बेबाक़ी से अपनी बात रखने वाली नीना गुप्ता एक उम्दा अभिनेत्री हैं, जो उनके किरदार में बख़ूबी झलकता है. ‘चोली के पीछे’ और ‘बन्नो तेरी अंखियां’ गाती नीना गुप्ता हों या फ़िल्म स्वर्ग की नकारात्मक भूमिका वाली नीना गुप्ता वो अपने हर रोल में पूरी तरह से ढल जाती हैं. ‘बधाई हो!’ के उनके किरदार ने तो सबको चौंका दिया कितनी बेहतरीन तरीक़े से उस किरदार को जिया था नीना गुप्ता ने.

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इसके अलावा एक इंटरव्यू के दौरान नीना गुप्ता ने अपनी सफ़लता, ज़िंदगी, महिलाओं और करियर से जुड़ी कुछ ऐसी बातें कहीं, जो हर किसी को जाननी चाहिएं.

अपनी सफ़लता पर ज़्यादा खुलकर बात न करने वाली नीना गुप्ता का मानना है कि ‘मैं अमिताभ बच्चन नहीं हूं.’ उन्होंने आगे कहा, 30 साल से ज़्यादा समय इंडस्ट्री को देने के बावजूद मुझे कम लोकप्रियता मिली. इसके लिए मैं ख़ुद भी ज़िम्मेदार हूं.

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नीना गुप्ता ने महिलाओं के रोल के बारे में कहा, 

इंडस्ट्री में महिलाओं को लेकर रोल लिखना कम कर दिया गया है. ऐसे रोल कम लिखे जाते हैं, जो ऑडियंस को पसंद आए. मुझे भी लोगों ने बधाई हो में ही देखा. मुझे अभी लगता है, मुझे एक अच्छे कैरेक्टर एक्टर के रूप में जाना जाता है. मुझे उस तरह की फ़ेम नहीं मिली. 60 की उम्र के बाद हीरोइन मेन-लीड नहीं कर सकती है, लेकिन मेरी उम्र के पुरूष मेन-लीड कर सकते हैं.
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नीना एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने अपने निजी जीवन में बहुत कुछ सहा है वो एक सिंगल मदर हैं. उन्होंने कहा महिलाओं के पास हमेशा प्लान बी होना चाहिए. प्लान बी का मतलब, एक महिला के पास अपने पैसे ज़रूर होने चाहिए क्योंकि आपका पैसा आपके लिए बैकअप की तरह होता है. ये आपकी हर समस्या को हल कर सकता है. क्योंकि ज़िंदगी कब, क्या हो जाए किसी ने नहीं देखा है? 

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उन्होंने कहा, 

मैं हमेशा से ही बहुत महत्वाकांक्षी रही हूं. मैंने लाइफ़ में कभी नहीं चाहा कि मैं शादी करूं, घर संभालूं और बच्चों की देखभाल करूं. मुझे ऐसे ही पाला गया है और आपके जीवन में ये बहुत मायने रखता है कि आपको कैसे बड़ा किया गया है. मैं हमेशा काम करना चाहती थी कुछ बनाना चाहती थी. मेरे माता-पिता ने भी मुझे हमेशा अपने काम के लिए जुनूनी होना सिखाया है. 

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