80 और 90 के दशक में भारतीय टीवी पर ऐसे कई फ़िक्शनल शोज़ आए, जो सामाजिक, राजनीतिक और जेंडर आधारित मुद्दों पर बनाए गए थे. इन शोज़ में काफ़ी पॉवरफ़ुल फ़ीमेल कैरेक्टर्स को लीड रोल में लिया गया था, जिनका ख़ुद का एक चार्म था. इसके साथ ही ये शोज़ मौजूदा समय में टीवी पर आने वाले बिना लॉजिक के कंटेंट से हटके थे. आज आपको 80 और 90 के उन पुराने टीवी शोज़ (Old Progressive Indian TV Shows) के बारे में बता देते हैं, जिनके पॉवरफ़ुल कैरेक्टर्स ने हमारा दिल जीत लिया था. इसके अलावा अगर ये कैरेक्टर्स टीवी पर कमबैक करें, तो ये काफ़ी हद तक टीवी शोज़ की क्रिंज कंटेंट वाली छवि को मिटाने का काम कर सकते हैं.
Old Progressive Indian TV Shows
1. अल्पविराम
ये टीवी शो साल 1998 में सोनी टीवी पर आता था. इसमें 21 साल की एक लड़की अमृता की स्टोरी दिखाई गई थी, जो अचानक से एक दिन कोमा में चली जाती है. इसके साथ ही उसके दादा-दादी के पास उसके हॉस्पिटल बिल्स भरने के लिए पैसे भी ख़त्म हो जाते हैं. इन्हीं परेशानियों के बीच 1 साल तक वो कोमा में ही रहती है. 1 साल के बाद उसके मेडिकल टेस्ट में पता चलता है कि वो 3 मंथ की प्रेग्नेंट है. बताया जाता है कि किसी व्यक्ति ने उसके कोमा में रहते उसका रेप कर लिया था. उस दौरान जब रेप के बारे में कोई ख़ुलकर बात भी नहीं करता था, उस ज़माने में इस शो ने रेप के अलावा कई टॉपिक्स को काफ़ी सेंसिटिव और प्रोग्रेसिव अंदाज़ में दिखाया था.
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2. सांस
सन 1990 के दशक में बॉलीवुड एक्ट्रेस नीना गुप्ता (Neena Gupta) द्वारा लिखित और निर्देशित टीवी शो ‘सांस’ उस दौरान के पॉपुलर शोज़ में से एक था. इस शो में एक आज़ाद भारतीय महिला ‘प्रिया’ की कहानी को दिखाया गया था, जो अपने पति के एक्स्ट्रा-मैरिटल अफ़ेयर से जूझती है. इस शो में नीना के अलावा एक्टर कंवलजीत और कविता कपूर भी थे. कैसे वो महिला पत्नी और मां के रोल से हटकर ख़ुद की एक अलग पहचान बनाती है, ये शो उसी के बारे में था. (Old Progressive Indian TV Shows)
3. तारा
1993 में आया ये शो ज़ी टीवी चैनल पर आता था. उस दौरान इस सीरियल की काफ़ी प्रशंसा की गई थी, क्योंकि इसकी कहानी में चार शहरी महिलाओं की दोस्ती के साथ-साथ उनकी महत्वकांक्षाओं, उनकी दिक्कतों, प्रेम व सीक्रेट्स को पर्दे पर उतारा गया था. इसकी कहानी काफ़ी रियल थी. जब ‘फे़मिनिज्म’ शब्द का कोई मतलब भी नहीं जानता था, उस दौरान इस महिला प्रधान शो का दिखाया जाना एक मिसाल है. इस शो में रत्ना पाठक शाह, नेहा शरद, अमिता नांगिया और नवनीत निशान ने लीड रोल निभाया था.
