2020 में बहुत कुछ हुआ, जिसमें से एक था Black Lives Matter कैंपेन. इस कैंपेन के तहत लोगों ने किसी व्यक्ति के रंग के हिसाब से उसके साथ भेदभाव का विरोध किया और सबको एक समान सम्मान देने का सपोर्ट किया. इस कैंपेन के सपोर्ट में कई बड़ी-बड़ी हस्तियों ने भी अपनी बात कही और बताया कि कैसे वो रंग-भेद का शिकार हुए हैं और इसे ख़त्म करना ज़रूरी है. हाल ही में डिज़ाइनर और एक्ट्रेस मसाबा गुप्ता ने रंग-भेद और अपने पेरेंट्स के रिश्ते को लेकर अपने बचपन का अनुभव शेयर किया.

मसाबा, जो एक्ट्रेस नीना गुप्ता और वेस्टइंडीज़ के क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स की बेटी हैं, उन्होंने Hindustan Times को बताया, 

मैंने अपने स्कूल के दिनों में बहुत मुश्किल समय का सामना किया था. हमें इस तरह के पलों से उभरने के लिए बहुत सारे धैर्य की ज़रूरत होती है, जो दोस्त और परिचित मेरे पीठ पीछे बोलते थे या मेरे बारे में कुछ सोचते थे वो मुझे बहुत प्रभावित करता था. मेरे एक दोस्त ने हर बार मेरे रंग का मज़ाक उड़ाया. मैं उससे पूछती थी क्या पहनूं, क्या पढ़ूं या मुझे क्या खेलना चाहिए? बाद में मैंने सोचा ये बहुत ही विचित्र है.

-मसाबा गुप्ता

उन्होंने आगे कहा,

हालांकि, मेरे रंग से ज़्यादा ये मेरे पेरेंट्स के रिश्ते के बारे में था. मुझे याद है कि मुझे b * stard का बच्चा कहा जाता था. मेरे स्कूल के बहुत सारे लड़के मुझसे पूछते थे कि क्या वो b * stard है? मुझे तब इसका मतलब समझ नहीं आता था और मैंने जब अपनी मां से पूछा तो उन्होंने मुझे एक किताब के ज़रिए से समझाया और कहा  इसका मतलब ये है और इसे और ज़्यादा सुनने के लिए तैयार रहो.

-मसाबा गुप्ता

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उन्होंने अपनी ज़िंदगी से जुड़ी और भी घटनाओं के बारे में बताया,

स्कूल में मैं प्रोफ़ेशनल टेनिस खेलती थी और मैं स्टेट के लिए खेल रही थी तो मुझे क्लास में देर से आने की इजाज़त मिली थी. क्लास के लड़के मेरा बैग खोलते थे और मेरा शॉर्ट्स निकालकर इधर उधर फेंक देते थे. वो मेरी शॉर्ट्स का मजाक उड़ाते थे क्योंकि मैं एक बड़ी लड़की थी, वो कहते थे कि मेरे स्किन के कलर की वजह से ये शॉर्ट्स भी काली हो गई है.

ये बहुत ही बुरा था और किसी भी बच्चे को कभी भी इसका सामना नहीं करना चाहिए. ये बहुत ज़रूरी है कि हमें समाज से रंग-भेद और इस तरह की मानसिकता को मिटाना चाहिए.