हिंदुस्तान एक सिनेप्रेमी देश है और इसलिये मुंबई हर किसी के दिल में बसता है. यहां के सिनेमाघरों में जब भी कोई फ़िल्म प्रदर्शित होती थी, लोगों की भीड़ लग जाती थी. मुंबई के दशकों पुराने सिनेमाघर फ़िल्मी इतिहास के गवाह भी हैं. मल्टीप्लेक्स आने से पहले ये मुंबई के सिनेमा हाउस वहां की शान और जान हुआ करते थे.
अगर बात मुंबई के सिनेमाघरों की छिड़ी है, तो चलिये आज आपको शहर के दशकों पुराने सिनेमाघरों से रू-ब-रू करवाते हैं.
1. Capitol Cinema House
1879 में ‘Capitol Cinema’ हाउस की शुरुआत हुई थी और ये मुंबई के सबसे पुराने सिनेमा हाउस में से एक है. ब्रिटिश शासन के दौरान यहां कई नाटकों का प्रदर्शन भी किया जाता था. पर फ़िल्मों की शुरुआत के साथ इसे थिएटर में बदल दिया गया.
2. Imperial Cinema House
साउथ बॉम्बे के Lamington रोड पर स्थित ‘इंपीरियल सिनेमा हाउस’ 1905 में शुरू किया गया था. इंपीरियल सिनेमा हाउस 100 साल से अधिक पुराना है. ये एकमात्र ऐसा सिनेमाघर था, जिसने भोजपुरी फ़िल्मों को प्राथमिकता दी.
3. Royal Talkies
1911 से ‘रॉयल टाकीज़’ मुंबई की शान बना हुआ है. यहां पहले डॉक्यूमेंट्रीज़ दिखाई जाती थीं. 1930 के आस-पास यहां सिर्फ़ बड़े स्केल की मूवीज़ रिलीज़ की जाने लगीं.
4. Edward Theatre
1914 के आस-पास इस सिनेमाहॉल की शुरुआत King Edward के नाम पर की गई थी. ‘जय संतोषी मां’ यहां का अब तक का सबसे मशहूर शो रहा है.
5. New Roshan Talkies
बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि ‘न्यू रौशन टॉकीज़’ को पारसी परिवार द्वारा बनवाया गया था. पारसी परिवार ने टॉकीज़ की शुरुआत ग़रीब लोगों के लिये की थी. ताकि वो फ़िल्म देखने के लिये प्रोत्साहित हो सकें.
6. Maratha Mandir
मुंबई सेंट्रल ईस्ट ‘मराठा मंदिर’ सिनेमाहॉल मुंबई के सबसे पुराने सिनेमा हाउस में से एक है. आपको विश्वास नहीं कि आज भी यहां 25-30 रुपये दे कर अपनी पसंदीदा फ़िल्म देख सकते हैं.
7. Nishat Cinema
ग्रांट रोड स्थित ‘निशात सिनेमा’ 15th अगस्त 1952 को शुरू हुआ था. पहले ये प्ले हाउस हुआ करता था, लेकिन बाद में इसे थिएटर में बदल दिया गया. थिएटर में तब्दील होने के बाद यहां सिर्फ़ भोजपुरी फ़िल्में चलती हैं.
8. Gulshan Theatre
‘गुलशन थिएटर’ मुंबई के पुराने सिनेमाघरों में से एक है, जहां अभी भी टिकट 9 रुपये और 10 रुपये में मिलती है. 1980 और 1990 के दशक में सिनेमाप्रेमियों के लिये ये बेस्ट जगहों में से एक थी.
मुंबई के ये थिएटर्स सिने प्रेमियों के कई ख़ास पलों के गवाह भी हैं. अफ़सोस ये है कि बड़े-बड़े Multiplex दशकों पुराने सिनेमा हाउस की रौनक छिनते जा रहे हैं.