जैसे-जैसे वक़्त बदल रहा है टीवी धारावाहिकों (TV Serials) की सोच भी बदलती जा रही है. पहले के सीरियल्स में कहानियां होती थीं. वहीं अब कहानी कम और ड्रामा ज़्यादा होता है. धारावाहिकों से लोगों का विश्वास उठ ही रहा था कि एक साल पहले टीवी पर अनुपमा (Anupamaa) सीरियल लॉन्च किया गया. कुछ ही दिनों में सीरियल ने लोगों का ध्यान खींचा और टीआरपी चार्ट में ‘नबंर 1’ की जगह ले ली.

आलम ये है कि आये दिन लोग इस शो के बारे में चर्चा करते रहते हैं. धारावाहिक लोगों की रुढ़िवादी सोच तोड़ उन्हें आईना दिखाने का काम रहा है. जिसकी हमारे समाज को सख़्त ज़रूरत भी है. चलिये जानते हैं कि ‘अनुपमा’ ऐसा क्या कर रही है, जो लोग उसे इतना प्यार दे रहे हैं.

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1. शादी के बाद औरत तलाक नहीं दे सकती

काव्या और वनराज के रिश्ते की सच्चाई जानने के बाद ‘अनुपमा’ टूट चुकी थी, लेकिन फिर भी उसने हिम्मत दिखाई. ‘अनुपमा’ ने वनराज से तलाक लेने का फ़ैसला किया. ये फ़ैसला ‘अनुपमा’ के लिये मुश्किल था, लेकिन उसने घुट-घुट के जीने के बजाये तलाक लेना बेहतर समझा.

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2. घर चलाने वाली महिला बिज़नेस भी चला सकती है

25 साल तक सिर्फ़ घर चलाने वाली ‘अनुपमा’ ने जब अपनी ‘डांस एकेडमी’ खोलने का फ़ैसला लिया, तो ये सबके लिये हैरानी वाली बात थी. वनराज को ‘अनुपमा’ का डांस करना बिल्कुल पसंद नहीं था, लेकिन ‘अनुपमा’ ने एकेडमी खोल बता दिया कि वो अपने फ़ैसले ख़ुद ले सकती है. इसके बाद जब ‘अनुपमा’ की लाइफ़ में ‘अनुज कपाड़िया’ की एंट्री हुई, तो अनुज ने ‘अनुपमा’ को बिज़नेस पार्टनरशिप ऑफ़र की. ‘अनुपमा’ ने दिल की सुनी और अब वो घर-घर के साथ-साथ अपने अधूरे सपनों को भी जी रही है.

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3. अनुपमा और उसके बेटे के बीच ख़ास रिश्ता

अनुपमा का उसके छोटे बेटे समर से ख़ास लगाव है. समर भी अपनी मां को ख़ुद से ज़्यादा चाहता और मानता है. सुख हो या दुख दोनों मां-बेटे हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े दिखाई देते हैं.

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4. अनुपमा और अनुज की दोस्ती

तलाक के बाद ‘अनुपमा’ ज़िंदगी के कई उतार-चढ़ाव से गुज़र रही थी, तभी उसके जीवन में उसके स्कूल फ़्रैंड अनुज की एंट्री होती है. इसके साथ ही कई ख़ुशियों की भी. हांलाकि, घर में कई लोगों को अनुज और ‘अनुपमा’ की दोस्ती से दिक्कत थी, लेकिन इस बार ‘अनुपमा’ ने सिर्फ़ अपने दिल की सुनी.  

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5. ख़ुद पर विश्वास होना ज़रूरी है  

आप हाउसमेकर हो या ऑफ़िस वर्कर ख़ुद पर यकीन होना बेहद ज़रूरी है. ‘अनुपमा’ किसी भी काम को पूरे यकीन के साथ करती है और सफ़ल भी होती है.  

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6. सीखने की कोई उ्म्र नहीं होती 

‘अनुपमा’ तीन बच्चों की मां है. जिस उम्र में औरतों के जोड़ों में दर्द होने लगता है. उस उम्र में ‘अनुपमा’ कुछ नया सीखने की चाह में हमेशा भागती दौड़ती रहती है.  

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7. सपोर्टिव ससुर  

आज के वक़्त में बहुत कम देखने को मिलता है कि जब कोई ससुर अपनी बहु को बेटी की तरह प्यार दे. ‘अनुपमा’ के ससुर भी कुछ ऐसे ही हैं. ‘अनुपमा’ का फ़ैसला कुछ भी हो, लेकिन उसके ससुर हमेशा ही उसके साथ खड़े दिखाई देते हैं.

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8. ख़ुद से प्यार करना 

रिश्तों के जाल में फंस कर एक महिला कभी ख़ुद के लिये समय नहीं निकाल पाती है. वो भूल जाती है कि वो भी इंसान है और उसे भी जीने का हक़ है. ‘अनुपमा’ ने भी ख़ुद के बारे में थोड़ा देर से सोचा और अब वो किसी भी हालत में अपनी ख़ुशियों के साथ समझौता नहीं करना चाहती, जो कि सही भी है. 

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एक झूठे रिश्ते से निकल कर ‘अनुपमा’ ख़ुद के लिये जीना सीख रही है, जो एक इंसान के लिये बेहद ज़रूरी है. ‘अनुपमा’ देखिये और उससे कुछ सीखिये. वैसे कौन-कौन अनुपमा देख कर उसकी टीआरपी बढ़ा रहा है.