Padmaavat Controversy Timeline: आजकल बॉलीवुड (Bollywood) पर बायकॉट ट्रेंड (Boycott Trend) का शिकंजा कस गया है. सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक फैले बायकॉट गैंग ने बवाल काटा हुआ है. फ़िल्म कोई भी हो, लेकिन किसी न किसी बात पर उसका विरोध शुरू हो जाता है. शाहरुख़ ख़ान की लेटेस्ट रिलीज़ ‘पठान’ के साथ भी ऐसा ही हो रहा है. मगर आपने ध्यान दिया कि ये बायकॉट ट्रेंड आख़िर शुरू कहां से हुआ?
असल में फ़िल्मों का विरोध तो हमेशा से होता रहा है. लेकिन बायकॉट ट्रेंड में ज़बरदस्त उछाल दीपिका पादुकोण स्टारर फ़िल्म ‘पद्मावत’ के वक़्त से नज़र आया है. 25 जनवरी 2018 को ‘पद्मावत’ बड़ी मुश्किल से रिलीज़ हुई थी. क्योंकि, इसके पहले फ़िल्म को भयंकर विरोध प्रदर्शन झेलना पड़ा था. (Padmaavat Controversy Timeline)
ऐसे में आइए फ़िल्म की एनिवर्सरी पर जानते हैं कि रिलीज़ से पहले ‘पद्मावत’ को लेकर क्या-क्या और कब-कब विवाद रहा-
Padmaavat Controversy Timeline
जनवरी 2017
जयपुर के जयगढ़ किले में फिल्म ‘पद्मावती’ की शूटिंग के दौरान संजय लीला भंसाली को करणी सेना के युवकों ने थप्पड़ जड़ा. सेट पर तोड़फोड़ की गई. इसके बाद भंसाली ने जयपुर से पैकअप किया.
मार्च, 2017
राजस्थान में रोडब्लॉक का सामना करने के बाद भंसाली ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर में अपना सेट शिफ़्ट कर दिया. मगर उनकी मुश्किलें कम नहीं हुईं. मसई पठार इलाके में लगे ‘पद्मावती’ के सेट पर इस बार कुछ अज्ञात लोगों ने आग लगा दी. पेट्रोल बम और तलवारों से लैस लोगों ने जमकर बवाल काटा, जिसमें पूरा सेट जलकर ख़ाक हो गया.
इस घटना के बाद भंसाली का प्रदर्शनकारी संगठनों से समझौता हो गया. ट्विटर पर सामने आए एक पत्र में फ़िल्म निर्माता ने राजपूत संघों को स्पष्ट किया है कि फ़िल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच कोई ‘रोमांटिक ड्रीम सीक्वेंस या कुछ भी आपत्तिजनक’ नहीं है.
अप्रैल-अगस्त, 2017
बॉलीवुड की कई हस्तियां फ़िल्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थन में सामने आईं. सोशल मीडिया पर इस फिल्म को लेकर बहस छिड़ गई.
सितंबर, 2017
फ़िल्म रिलीज़ से पहले दो पोस्टर जारी हुए. दोनों में दीपिका को लाल शाही पोशाक और भारी राजस्थानी गहने पहने हुए दिखाया गया है. इसने करणी सेना द्वारा विरोध के दूसरे दौर की शुरुआत हो गई. सड़कों पर फ़िल्म के पोस्टर जलाए जाने लगे.
अक्टूबर, 2017
सूरत के एक कलाकार करण ने दीपिका पादुकोण की एक ‘रंगोली’ बनाई, लेकिन कुछ बदमाशों ने कार्यक्रम स्थल में प्रवेश किया और रंगोली तबाह कर दी. जिस रंगोली को बनाने में आर्टिस्ट को 48 घंटे का वक़्त लगा था, उसे महज़ कुछ मिनटों में तहस-नहस कर दिया गया. दीपिका पादुकोण ने इस हमले की निंदा की थी.
नवंबर का पहला हफ़्ता
करणी सेना का आरोप था कि फ़िल्म पद्मावती में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. ऐसे में विरोध तेज़ हो गया और इसका केंद्र बना राजस्थान का चित्तौड़गढ़. ये विरोध इतना प्रभावी था कि स्कूल-कॉलेज तक बंद हो गए.
