बॉलीवुड में कई ऐसे सुपरस्टार्स है, जिन्हें घूमते-फिरते फ़िल्मों में काम करने का मौका मिला और रातोंरात उनकी किस्मत बदल गई. ऐसे ही दमदार कलाकारों में से एक हमारे प्राण साहब भी हैं. कहते हैं कि बॉलीवुड के इस स्टार को उनकी पहली फ़िल्म का ऑफ़र एक पान की दुकान पर मिला था, जिसके बाद उन्होंने एक के बाद हिट फ़िल्में देकर अभिनय की दुनिया में अपनी एक ख़ास पहचान बनाई.   

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अपने फ़िल्मी करियर में प्राण साहब ने करीब 400 से अधिक फ़िल्में की, लेकिन सबसे ख़ास और अच्छी बात ये थी कि उन्होंने किसी भी मूवी में एक जैसा लुक नहीं रखा और ऐसा अनोख़ा कारनामा करने वाले वो बॉलीवुड के पहले स्टार बन गये. ‘मधुमती’, ‘जिस देश में गंगा बहती है’, ‘हाफ़ टिकट’, ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘परिचय’ और ‘ज़ंजीर’ जैसे सुपरहिट फ़िल्में कर इस अभिनेता ने साबित कर दिया कि अभिनय की दुनिया में उनका कोई जवाब नहीं. सिर्फ़ अभिनय की दुनिया में ही नहीं, बल्कि वो अपनी निज़ी ज़िंदगी में बेहद अलग और ज़िंदादिल इंसान थे. 

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कहा जाता है कि जिस वक़्त ‘ज़ंजीर’ के प्रीमियर के लिये अमिताभ बच्चन, प्राण और निर्देशक प्रकाश मेहरा के साथ कोलकाता पहुंचे, तो वो दिवारों पर लगे प्राण के पोस्टर और दर्शकों द्वारा लगाये जा रहे उनके नाम के नारे सुनकर मायूस हो गए. बिग बी की ये उदासी देख कर प्राण ने उनसे कहा कि फ़िल्म रिलीज़ होने के बाद यही जनता तुम्हारे नाम के नारे लगा रही होगी और हुआ भी वही. इसके साथ ही मूवी में प्राण और अमिताभ पर फ़िल्माए गए गाने, यारी है ईमान मेरा…ने पॉपुलरिटी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये.  

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प्राण साहब वो इंसान थे, जो अपने साथ-साथ दूसरों की काफ़ी परवाह करते थे. यही वजह थी कि जब वो ‘उपकार’ फ़िल्म की शूटिंग कर रहे थे, तब कोलकाता में रह रही उनकी बहन की मौत की ख़बर आने पर भी वो शूटिंग छोड़कर नहीं गये. ऐसा उन्होंने इसलिये किया, क्योंकि वो जनते थे कि अगर वो बीच में शूटिंग छोड़कर गये, तो मज़दूरों का मेहनताना मर जाएगा और वो ऐसा होता नहीं देख सकते थे.  

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उन्हें जितनी मोहब्बत अपने काम से थी, उतनी ही परवाह अपनी ज़िंदगी की भी थी. प्राण साहब के खाने-पीने का टाइम फ़िक्स था. वो फ़िट और परफ़ेक्ट रहने के लिये पूरे दिन में तीन टाइम नियम से खाना खाते थे., उनका सुबह का नाश्ता हैवी होता था, क्योंकि उनका मानना था कि सुबह का नाश्ता हैवी और रात का डिनर लाइट होना चाहिये. 


अपनी अभिनय से दर्शकों के दिलों में बसने वाले प्राण अभिनय की दुनिया में आने से पहले फ़ोटोग्राफ़र बनना चाहते थे. इसके अलावा उन्हें स्मोकिंग पाइप और वॉकिंग स्टिक इक्ट्ठा करने का भी शौक था. प्राण हमेशा कहते थे कि वो 100 साल पूरे करने के बाद ही दुनिया से अलविदा लेंगे, लेकिन अफ़सोस ऐसा नहीं हुआ और वो उससे पहले ही दुनिया से अलविदा लेकर चले गये.  

प्राण साहब की याद में पेश हैं उनके कुछ सुपरहिट डायलॉग्स: