पंकज कपूर एक ऐसा नाम है, जिसने फ़िल्में की, तो लोगों का प्यार पाया और जब डेली सोप को हाथ लगाया, तो लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई. फ़िल्मों की बात अभी छोड़ भी दें, तो ‘ऑफ़िस-ऑफ़िस’ के मुस्सदि लाल और ‘ज़बान संभाल के’ के मोहन भारती को कौन भूल सकता है?

पंकज कपूर ने उस समय सिनेमा की दुनिया में कदम रखा, जब बॉलीवुड में आर्ट सिनेमा का दबदबा था, पर बड़े कलाकार अब भी इससे दूरी बनाने की कोशिश कर रहे थे. ऐसे समय में पंकज का साथ NSD में सीखी एक्टिंग की बारीकी ने दिया और ब्रिटिश डायरेक्टर Richard Attenbrough की फ़िल्म ‘गांधी’ से 1982 में अपना करियर शुरू किया. इस फ़िल्म में उन्होंने गांधी जी के सहायक का किरदार निभाया था, पर बॉलीवुड के कई निर्देशक पंकज कपूर के रूप में एक कलाकार को पहचान रहे थे.

‘गांधी’ करने एक साल बाद ही श्याम बेनेगल ने पंकज को अपनी फ़िल्म ‘मंडी’ में मौका दिया. शबाना आज़मी, स्मिता पाटिल और ओम पुरी जैसे नामों के बीच भी पंकज ने अपनी अदाकारी की छाप छोड़ी. इसके बाद पंकज कपूर ने कई फ़िल्में ऐसी कीं, जिन्होंने उनकी पहचान एक एक्टर के रूप में बनाई, जो सिर्फ़ आर्ट सिनेमा में ही नहीं, बल्कि Main Stream सिनेमा भी अपनी धाक जमाना जानता था. अब तक आप पंकज कपूर की न जाने कितने ही फ़िल्में देख चुके होंगे, पर आज हम आपको उनकी कुछ ऐसी फ़िल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बेशक बॉक्स ऑफ़िस पर कामयाब न रही, पर इनमें भी पंकज कपूर ने अपनी एक्टिंग से जान फूंक दी.

दस

लम्बी स्टार कास्ट होने के बावजूद 2005 में आई ये फ़िल्म दर्शकों को बांधने में कामयाब नहीं हो पाई, पर नेगेटिव रोल में भी पंकज कपूर दर्शकों की वाहवाही लूटने में कामयाब रहे.

हल्ला बोल

सफ़दर हाश्मी के नाटक ‘हल्ला बोल’ पर बेस्ड इस फ़िल्म में पंकज छोटी भूमिका में नज़र आये, पर फिर भी अपनी आवाज़ और अपनी अदाकारी से उन्होंने किरदार को कुछ ऐसा ज़िंदा किया कि लोग सिनेमाघरों में खड़े हो कर सीटी बजाते हुए दिखाई दिए.

मटरू की बिजली का मन्डोला

इस फ़िल्म की कहानी को ले कर बेशक कई ट्रोल हुए, पर यहां भी अपनी एक्टिंग से पंकज पूरी फ़िल्म को ले कर खड़े होते हुए दिखाई दिए.

Finding Fanny

अर्जुन कपूर-दीपिका पादुकोण स्टारर इस फ़िल्म को वो सफ़लता नहीं मिल पाई, जिसकी ये हक़दार थी. पर नसरुद्दीन शाह और पंकज कपूर की जोड़ी ने दर्शकों को कुछ ऐसा बांधा कि लोग चाहने के बावजूद अपनी कुर्सियां नहीं छोड़ पाए.

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