नवंबर का दूसरा हफ़्ता
करणी सेना ने फ़िल्म पर बैन लगाने की मांग की. उनका आरोप था कि फ़िल्म में झूठा इतिहास दिखाया गया है और राजपूतों को ख़राब रौशनी में पेश किया गया है.
10 नवंबर
सुप्रीम कोर्ट ने पद्मावती की रिलीज़ पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने अदालत को भरोसा दिया कि प्रमाण पत्र देने से पहले सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा.
11 नवंबर
राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने फ़िल्म की रिलीज़ से पहले उसे देखने के लिए एक पैनल का गठन कर दिया.
15 नवंबर
श्री राजपूत करणी सेना ने 1 दिसंबर को ‘बंद’ का आह्वान किया. ये वो तारीख थी, जब पद्मावती रिलीज होने वाली थी. बढ़ते खतरों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने संजय लीला भंसाली को सिक्योरिटी प्रोवाइड की.
16 नवंबर, 2017
दीपिका पादुकोण को नाक काटने की धमकी मिली. ANI से बात करते हुए, करणी सेना के सदस्य महिपाल सिंह मकराना ने कहा, ‘राजपूत करणी सेना फिल्मों में चित्रित की जा रही महिलाओं की छवि की रक्षा के लिए लड़ रही है. हम कभी भी महिलाओं पर हाथ नहीं उठाते हैं, लेकिन अगर ज़रूरत पड़ी तो हम दीपिका के साथ वही करेंगे जो लक्ष्मण ने भारत के नियमों और संस्कृति का उल्लंघन करने के लिए शूर्पणखा के साथ किया था.’
19 नवंबर, 2017
सीबीएफसी द्वारा सर्टिफ़िकेशन के लिए आवेदन को तकनीकी कारणों से वापस करने के बाद निर्माताओं ने फ़िल्म की रिलीज़ आगे बढ़ा दी. हालांकि, तारीख नहीं बताई.
22 दिसंबर, 2017
सेंसर बोर्ड ने तत्कालीन मेवाड़ शाही परिवार को पद्मावती सर्टिफ़िकेशन पैनल में शामिल होने को कहा.
28 दिसंबर 2017
सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म पद्मावती पर जयपुर के दो दिग्गज इतिहासकारों को फ़िल्म देखने के लिए आमंत्रित कर उनकी राय मांगी. इन इतिहासकारों में प्रोफेसर बी.एल. गुप्ता और प्रोफेसर आर.एस. खंगरोट शामिल थे. कमेटी ने कुछ सुझाव दिए, साथ ही फ़िल्म का नाम बदलने की सलाह भी दी.
14 जनवरी, 2018
निर्माताओं ने घोषणा की कि पद्मावती 25 जनवरी को रिलीज़ होगी. उसी दिन जब अक्षय कुमार की पैडमैन रिलीज़ होगी.
15 जनवरी, 2018
मेकर्स ने एक पेज का विज्ञापन जारी कर एलान किया कि फ़िल्म में कोई भी आपत्तिजनक दृश्य नहीं है. हालांकि, फ़िल्म राजस्थान, गुजरात और एमपी में बैन थी. इस बीच फ़िल्म का नाम ‘पद्मावती’ से बदलकर ‘पद्मावत’ कर दिया गया.
16 जनवरी, 2018
सीबीएफसी से मंज़ूरी मिलने के बाद पद्मावत के निर्माताओं ने चार राज्यों में फिल्म पर बैन लगाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा सरकारों ने ये कहते हुए फ़िल्म पर प्रतिबंध लगा दिया था कि इसकी रिलीज़ से कानून व्यवस्था की समस्या हो सकती है.
18 जनवरी, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने बैन को हटा दिया. साफ़ कर दिया कि फ़िल्म 25 जनवरी को देश भर में रिलीज़ होगी. इस फ़ैसले ने अन्य राज्यों को इस तरह की अधिसूचना जारी करने से रोक दिया.
25 जनवरी, 2018
तमाम विरोध प्रदर्शनों के बावजूद फ़िल्म रिलीज़ हुई. कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया.
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