बीते कुछ सालों में बॉलीवुड में मसाला और कॉमेडी फ़िल्मों का चलन बढ़ गया है. बड़े-बड़े स्टार्स की ये फ़िल्में कमाई तो ख़ूब करती हैं, लेकिन कई बार इन्हें देखने के बाद दर्शक ख़ुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं. वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसी फ़िल्में भी आई जो कम बजट, छोटे स्टार होने के बावजूद अपनी दमदार कहानी के दम पर दर्शकों का मन जीतने में कामयाब रहीं.
आज हम बीते एक दशक की कुछ ऐसी ही फ़िल्मों के बारे में बताएंगे जिन्होंने कमाई भले ही कम की हो, लेकिन आज भी दर्शक उन्हें देखने और इनकी बातें करने से पीछे नहीं हटते हैं. इस लिस्ट के ज़रिये हम भारतीय सिनेमा कि इन अंडरेटेड मूवीज़ को ट्रिब्यूट देने की कोशिश कर रहे हैं.
1. गुलाल- 2009
अनुराग कश्यप ने इस मूवी के ज़रिये राजस्थान की डर्टी पॉलिटिक्स पर प्रकाश डालने की कोशिश की है. के.के मेनन, माही गिल और राज सिंह ने ग़ज़ब की एक्टिंग की थी. अच्छे सिनेमा की तलाश में रहने वालों को एक बार इसे ज़रूर देखना चाहिए.
2. संकट सिटी- 2009
पंकज अडवानी द्वार निर्देशित इस फ़िल्म में 4 चोरों की कहानी है, जो एक गैंगस्टर की निगाह में चढ़ जाते हैं. लीक से हटकर मूवी देखने की चाह रखने वालों को इसे एक बार ज़रूर देखना चाहिए.
3. दो दूनी चार- 2010
इस फ़िल्म में ऋषि कपूर और नीतू सिंह की जोड़ी सालों बाद पर्दे पर एक साथ नज़र आई थी. इसमें एक मिडिल क्लास फ़ैमिली को दिखाया गया था, जो कार ख़रीदना चाहते हैं. इसने बेस्ट हिंदी फ़िल्म का नेशनल अवॉर्ड भी जीता था.
4. लाहौर-2010
संजय पुरन चंद्र द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में भारत-पाकिस्तान का बैकड्रॉप था. इसमें एक ऐसे क्रिकेटर की कहानी थी, जो अपने भाई की मौत का बदला लेने के लिए बॉक्सर बन जाता है.
5. शोर इन सिटी-2011
राज और डीके द्वारा नर्देशित इस फ़िल्म में मुंबई शहर में व्याप्त अपराध को बड़ी ही ख़ूबसूरती से दर्शाया गया था. इस फ़िल्म में तुषार कपूर और राधिका आप्टे पहली बार पर्दे पर एक साथ नज़र आए थे. इसे क्रिटिक्स ने ख़ूब सराहा था.
6. स्टेनली का डब्बा- 2011
इसे बच्चों की फ़िल्म समझने की भूल न करें. इसमें टिफ़न के ज़रिये बच्चों की संवेदनाओं को बड़ी ही ख़ूबसूरती से पेश किया गया है. अमोल गुप्ते द्वार निर्देशित इस फ़िल्म के बाल कलाकार पार्थो गुप्ते को बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट का नेशनल अवॉर्ड मिला था.
7. बी.ए. पास- 2012
डायरेक्टर अजय बहल की इस फ़िल्म की कहानी एक ऐसे लड़के की स्टोरी बयां करती है, जो पैसे कमाने के चक्कर में ग़लत राह पर चल पड़ता है. इसके बाद वो इस दलदल में फंसता ही चला जाता है.
8. चटगांव- 2012
इस मूवी में 1930 में हुए चंटगांव आंदोलन को दिखाया गया है. बेदब्रत पेन की फ़िल्म में मनोज वाजपेयी लीड रोल में थे. इस फ़िल्म नेशनल अवॉर्ड भी मिला था.
9. Liar’s Dice -2013
गीतांजली थापा और नवाज़ुद्दीन की इस फ़िल्म में बड़े शहरों में काम की तलाश में आए मज़दूरों की मार्मिक कहानी दिखाई गई थी. इसे दो नेशनल अवॉर्ड मिले थे जिसमें बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी शामिल है.
10. शाहिद-2013
राजकुमार राव की ये फ़िल्म वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता शाहिद आज़मी की स्टोरी पर बेस्ड थी. इस फ़िल्म को बेस्ट एक्टर और बेस्ड डायरेक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था.
