हिंदी सिनेमा में बतौर अभिनेता, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर अपना योगदान देने वाले एक्टर शो मैन राज कपूर (Raj Kapoor) ने 10 साल की उम्र में सिनेमा के पर्दे पर फ़िल्म इंक़लाब से दस्तक दे दी थी. इसके बाद राज कपूर (Raj Kapoor) ने लोगों के दिलों पर जमकर राज किया. उनकी हर एक फ़िल्म सराही गई. इतनी ही नहीं राज कपूर और नरगिस की जोड़ी को भी लोगों ने दिल से पसंद किया और इनके प्यार के क़िस्से भी ख़ूब बने. राज कपूर की ज़िंदगी के बारे में देखा जाए तो उनकी ज़िंदगी एक पर्दे जैसी थी, उसमें कई कहानियां और क़िस्से थे, उन्हीं में से एक क़िस्सा पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ भी था.

जब पंडित नेहरू ने तोड़ दिया था राज कपूर का दिल

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जब करोड़ों दिलों पर राज करने वाले राज कपूर (Raj Kapoor) का दिल पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू (P. Jawahar Lal Nehru) ने तोड़ दिया था, क़िस्सा काफ़ी दिलचस्प है.

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दरअसल, क़िस्सा 1957 का है, जब राज कपूर ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ नाम की फ़िल्म बना रहे थे. इस फ़िल्म की कहानी एक बच्चे पर आधारित थी, जिसके पिता को जेल हो गई थी और वो उस सज़ा को कम कराने के लिए चाचा नेहरू से मिलना चाहता है और वो इसके लिए दिल्ली पहुंच जाता है. बच्चे के इसी सीन को राज कपूर त्रिमूर्ति भवन में पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ शूट करना चाहते थे, लेकिन नेहरू जी की टीम ने उन्हें इस फ़िल्म में शामिल न होने की सलाह दी तो वो राज कपूर की फ़िल्म में काम करने से पीछे हट गए.

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दिग्गज अभिनेता राज कपूर से जुड़े इस दिलचस्प क़िस्से का ख़ुलासा इंडिया टुडे ने अपनी एक रिपोर्ट में किया था, जिसके मुताबिक़, शो मैन राज कपूर, पंडित जवाहर लाल नेहरू के बड़े प्रशंसक थे और उन्हें अपनी फ़िल्म ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ में कास्ट करना चाहते थे. मगर पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपनी टीम की बात सुनकर राज कपूर की इस फ़िल्म से हटने का फ़ैसला ले लिया.

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आपको बता दें, अभिनेता देव आनंद ने भी राज कपूर से जुड़े इस क़िस्से का ज़िक्र अपने एक इंटरव्यू में किया था,

हम तीनों राज कपूर, दिलीप कुमार और मैं पंडित जवाहर लाल नेहरू से आख़िरी बार मुलाक़ात करने दिल्ली गए थे. उस 2 घंटे की मुलाक़ात के दौरान हम तीनों एक बच्चे की तरह व्यवहार कर रहे थे और ऐसा लग रहे थे जैसे पंडित जवाहर लाल नेहरू हमारे दादा जी हो. इसके अलावा, मैं, दिलीप कुमार और राज कपूर उनके बहुत बड़े फ़ैंस भी थे इसलिए भी उनसे मिलकर हम बहुत ख़ुश थे और उनसे हल्का-फुल्का मज़ाक भी कर रहे थे.

-देव आनंद

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आपको बता दें, राज कपूरदिलीप कुमार और देव आनंद की मुलाक़ात भले ही पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के साथ अच्छी और बेहतर रही हो, लेकिन इस मुलाक़ात का कुछ भी निष्कर्ष नहीं निकला था. इसके बाद भी राज कपूर के हाथ निराशा ही लगी थी और राज कपूर को अपनी फ़िल्म पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के बिना ही बनानी पड़ी थी.

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