Nirupa Roy Death Anniversary:निरूपा रॉय (Nirupa Roy) बॉलीवुड की वो अभिनेत्री हैं जो फ़िल्मों में मां के किरदार को सदा के लिये जीवत कर गईं. जब भी बॉलीवुड मां (Bollywood) की बात होती है, लोगों की ज़ुंबा पर सबसे पहला नाम उनका ही होता है. निरूपा रॉय ने अपनी अदाकारी से लोगों के दिलों में एक ख़ास बना ली थी. एक वक़्त वो भी आया जब दर्शक उन्हें देवी की तरह पूजने लगे थे. इस बारे में भी करेंगें, लेकिन उससे पहले जानते हैं कि उनके करियर की शुरुआत कैसे हुई.
कहते हैं कि निरूपा रॉय के पति एक्टर बनना चाहते थे. इसी सिलसिले में वो निरूपा रॉय के साथ बी एम व्यास से मिलने पहुंचे. बी एम व्यास निरूपा रॉय के पति को तो एक्टर नहीं बना पाये, लेकिन हां उन्होंने अभिनेत्री को ‘रानकदेवी’ में काम करने का मौक़ा ज़रूर दे दिया. बस इस तरह से निरूपा रॉय एक साधारण महिला अभिनेत्री बन गईं. उन्होंने अपनी करियर में लगभग 275 फ़िल्मों में तरह-तरह के रोल किये, लेकिन असली पहचान उन्हें मां के किरदार से ही मिली.
असल ज़िंदगी की छाप किरदार में दिखती थी
कहा जाता है कि निरूपा रॉय रियल लाइफ़ में भी बेहद सरल और संजीदा तरह की महिला थीं. जिसकी झलक उनके फ़िल्मों किरदारों में भी दिखती थी. शायद उनके इसी साधारण व्यक्तित्व ने दर्शकों को उनसे जोड़े रखा.
जब निरुपा राय लोगों के लिये बन गईं थीं देवी
1940 से लेकर 1950 के दौरान अभिनेत्री ने चर्चित धार्मिक फ़िल्मों भी काम किया. जिसमें उनके रोल की ख़ूब सराहना भी हुई. इन फ़िल्मों में उन्होंने इतना दमदार अभिनय किया कि लोग उन्हें सच में देवी मान बैठे. यहां तक कि फ़ैंस उनसे आर्शीवाद लेने उनके घर तक पहुंच जाया करते थे.
मां के किरदार को बनाया दिलचस्प
अपने अभिनय करियर में निरूपा रॉय ने अधिकतर फ़िल्मों में मां का किरदार निभाया. ‘दीवार’, ‘अनजाना’, ‘सुहाग’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’ और ‘मर्द’ जैसी फ़िल्मों उन्होंने मां की भूमिका को सदा के लिये जीवित कर दिया. यही वजह है कि आज जब-जब फ़िल्मी मां की बात होती है, तो सबको उनकी याद आ जाती है.