उम्र के इस दौर में आज भले वो बेहद बीमार हों, लेकिन अपने दौर में दिलीप साहब ने बॉलीवुड को कई यादगार फ़िल्में और Iconic किरदार दिए हैं. देवदास, मुगल-ए-आज़म, लीडर, नया दौर, राम और श्याम जैसी फ़िल्मों को दिलीप कुमार ने अपने अभिनय से यादगार बनाया.
दिलीप कुमार का असली नाम मो. युसुफ़ खान है. इस तरह वो बॉलीवुड के पहले ‘खान’ हुए. 2012 में उन्हें दादा साहब फ़ाल्के अकैडमी पुरस्कार दिया गया था और 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया. आईये नज़र डालते हैं दिलीप साहब के सफ़रनामे की तरफ़:
पक्षी राजा स्टूडियो में फ़िल्म आज़ाद की शूटिंग के दौरान मीना कुमारी और बाकी कास्ट के साथ दिलीप कुमार.
दिलीप साहब के साथ गलबहियां देवआनंद.
ये आज भी साथ हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ बॉलीवुड के तीन सुपरस्टार, राजकपूर, दिलीप कुमार और देवआनंद
शादी के बंधन में बंध गए दिलीप कुमार और सायरा बानो
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1966 की फ़िल्म ‘साज़ और आवाज़’ के लिए क्लैप देते दिलीप कुमार
ट्रैजेडी किंग, किंग खान और सदी के महानायक एक साथ
दिल तो बच्चा है जी
2012 में दादा साहब फ़ाल्के पुरुष्कार समारोह में दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन और सायरा बानो
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अपने 93वें जन्मदिन पर केक काटते दिलीप कुमार
2015 में दिलीप साहब को पद्म विभूषण दिया गया था. सेहत खराब होने के कारण गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिलीप कुमार के घर जाकर उन्हें ये सम्मान दिया था.
June 2014 में अपनी आत्मकथा ‘Substance And Shadow’ के लॉन्च के वक़्त पत्नी सायरा बानो के साथ दिलीप कुमार
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