4. शांति
इस शो में मंदिरा बेदी (Mandira Bedi) ने ‘शांति’ का लीड कैरेक्टर निभाया था. शो में वो एक जर्नलिस्ट बनी थीं, जो पुरुष प्रधान दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहती थीं. इस दौरान उनकी पर्सनल और प्रोफ़ेशनल लाइफ़ में क्या-क्या दिक्कतें आती हैं, शो में यही दिखाया गया है. इस शो से ही बेदी को फ़ेम मिला था. अगर आपको अच्छी कहानी के साथ कुछ अच्छे क़िरदार देखने का मन हो, तो आपको ये शो ज़रूर देखना चाहिए. (Old Progressive Indian TV Shows)
5. अस्तित्व…एक प्रेम कहानी
इस सीरियल की कहानी डॉ. सिमरन के इर्द-गिर्द घूमती है, जो कि एक गायनाकोलॉजिस्ट है. वो अपने से 10 साल जूनियर बॉयफ्रेंड ‘अभी’ से शादी कर लेती है. इस कहानी में समाज की एक संकीर्ण सोच को हाइलाइट करने की कोशिश की गई है. साथ ही ये भी दिखाया गया है कि एक रिलेशनशिप में एज गैप नहीं मायने रखता. ये साल 2006 में टीवी पर ब्रॉडकास्ट किया गया था.
6. औरत
1990 के दशक में दूरदर्शन पर आए टीवी शो ‘औरत’ में मंदिरा बेदी लीड रोल में थीं. इस शो में एक मिडिल क्लास महिला के कैरेक्टर प्रगति की कहानी दिखाई जाती है, जो अपनी शिक्षा के हक़ के लिए लड़ती है. वो शादी करने के बजाय वकील बनना चाहती है और अपनी इस हसरत को पूरा करने के लिए अपने परिवारवालों के खिलाफ़ भी चली जाती है. उनके अलावा, शो अन्य महिला पात्रों पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जो अपनी व्यक्तिगत लड़ाई लड़ती हैं, और अंत में विजयी होती हैं. (Old Progressive Indian TV Shows)
7. आरोहन
इस शो को पल्लवी जोशी (Pallavi Joshi) ने लिखा था और प्रोड्यूस भी किया था. इसके साथ ही वो इस शो की फ़ीमेल लीड में भी दिखाई दी थीं. ये 3 फ़ीमेल नौसेना कैडेट की कहानी को दिखाता है. हालांकि, इसके सिर्फ़ 13 एपिसोड्स थे, लेकिन 1996 में रिलीज़ हुआ ये शो अपने समय से कहीं आगे था. उस दौरान महिलाओं को भारतीय नेवी ज्वाइन करने की आज़ादी तक नहीं थी.
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8. उड़ान
1989 में दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाला शो ‘उड़ान’ काफ़ी पॉपुलर हुआ था. शो की मुख्य क़िरदार ‘कल्याणी सिंह‘ एक IPS अधिकारी थीं. शो को कविता चौधरी ने प्रोड्यूस किया था और इसका लीड कैरेक्टर उनकी बड़ी बहन कंचन चौधरी पर ही आधारित था. इस शो में बताया गया था कि कैसे एक महिला होने के नाते कल्याणी को IPS बनने में कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. (Old Progressive Indian TV Shows)
9. माही Way
आज के समय शायद ही ऐसे कोई शोज़ होंगे, जो बॉडी पॉज़िटिविटी और समाज की ख़ूबसूरती पर संकीर्ण सोच के बारे में बात करते होंगे. हालांकि, ये शो एक कॉमेडी-ड्रामा था, जिसमें एक लड़की ‘माही’ के जीवन को दिखाया गया था. इसमें बताया गया था कि कैसे वो लड़की सामाजिक मानकों के आधार पर उसकी शारीरिक बनावट के लिए आलोचना किए जाने के बावजूद वह अपनी शर्तों पर जीवन जीती है.
10. रजनी
इस शो को बासु चटर्जी ने डायरेक्ट किया था. शो में प्रिया तेंदुलकर लीड रोल में थीं. ये शो इस बात पर केंद्रित था कि कैसे एक गृहिणी उन रोज़मर्रा की समस्याओं से निपटती है, जिनका सामना ज़्यादातर लोग करते हैं, जैसे कि स्कूल में एडमिशन, टैक्सी ड्राइवरों का रवैया आदि. इस शो ने 1980 के दशक के मध्य में सरकारी कार्यालयों में सेवाओं की स्थिति को दर्शाने की भी कोशिश की थी.
इन शोज़ की जितनी तारीफ़ की जाए, उतनी कम है.