मार्च 1987 में प्रसारित किया गया था, जिसे लोगों ने ख़ूब पसंद किया. ये शो ख़ास तौर पर बच्चों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था. इसलिये इस शो को बच्चों का ख़ास प्यार भी मिला. ये यादगार शो टी.एस.नरसिम्हन द्वारा निर्मित था, जिसका निर्देशन शंकर नाग ने किया था, जो कन्नड़ फ़िल्मों के अभिनेता भी थे.
‘मालगुडी डेज़’ उस दौर के बाकि शोज़ से काफ़ी अलग था, फिर चाहे वो धारावाहिक का टाइटल ट्रैक हो या उसकी कहानियां. ‘मालगुडी डेज़’ में लोगों को स्वामी एंड फ़्रेंड्स और वेंडर ऑफ़ स्वीट्स जैसी लघु कथाओं के बारे में भी देखने को मिला.
वहीं शो के मुख्य बालकार स्वामी ने भी बच्चों से लेकर बड़ों तक की ख़ूब वाहवाही लूटी थी. ये धारावाहिक देख कर ऐसा लगता था, जैसे मानों ये सब हमारे घर या मोहल्ले में ही हो रहा हो. इस धारावाहिक से एक कनेक्शन सा फ़ील होता था. वो कनेक्शन जो हमें दिल से ख़ुशी देता था. स्वामी का किरदार बच्चों को इसलिये भी भाता था, क्योंकि उसे भी स्कूल जाना बिल्कुल पसंद नहीं था. स्वामी को स्कूल जाने के बजाये अपने दोस्तों के साथ-साथ खेलना-कूदना अच्छा लगता था.
स्वामी के दो ख़ास दोस्त मणि और राजम थे. स्वामी का किरदार मंजुनाथ ने निभाया था. स्वामी के पिता सरकारी कर्मचारी होते हैं, जो उसे हमेशा पढ़ने और आगे बढ़ने के लिये डांटते रहते थे.
वहीं धारावाहिक में दिखाए जाने वाले चित्रों को कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण ने बनाया था, जिसकी काफ़ी तारीफ़ें भी हुई थी. हांलाकि, अगर आप आर्टिकल पढ़ते-पढ़ते ‘मालगुडी डेज़’ की यादों में डूब गये हैं, तो उसे प्राइम वीडियो पर देख कर बचपन की यादें ताज़ा कर सकते हैं.
ईस्ट और वेस्ट ‘मालगुडी डेज़’ इज़ द बेस्ट! अगर शो पसंद था, तो कमेंट में बेस्ट लिख देना.
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