मनोज बाजपेयी ऐसे एक्टर हैं जो अपने किरदार को जीवंत बनाने के लिए उसे असल ज़िंदगी में जीने की कोशिश करते हैं. तभी तो उनकी फ़िल्में दर्शक आंख मूंद कर देखने चले जाते हैं. अपने 25 साल के बॉलीवुड करियर में उन्होंने ‘सत्या’, ‘शूल’, ‘स्पेशल 26’, ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’, ‘राजनीति’, ‘पिंजर’, ‘अलीगढ़’ जैसी सुपरहिट फ़िल्मों में काम किया है.

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काम के प्रति उनका जज़्बा किसी से छुपा नहीं है. मगर एक बार एक फ़िल्म की शूटिंग के दौरान मनोज बाजपेयी एक नहीं, दो बार अपनी जान से हाथ धोने से बचे थे. ये क़िस्सा उनकी फ़िल्म 1971 से जुड़ा है. 

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साल 2007 में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म में 1971 में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध के कैदियों की कहानी दिखाई गई थी. इस फ़िल्म से जुड़ी इन अपनी यादों को मनोज बाजपेयी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है.

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उन्होंने इस फ़िल्म का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा- ‘किसी-किसी फ़िल्म की शूटिंग से जुड़ी यादें कभी आपका पीछा नहीं छोड़ती, ‘1971’ वो फ़िल्म है. 2 राष्ट्रीय पुरस्कार जितने वाली इस फ़िल्म की शूटिंग हमने मनाली में कड़ाके की ठंड में की थी. यहीं दो बार मेरी जान जाते-जाते बची थी. मैं उन 60 दिनों के शूटिंग के उस पल को आज तक नहीं भूल पाया हूं.’

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इस फ़िल्म से बॉलीवुड स्टार मानव कौल और दीपक डोबरियाल ने डेब्यू किया था. अमृत सागर द्वारा निर्देशित इस मूवी में पीयूष मिश्रा, रवि किशन, कुमद मिश्रा और चित्त रंजन गिरि जैसे कलाकार भी थे. इस मूवी ने साल 2009 के बेस्ट हिंदी फ़ीचर फ़िल्म और बेस्ट ऑडियोग्राफ़ी का नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किया था.

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