मीना कुमारी एक ऐसी अदाकारा थीं जिसके आगे बड़े-बड़े स्टार्स अपने डायलॉग भूल जाते थे. उन्होंने कई सुपरहिट फ़िल्मों में काम किया. मीना कुमारी के ऊपर फ़िल्माए गए गाने भी लोगों को बहुत पसंद आते थे. मगर आज हम आपको उनके एक ऐसे गीत के बारे में बाताएंगे जिसमें वो होकर भी नहीं हैं.

हम बात कर रहे हैं 1972 में आई मीना कुमारी और राज कुमार की कल्ट मूवी ‘पाकीज़ा’ की. इस मूवी को बनने में 14 साल लगे थे. वजह थी मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही. जब इस फ़िल्म की शूटिंग शुरू हुई तब दोनों साथ थे. मगर बीच में कुछ अनबन हो जाने के चलते मीना कुमारी उनसे अलग रहने लगी थीं.

इसी बीच मीना कुमारी की तबियत भी काफ़ी ख़राब हो गई. मगर उन्होंने अपने प्रोफ़ेशनल कमिटमेंट को पूरा किया. फ़िल्म के डायरेक्टर कमाल अमरोही थे. वो इस फ़िल्म के ज़रिये एक ऐसा नायाब तोहफ़ा देना चाहते थे, जो हमेशा के लिए याद रखा जाए. हुआ भी ऐसा ही, ये फ़िल्म आज भी दर्शकों को ख़ूब पसंद आती है.

‘पाकीज़ा’ के यूं तो सभी गाने कमाल के हैं, मगर इसका एक गाना लोगों को आज भी याद है. वो गाना है ‘चलो दिलदार चलो, चांद के पार चलो.’ इस गाने में मीना कुमारी और राज कुमार साहब नाव में बैठकर ये गीत गाते दिख रहे हैं. जब इस गाने की शूटिंग हो रही थी, तब मीना कुमारी की तबियत बहुत ख़राब थी. इसलिए इस गाने में उनके बॉडी डबल का इस्तेमाल किया गया था.

यही कारण है कि एक सेकेंड के लिए भी इस गाने में उनका चेहरा नज़र नहीं आता. इस वीडियो में आप इस बात को नोट कर सकते हैं.
इसमें उनके बॉडी डबल का रोल पद्मा खन्ना नाम की अभिनेत्री ने किया था. इस गाने में के अधिकतर सीन्स में या तो कपड़े से मीना कुमारी का छिपा चेहरा दिखाया गया, या लॉन्ग शॉट से काम चलाया गया.

मतलब ‘चलो दिलदार चलो चांद के पार चलो’ में मीना कुमारी होते हुए भी नहीं हैं. मगर फिर ये गीत उनका ही कहलाता है. ‘पाकीज़ा’ मीना कुमारी की आख़िरी फ़िल्म थी.
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