Rajpal Yadav Struggle Story : कॉमेडी करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है. उसके लिए आपकी कॉमिक टाइमिंग एक दम सटीक होनी चाहिए. अपने कॉमेडी पंच से लोगों को गुदगुदाना दुनिया में काफ़ी कम लोग कर पाते हैं. इन्हीं में से एक कॉमेडी किंग एक्टर राजपाल यादव को माना जाता है. छोटे से कस्बे से आए राजपाल यादव (Rajpal Yadav) को आज हर कोई जानता है. भले ही उन्होंने किसी फ़िल्मों में लीड रोल ना किया हो, लेकिन अपनी कॉमिक टाइमिंग और लाजवाब एक्टिंग से आज उनकी बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक यूनिक पहचान है. आज एक्टर अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं. हालांकि, आज वो जिस मुकाम पर हैं, यहां तक उनके पहुंचने का सफ़र बिल्कुल भी आसान नहीं था.

आइए आज हम राजपाल यादव की स्ट्रगल स्टोरी के बारे में आपको बताते हैं.

wikibio

ये भी पढ़ें: राजपाल यादव की ज़िन्दगी का वो दौर जब लोन न चुका पाने के कारण उन्हें जेल में गुज़ारने पड़े थे 3 महीने

राजपाल यादव का बचपन

उत्तर प्रदेश के एक जिले शाहजहांपुर से 50 किलोमीटर दूर एक छोटे से क़स्बे कुलरा के मूल निवासी राजपाल यादव का जन्म 16 मार्च 1971 को इसी गांव में हुआ था. बचपन से ही उनके घर की आर्थिक स्थिति काफ़ी ख़राब थी. आलम ये था कि उनके सिर पर पक्की छत भी नहीं थी. इतनी खस्ता हालत के बाद भी अभिनेता के पिता ने समय के साथ ‘कुश्ती’ लड़कर उन्हें दूसरे गांव के अच्छे स्कूल में पढ़ाया. बचपन से ही पढ़ाई में राजपाल का मन नहीं लगता था. वो अपना ज़्यादातर समय आसपास में गांव में हो रही नौटंकियों को देखते हुए बिताते थे. उन्होंने पांचवी तक अपने गांव के प्राइमरी स्कूल से पढ़ाई की. इसके बाद 10वीं तक पहुंचने के दौरान उन्होंने अपने तीन स्कूल बदले. इसके बाद उन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई शाहजहांपुर के ऑर्डिनेंस क्लोदिंग फैक्ट्री में स्थित स्कूल से की. ये एक सरकारी संस्थान है, जिसमें आर्मी, नेवी और एयर फ़ोर्स के लिए कपड़े और ज़रूरत की अन्य चीज़ें बनाई जाती हैं. वहां उन्होंने टेलरिंग का भी काम किया. एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का ज़िक्र किया था कि अगर वो एक्टर ना होते तो उसी फैक्ट्री में नौकरी कर रहे होते.

Rajpal Yadav Struggle Story
imdb

राजपाल के पेरेंट्स उन्हें बनाना चाहते थे डॉक्टर

राजपाल के पेरेंट्स का सपना था कि उनका बेटा डॉक्टर बने. उन्होंने मां-बाप की बात मानते हुए साइंस की फ़ील्ड में क़दम रखा भी, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें समझ आने लगा कि इस विषय में उनकी रूचि नहीं है. जिसके बाद उन्होंने अपनी स्ट्रीम बदलते हुए रूहेलखंड यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस और हिंदी लिटरेचर में ग्रेजुएशन की. कॉलेज के दौरान उन्होंने कई स्टेज प्ले में भी हिस्सा लिया. यहीं से उनका रुझान एक्टिंग की ओर बढ़ने लगा. वो शाहजहांपुर के लोकल थिएटर ग्रुप कोरोनेशन आर्ट थिएटर से जुड़ गए. इसके बाद 1992 में उन्होंने लखनऊ के भारतेंदु नाट्य अकादमी से दो साल का एक्टिंग डिप्लोमा कोर्स किया. इसके बाद वो दिल्ली आए. उस दौरान नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा नए टैलेंट की तलाश में रहता था. राजपाल ने वहां तीन साल एक्टिंग की ट्रेनिंग ली. साल 1997 में वो यहां से पास आउट हुए और मुंबई के लिए रवाना हुए. राजपाल ने बताया था कि स्ट्रगल के दिनों में उन्होंने 500 रुपए के लिए भी काम किया था.

