2017 की बहुचर्चित फ़िल्म ‘बाहुबाली-2 द कन्क्लूज़न’ देश-दुनिया में रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर रही है. बूढ़े हों, बच्चें हों या फिर हो जवान, हर किसी ज़ुबान पर है बस बाहुबली नाम. एस.एस.राजामौली की ये फ़िल्म कमाई के मामले में इतिहास रच रही है.

फ़िल्म की रिलीज़ के तीन हफ़्ते बाद भी ये बेहद डिमांड में है, लेकिन वहीं सिंगापुर में बहुत सारे लोग परिवार के साथ ये फ़िल्म नहीं देख पा रहे हैं. इसकी वजह है कि सिंगापुर सेंसर बोर्ड ने इस फ़िल्म को एडल्ट सर्टिफ़िकेट दिया है. फ़िल्म में दिखाई गई हिंसा को देखते हुए सिंगापुर के सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म को NC16 सर्टिफ़िकेट दिया है, जिसका मतलब है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चे इस फ़िल्म को नहीं देख पाएंगे.

वहीं एशिया और यूरोप के कई देशों में बॉलीवुड फिल्मों को हमसे ज़्यादा ‘ए’ सर्टिफ़िकेट दिया गया है.

डीएनए से बातचीत के दौरान इंडियन सेसर बोर्ड के चेयरपर्सन पहलाज निहलानी ने कहा कि ‘भारत में बाहुबली 2 को सर्टिफ़िकेट बिना किसी कट के दे दिया गया था, लेकिन सिंगापुर में इसे हिंसावादी फ़िल्म के तौर पर देखा गया, जिसमें युद्ध के दौरान सैनिकों को बेरहमी से मारते हुए दिखाया गया है.’

फ़िल्‍म में प्रभास, राणा डग्गुबाती, अनुष्‍का शेट्ट‍ी, तमन्‍ना भाटिया, रम्‍या कृष्‍णन और सत्‍यराज मुख्‍य भूमिका में हैं. फिल्‍म में सभी कलाकारों के एक्टिंग की ख़ूब तारीफ़ हो रही है.

चेयरपर्सन निहलानी के मुताबिक, ‘इसके पीछे सबकी अपनी कुछ वजह, अपनी परंपराएं हैं. हमारे पुराने धार्मिक ग्रंथों में भी हिंसा की घटनाएं हैं, जैसे राक्षस का वध करना. हमारे देश में बच्चे ऐसी कहानियां सुनते हुए बड़े होते हैं. उन्हें इस तरह की चीज़ें देखकर डर नहीं लगता है.’