हॉलीवुड हो या फिर बॉलीवुड, फ़िल्म मेकर्स अपनी बेहतरीन फ़िल्मों को दूसरे देश की ऑडियंस तक पहुंचाने के लिए उत्साहित रहते हैं. लेकिन कई बार इन फ़िल्मों को डब करते हुए इनके सीन्स या फिर डायलॉग्स में टार्गेट ऑडियंस के हिसाब से बदलाव किए जाते हैं. इससे कई बार दर्शक मूवी के कुछ बेस्ट पार्ट को मिस कर देते हैं, यानि कि कुछ दर्शक उसके रियल वर्ज़न को देखने से महरूम रह जाते हैं.
तो चलिए देखते हैं देश और दुनिया कि कुछ ऐसी ही फ़िल्मों के कुछ सीन्स, जिनमें इसी तरह के बदलाव किए गए थे.
Guardians of the Galaxy
इस फ़िल्म के एक सीन में ग्रूट नाम का Cute कैरेक्टर अपना परिचय देता है. इसके 15 वर्ज़न्स में- ‘मैं हूं ग्रूट’ को डब किया गया था. ख़ास बात ये है कि इसे हॉलीवुड एक्टर विन डिज़ल ने एक शो में बिना किसी प्रोफ़ेशनल ट्रेनिंग के कई भाषाओं में बोल कर दिखाया था.
Pirates of the Caribbean: At World’s End
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एक्टर Yun-Fat Chow के कुछ सीन्स को इसके चाइनीज़ वर्ज़न से हटा दिया गया था. वजह थी, चीन से उनके रिश्तों में तल्खी. हॉन्गकॉन्ग से ताल्लुक रखने वाले एक्टर Yun-Fat Chow का पॉलिटिकल करियर भी इसकी वजह बना था. इसलिए उनकी एक कविता और सीन्स पर कैंची चला दी गई थी.
Lincoln
इस फ़िल्म के एक सीन में लिंकन की फ़ोटोज़ के ज़रिये उनका परिचय कराया जाता है. इसके जापानी वर्ज़न के लिए स्क्रिप्ट Steven Spielberg ने ख़ुद लिखी थी और लिंकन के कैरेक्टर को विस्तार से बताया था.
Captain America: The First Avenger
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फ़िल्म की कहानी के अनुसार कैप्टन अमेरिका ने अपने जीवन के बहुमूल्य 70 साल बर्फ़ में जमे रहने के कारण गंवा दिए थे. इसलिए वो एक ऐसी लिस्ट बनाता है, जिसमें वो सारे काम लिखे होते हैं, जो नई दुनिया से सामंजस्य बनाने में उनकी मदद करते. इस लिस्ट में अलग-अलग देशों में अपनी रूचि के अनुसार पेश किया गया था.
The Wolf of Wall Street
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Martin Scorsese की इस मूवी में F***K वर्ड का इस्तेमाल कई बार किया गया था. इसलिए जब इसे यूएई में रिलीज़ किया गया, तो इस शब्द को हटा दिया गया और इससे इस फ़िल्म की लंबाई 45 मिनट कम हो गई थी.
Pulp Fiction
ये मूवी कल्चरल डिफ़रेंस का शिकार हुई. इसके रियल वर्ज़न में जितना उम्दा क्लास का एक्शन दिखाया गया था, यूएई में इसे डब करते हुए काफ़ी लो रखा गया. इससे भले ही यूएई को लोगों को ये फ़िल्म पसंद आई हो, लेकिन जिसने इस मूवी को देखा होगा उसे पता होगा कि इन लोगों ने क्या मिस कर दिया.
Pride & Prejudice
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इस मूवी के ब्रिटिश वर्ज़न में हीरो-हिरोइन के किसिंग सीन पर कैंची चला दी गई थी. क्योंकि वहां के सेंसर बोर्ड का मानना था कि जिस नॉवल पर ये फ़िल्म बेस्ड थी, उसमें ऐसा कहीं नहीं लिखा. इसलिए इसके अमेरिकी और ब्रिटिश वर्ज़न में काफ़ी अंतर देखने को मिलते हैं.
Titanic
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ये फ़िल्म पूरी दूनिया में ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी. लेकिन जब इसे चीन में पेश किया गया तो इसके एक सीन में जब Leonardo Dicaprio अपनी Kate Winslet की पेंटिंग बना रहा होता है, उसे ब्लर कर दिया गया था. उन्हें इस सीन पर आपत्ति थी.
Iron Man 3
डीएमजी एंटरटेनमेंट ने जब इसे चाइना में रिलीज़ किया था, तो ये रियल मूवी से 4 मिनट लंबी थी. इसके एक सीन में कई चाइना की ख़ूबसूरती और एक मंगोलियन डेयरी प्रोडक्ट को दिखाया गया था.
Deadpool 2
इस फ़िल्म का रियल ट्रेलर इंडिया में इतना फ़ेमस नहीं हुआ जितना कि इसका हिंदी वर्ज़न. इसे देखकर तो हर भारतीय के मुंह से यही निकला होगा- क्या डबिंग करते हैं यार?
Spectre
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जेम्स बॉन्ड सीरीज़ की ये फ़िल्म इंडिया में रिलीज़ हुई तो इसके कई सीन्स पर भारतीय सेंसर बोर्ड को आपत्ति थी. यही वजह है कि उन्होंने Spectre में बॉन्ड और उनकी को-स्टार के किसिंग सीन्स पर कैंची चला दी.
क्या आपने किसी फ़िल्म में कल्चरल डिफ़रेंस की वजह से बदलाव होते देखा है? अगर हां, तो हमें कमेंट कर इसके बारे में ज़रूर बताएं.