बॉलीवुड में हर साल 1500 से भी ऊपर फ़िल्में बनती हैं. उनमें से अधिकतर फ़िल्में किसी न किसी रूप में प्यार, मोहब्बत और आशिकी से जुड़ी होती हैं. यही बॉलीवुड की पहचान है और इसी के लिए वो बदनाम भी है. उसी प्यार मोहब्बत की दास्तां से हम कुछ ऐसे किरदार छांट कर लाए हैं, जिनका प्यार एकतरफ़ा रहा है. जो फ़िल्म की शुरुआत से अंत तक प्यार के लिए तरसते रहे हैं. चूंकी असलियत में बहुत कम प्रेम कहानियों की The End हैप्पी होता है, तो उम्मीद यही है कि आप इन किरदारों की कहानियों से थोड़ा बहुत जुड़ाव महसूस करेंगे.
आप इसलिए सिंगल नहीं हैं क्योंकि आप को कोई मिला/मिली नहीं, बल्की आप इसिलए सिंगल हैं क्योंकि आपके भीतर ये 9 किरदार बसते हैं
कुंदन(रांझणा)
इस फ़िल्म को देखने के बाद शायद ही कोई बनारस के कुंदन (धनुष) को भूल पाएगा. बचपने से शुरू हुआ कंदन का प्यार जवानी से होते हुए मौत की गोद तक पहुंच जाता है. बस कुंदन का प्यार ज़ोया (सोनम कपूर) के दिल पर दस्तक नहीं पाता है. कुंदन ने अपनी पूरी ज़िंदगी एक प्यार और एक ग़लती के नाम कर दी थी. कुंदन के एकतरफ़ा प्यार ने ‘रांझणा’ को यादगार बना दिया.
राहुल(डर)
हमने प्यार के ढेरों रंग देखे हैं, किसी ने इस एहसास को गुलाबी बताया, कोई इसे सुर्ख़ लाल कहता है लेकिन ‘डर’ का राहुल (शाहरुख ख़ान) प्यार का काला रंग सामने ले कर आता है. जहां प्यार पागलपन में बदल जाता है. राहुल प्यार में त्याग के मतलब से अनजान है. राहुल किरण (जूही चावला) से प्यार करता है और बदले में उससे प्यार चाहता है.
वेरॉनिका(कॉकटेल)
गौतम (सैफ़ अली ख़ान) वेरॉनिका(दीपिका पादुकोण) साथ रहते थे, दोनों को बीच प्यार जैसा कुछ नहीं था, फिर भी एक कपल की तरह साथ रहते थे, Casual Relationship में. मीरा(डायना पेंटी) भी उनके साथ रहती थी. हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि गौतम को मीरा से प्यार हो जाता है. वेरॉनिका जो कि पहले प्यार में नहीं थी, बाद में पड़ जाती है.
चंद्रमुखी(देवदास)
निशा(दिल तो पागल है)
निशा(करिशमा कपूर) और राहुल(शाहरुख खान) एक डांस ग्रुप का हिस्सा रहते हैं. दोनों की बीच बहुत अच्छी दोस्ती रहती है. लेकिन निशा राहुल को सिर्फ़ अपना दोस्त नहीं मानती, वो उससे भीतर ही भीतर प्यार भी करती है. राहुल को इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं रहता. राहलु को अपने एक प्रोजेक्ट के लिए एक फीमेल डांसर की तलाश रहती है. पूजा(माधुरी दीक्षित) से मिलने के बाद उसकी तलाश पूरी हो जाती है. साथ काम करते हुए दोनों के बीच प्यार भी हो जाता है. निशा का प्यार दिल में ही रह जाता है.
सिड(दिल चाहता है)
दिल चाहता है मुख्यत: तीन दोस्तों की कहानी है और तीन दोस्तों की अपनी अलग कहानी है. उसमें से एक दोस्त है सिड(अक्षय खन्ना). पेंटर सिड का व्यक्तित्व बहुत शांत और सुलझा हुआ रहता है. एक मोड़ पर उसकी मुलाकात तारा(डिंपल कपाड़िया) से होती है. दोनों की दोस्ती हो जाती है, दोनों को एक-दूसरे के साथ वक़्त बिताना अच्छा लगता है. सिड इस साथ को प्यार समझ बैठता है.
समीर और कुनाल(दोस्ताना)
ये अलग किस्म की एकतरफ़ा मोहब्बत की कहानी है. समीर और कुनाल घर पाने की ख़ातिर ख़ुद को गे कपल बता देते हैं. जिस अपार्टमेंट में वो रहते हैं, उसमें नेहा(प्रियंका चोपड़ा) फ़्लैटमेट बन कर उनके साथ रहती है. वक़्त के साथ समीर, कुनाल और नेहा को दोस्ती काफ़ी गहरी हो जाती है. समीर और कुनाल ने ख़ुद को एक गे कपल बताया था, अब वो नेहा से प्यार कर बैठते हैं.
Elizabeth (लगान)
भुवन(आमिर ख़ान) गांव को अंग्रेज़ों के लगान से बचाने के लिए उनसे क्रिकेट मैच की शर्त लगा लेता है. हालांकि क्रिकेट पूरे गांव वालों के लिए एक नया खेल था. एक अंग्रेज़ महिला एलिज़ाबेथ भुवन और गांव वालों को क्रिकेट सिखाने में मदद करती है. क्रिकेट सिखाने के क्रम में एलिज़ाबेथ को भुवन से प्यार हो जाता है.
अयान(ए दिल है मुश्किल)
अयान(रणबीर कपूर) और अलिज़ेह(अनुष्का शर्मा) की कहानी किस्मत से शुरू होती है. दो अजनबी आपस में ऐसे टकराते हैं कि एक रिश्ते की शुरुआत होती है. अयान इसे रिश्ते को प्यार समझ बैठता है लेकिन अलिज़ेह इस रिश्ते को दोस्ती का नाम देती है. एक मोड़ पर दोनों अलग हो जाते हैं. फिर अपने रास्तों पर चलते-चलते ज़िंदगी के एक चौराहे पर फिर उनकी मुलाकात होती है. इस बार परिस्थितियां अलग हैं. बहुत कुछ बदल चुका है. लेकिन आयान का प्यार नहीं बदला. ऊधर अलिज़ेह के लिए अयान दोस्त से बढ़ कर कुछ भी नहीं.