भारतीय विज्ञापनों ने लोगों पर जितना असर डाला, उतना ही लोगों ने भी विज्ञापनों को प्रभावित किया. यही वजह है कि देशवासियों की सोच और जेब के साथ भारतीय विज्ञापन उद्योग भी बढ़ा. आज तो ये विज्ञापन टीवी से लेकर प्रिंट और सोशल मीडिया तक पर दिखाई देते हैं. मगर हम आज Old Indian Ads की बात कर रहे हैं. वो विज्ञापन जिनमें आपको 80 और 90 के दशक के साथ आज़ादी से पहले के भी प्रोडक्ट्स देखने को मिलेंगे. साथ ही, कुछ राजनीतिक हस्तियां और प्रचार भी नज़र आएंगे.

तो चलिए फिर नज़र डालते हैं पुराने वक़्त के कुछ ऐसी ही विज्ञापनों पर, जिन्हें देखकर आप हैरान भी होंगे, और नोस्टेलजिक भी फ़ील करेंगे.

1. 1980 में एक माचिस का विज्ञापन

storypick

2. 1979 में बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र अलग ही फॉर्म में था

storypick

3. 1979 में औरतें ऐसे आराम फ़रमाती थीं? 

storypick

4. 1980 के कश्मीर में आप सिर्फ़ 50 रुपये में टोबोगनिंग, आइस-स्केटिंग, स्कीइंग और हाउस बोटिंग का लुत्फ़ उठा सकते थे.

storypick

5. 1978 में Thumbs Up का प्रचार.

storypick

6. 1975 वालों से पूछें, लंबाई बढ़ी की नहीं.

storypick

7. इतनी Coke की डकार मार-मार परेशान हो जाएं.

storypick

8. 1976 में ये गेम कौन खेलता था भई?

storypick

9. 1972 में Cinthol के लिए न्यूड पोज़ देती एक मॉडल.

storypick

10. एक रुपये में Five Star मिल जाती थी.

storypick

11. 1972 का ये विज्ञापन आज बने, तो गरिया दिए जाएं.

storypick

12. 1973 में बॉम्बे डाइंग कंपनी के एक विज्ञापन में तौलिया लपेटे मेनिका गांधी.

storypick

13. 1967 में कांग्रेस को ट्रोल करती शिवसेना.

storypick

14. 1950 के इस विज्ञापन के मुताबिक- बीवी हो या सामान स्वदेशी ही बढ़िया है.

storypick

15. 1954 में ये भी रोमांच पैदा करता था, बताइए.

storypick

16. 1952 में कांग्रेस का चिन्ह ये था.

storypick

17. लीला चिटनिस- 1941 में लक्स का विज्ञापन करने वाली पहली भारतीय महिला

storypick

18. 1930 में कॉन्डम, जिसे जितनी बार चाहो धोकर इस्तेमाम करो.

storypick

19. कभी भारतीय पर्यटन में लाहौर भी शामिल था – 1935

storypick

20. गोदरेज साबुन का विज्ञापन करते रवींद्रनाथ टैगोर – 1922

storypick

21. 1929 में Pears साबुन का विज्ञापन.

storypick

22. ताज महल पैलेस होटल का भव्य उद्घाटन – 1903

storypick

ये भी पढ़ें: पुराने ज़माने के इन 46 Ads में अभी भी आती है उस बीते ज़माने की भीनी-भीनी ख़ुशबू

इनके आगे तो आज के विज्ञापन कहीं भी नहीं टिकते. वाक़ई पुराना वक़्त कमाल का था.