इस साल #MeToo की लहर ने बॉलीवुड की ठीक-ठाक सफ़ाई कर दी. कई चहरे बेनकाब हुए और कईयों को सबक भी मिल गया. महिलाओं ने खुल कर अपने दोषी का नाम लिया और अपनी कहानी दुनिया के सामने रखी. लगभग पूरा बॉलीवुड एक स्वर में बोल रहा था. बड़ी-बड़ी हस्तियां पीड़ितों के साथ खड़ी थी और साथ ही साथ ये भी कहा गया कि आरोपी को भी अपना पक्ष रखने का मौक़ा दिया जाए.
हाल ही में अनुष्का शर्मा, दीपिका पादुकोण, तब्बु, तापसी पन्नु, आलिया भट्ट और रानी मुखर्जी फ़िल्म क्रिटिक राजीव मसंद के शो पर मौजूद थीं. कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बाच हुई, बात महिला सुरक्षा की भी निकली.
रानी मुखर्जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि लड़कियों को आत्म सुरक्षा के तकनिक जैसे मार्शल आर्ट या कराटे अवश्य रूप से स्कूल में सिखाया जाना चाहिए. रानी की इस बात पर साथ बैठी दीपिका, आलिया और अनुष्का ने असहमती दर्ज कराई.
दीपिका ने कहा, ‘ऐसा मौका ही क्यों आए कि लड़कियों को आत्मसुरक्षा सीखना पड़े’. अनुष्का, दीपिका की बातों से सहमत थी, उन्होंने आगे कहा कि इससे हम लड़कियों को ही बदलने की सलाह दे रहे हैं.
रानी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि लड़कियों को बदलाव लाने के लिए उन्हें ख़ुद भी बदलना होगा… हम सभी मांओं को ये नहीं कह सकते कि वो अपने बेटे की परवरिश कैसे करें.
रानी मुखर्जी के तर्कों को सुन कर सोशल मीडिया में उनकी ख़ूब आलोचना हुई.
Deepika, Anushka, And Alia really were making great points while Rani here makes martial arts noises. You can’t make this shit up. pic.twitter.com/sceqsEj71N
— Doe (@doepikapadukone) December 29, 2018
Me watching Rani Mukherjee talk about #Metoo. pic.twitter.com/DcuXk99Chr
— Sayantan Ghosh (@sayantansunnyg) December 30, 2018
Learning self-defense etc is great.. but what Rani is not addressing is.. that a predator is a predator.. and they don’t care whether you have learnt to defend yourself or not.. many times mind games are played.. personal space is violated.. there are many forms of harrasement
— Aneeta (@AneetaRadoja) December 29, 2018
Learning self-defense etc is great.. but what Rani is not addressing is.. that a predator is a predator.. and they don’t care whether you have learnt to defend yourself or not.. many times mind games are played.. personal space is violated.. there are many forms of harrasement
— Aneeta (@AneetaRadoja) December 29, 2018
Rani Mukherjee is that friend in group discussion round of placement who thinks speaking more will get more brownie points. https://t.co/56LkqRX6y2
— 🇮🇳Pandey🇮🇳 (@Jhalla_wallah) December 30, 2018
Didn’t know Rani Mukerji is so obnoxious and regressive and a complete non-listener. Proud of this young crop of actors @AnushkaSharma @deepikapadukone @aliaa08 https://t.co/llZ4wvMZHo
— Pallavi Singh (@PallSin) December 30, 2018
कुल मिलाकर सब यही कहना चाहते हैं कि रानी मुखर्जी समस्या को समाप्त करने के उपाय की बात नहीं कर रहीं, बल्कि समस्या से बचने के उपाय बता रही हैं.