रजनीकांत! एक ऐसा नाम जिसे सुनते ही दिमाग में रीयल हीरो की तस्वीर बन जाती है. रजनीकांत को तलाईवा कहा जाता है जिसका मतलब होता है – लीडर! रजनीकांत की फ़िल्में पर्दे पर आने से पहले ही हिट हो जाती हैं. दुनियाभर में उनके चाहने वालों की कमी नहीं है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सुपर हीरो के पीछे एक और हीरो है जो बहुत ही सुलझा हुआ इंसान है.

आइए आपको मिलवाते हैं पर्दे के पीछे वाले रीयल लाइफ हीरो रजनीकांत से—

रजनीकांत अक्सर ही हिमालय की गोद में जाकर वहां के छोटे-छोटे गाँवों में रहते हैं. वे कहते हैं कि वे अपनी हर फिल्म के बाद हिमालय आते हैं. यहां आकर उनके दिल को शांति मिलती है.

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अगर कभी रजनीकांत की फिल्म पर्दे पर अच्छा काम नहीं करती तो वे वितरकों को अपनी जेब से पैसा लौटाते हैं. इसके अलावा इसका सारा दोष भी खुद पर ले लेते हैं.

रजनीकांत की ये खासियत है कि वो कभी किसी को इंतज़ार नहीं करवाते, फिर भले ही वो शूट का मामला हो या किसी इवेंट का, रजनी टाइम पर पहुंच जाते हैं.

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किसी शूट या इवेंट के दौरान भी रजनी अपनी कार खुद ही चलाना पसंद करते हैं.

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रजनीकांत के पास पैसे की कोई कमी नहीं, पर फिर भी उन्होंने अपने पुराने कपड़ों, कार और दूसरी चीज़ों को सम्भाल कर रखा है. वो चीजों की कीमत जानते हैं.

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इतना बड़ा स्टार होने के बावजूद रजनीकांत ज़मीन से जुड़े हुए हैं. के. बालाचन्द्रा ने उन्हें पहला ब्रेक दिया था और रजनी आज भी उन्हें सबसे ज्यादा मानते हैं. यहां तक कि वो उनसे डांट भी खाते हैं.

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रजनीकांत को पढ़ने का भी बहुत शौक है. वे अक्सर धर्म, अध्यात्म और साइंस आदि से संबंधित किताबें पढ़ते हैं.

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रजनीकांत की माता जी का देहांत तभी हो गया था जब रजनी काफी छोटे थे. इसके बाद उन्होंने आने परिवार को पालने के लिए कुली और बस कन्डक्टर की नौकरी भी की और फिर उनकी किस्मत का सितारा चमक उठा.

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वो बहुत सादा जीवन जीते हैं, धोती-कुर्ता पहनना पसंद करते हैं और सोते समय मुंह पर गीला कपड़ा डाल लेते हैं.

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रजनीकांत हर किसी से बड़े प्यार से मिलते हैं. वो हर किसी के अपने हैं.

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रजनी के चाहने वाले उनकी बहुत इज्ज़त करते हैं और रजनी अपने चाहने वालों की बहुत इज्ज़त करते हैं. 22 साल पहले रजनी के जन्मदिन की पार्टी से लौट रहे उनके तीन फैन्स का एक्सीडेंट में देहांत हो गया था. रजनी को इस हादसे से इतना सदमा पहुंचा था कि उन्होंने अपना जन्मदिन तक नहींमनाया था.

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