11. मिस लवली-2014
नवाज़ुद्दीन और निहारिका सिंह की इस फ़िल्म ने स्पेशल जुरी का नेशनल अवॉर्ड जीता था. इसकी कहानी दो ऐसे भाइयों पर बेस्ड थी जो सेक्स हॉरर फ़िल्में बनाने के लिए जाने जाते थे.
12. क्या दिल्ली क्या लाहौर-2014
विजय राज ने इस फ़िल्म से डायरेक्शन की फ़ील्ड में कदम रखा था. इस फ़िल्म में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए बंटवारे की कहानी दिखाई गई थी.
13. गौर हरि दास्तान-2015
इस फ़िल्म में एक स्वतंत्रता सेनानी की कहानी दिखाई गई थी, जो उसका प्रमाण पत्र पाने के लिए तीन दशक तक संघर्ष करता है. इसमें विनायक पाठक ने कमाल की एक्टिंग की थी.
14. Margarita, With A Straw-2015
इस मूवी में Cerebral Palsy से पीड़ित एक महिला की कहानी दिखाई गई है, जो Bi-Sexual है. कल्कि केकलां कि इस फ़िल्म को अच्छे सिनेमा को देखने की चाह रखने वाले लोगों को ज़रूर देखना चाहिए.
15. अलीगढ़- 2016
इस फ़िल्म की कहानी एक Homosexual प्रोफ़ेसर की रियल लाइफ़ पर बेस्ड है, जिसे यूनिवर्सिटी से निकाल दिया जाता है. हंसल मेहता की इस फ़िल्म में मनोज बाजपेयी ने कमाल का अभिनय किया था.
16. पार्च्ड- 2016
लीना यादव की इस फ़िल्म को कई अंतरराष्ट्रीय मंचो पर सराहा गया था. फ़िल्म में राजस्थान के ग्रामीण महिलाओं की दयनीय स्थिति को दर्शाया गया था.
17. न्यूटन- 2017
राजकुमार राव की इस फ़िल्म में एक ऐसे शख़्स की कहानी दिखाई है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाना चाहता है. इस फ़िल्म को भारत की तरफ से ऑस्कर के लिए भेजा गया था. इसने नेशनल अवॉर्ड भी हासिल किया था.
18. लिपस्टिक अंडर माय बुर्क़ा- 2017
इस फ़िल्म ने भले ही बॉक्स ऑफ़िस पर अच्छा रिस्पॉन्स न मिला हो, लेकिन क्रिटिक्स ने इसे ख़ूब सराहा था. अलंकृता श्रीवास्तव की ये फ़िल्म लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की वकालत करती है.
19. मुक्काबाज़- 2018
ये एक स्पोर्ट्स ड्रामा मूवी थी जिसे अनुराग कश्यप ने डायरेक्ट किया था. ये हमारे खेलों की ज़मीनी हकीक़त को लोगों को सामने लाने का काम करती है. फ़िल्म में विनीत कुमार ने कमाल की एक्टिंग की थी.
20. तुम्बाड़-2018
ब्रिटिश ऐरा के महाराष्ट्र को दर्शाती इस फ़िल्म की कहानी बहुत दिलचस्प है. सोहम शाह ने इसमें लीड रोल निभाया है. इसमें आपको भारतीय फ़िल्म मेकर्स की मेहनत(तकनीकी पक्ष) साफ़ नज़र आएगी.
21. मर्द को दर्द नहीं होता- 2019
80’s और 90’s के दशक को ट्रिब्यूट देती इस फ़िल्म की कहानी कमाल की थी. इस फ़िल्म के एक्टर को एक अनोखी बीमारी होती जिसकी वजह से उसे दर्द महसूस नहीं होता. फ़िल्म में गुलशन देवैया ने कमाल का अभिनय किया था.
22. द स्काई इज़ पिंक- 2019
इस फ़िल्म की कहानी मोटिवेशनल स्पीकर आएशा चौधरी की रियल लाइफ़ स्टोरी पर बेस्ड थी. फ़िल्म में फ़रहान अख़्तर, प्रियंका चोपड़ा, ज़ायरा वसीम लीड रोल में थे. इन्होंने अपनी एक्टिंग से लोगों और क्रिटिक्स का दिल जीत लिया था.
इनमें से कौन सी मूवी आपके दिल के सबसे क़रीब है, कमेंट बॉक्स में हमसे ज़रूर शेयर करें.
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