bhaskar

ये भी पढ़ें: राजपाल यादव का हर किरदार ये साबित करने के लिए काफ़ी है कि एक अच्छे एक्टर के कई रंग हो सकते हैं

राजपाल की एक्टिंग की दुनिया में एंट्री

राजपाल ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत छोटे पर्दे से की. उन्होंने सबसे पहले ‘स्वराज’ नाम के सीरियल से काम शुरू किया. इसके बाद वो ‘नया दौर’ और ‘मोहनदास’ सीरियल में भी दिखे. इसके बाद ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ के सीक्वल में भी राजपाल नज़र आए. उन्होंने डेढ़ दो साल टीवी सीरियल में काम किया, लेकिन उनके मन में कुछ बड़ा करने की चाह थी. साल 1999 में डायरेक्टर प्रकाश झा ने अजय देवगन, काजोल और महिमा चौधरी स्टारर फ़िल्म ‘दिल क्या करे’ में राजपाल को स्कूल वॉचमैन का रोल दिया. उसके बाद वो आफ़ताब शिवदासानी की डेब्यू फ़िल्म ‘मस्त’ में चपरासी के रोल में नज़र आए. इसके बाद राजपाल और राम गोपाल वर्मा ने एक साथ 17 मूवीज़ कीं. इसमें से फ़िल्म ‘जंगल’ राजपाल के करियर का टर्निंग पॉइंट साबित रहीं.

abplive

इस फ़िल्म ने बनाया पॉपुलर

फ़िल्म ‘जंगल’ में निगेटिव क़िरदार निभाने के बाद राजपाल ‘प्यार तूने क्या किया’, ‘कंपनी’, ‘चांदनी बार’ जैसी मूवीज़ में नज़र आए. इसके बाद साल 2003 में उन्हें फ़िल्म ‘हंगामा’ में एक राजा नाम के लड़के का रोल निभाने का मौका मिला. ये राजपाल के करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुई और लोग उन्हें पहचानने लगे. इसमें लोगों ने उन्हें कॉमेडी रोल में इतना पसंद किया कि फ़िल्ममेकर्स कॉमेडी क़िरदार निभाने के लिए राजपाल को अच्छे पैसे ऑफ़र करने लगे. इसके बाद से ही एक्टर ने ठान ली कि वो कॉमिक रोल्स ही करेंगे.

timesofindia

कई मूवीज़ में कर चुके हैं कॉमेडी रोल्स

इसके बाद राजपाल यादव को कई कॉमेडी रोल्स के ऑफ़र आने लगे. साल 2006 में आई मूवी ‘चुपके चुपके’ एक्टर की बेस्ट मूवीज़ में से एक रही. इसके बाद साल 2007 में ‘भूल भुलैया’ में छोटा पंडित का रोल निभाकर राजपाल ने सबका दिल जीत लिया था.

jagran

आज भी भूल भुलैया के क़िरदार को करते हैं याद

राजपाल यादव का ‘भूल भुलैया’ का क़िरदार आज तक लोगों के जेहन में बसा है. इसमें लाल पाउडर लगाए पंडित को दिखाया गया है. आज के समय में इस क़िरदार पर कई मीम्स भी बनते हैं. इस मूवी का 2022 में सीक्वल बना था, जिसमें राजपाल लाल पाउडर की जगह सफ़ेद पाउडर में नज़र आए थे. एक्टर ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि मुझे इस तरह के क़िरदार निभाने का मौका मिलता रहे, मैं यही उम्मीद करता हूं.

indiatvnews