Sanjay Dutt की गिनती बॉलीवुड के बड़े और शानदार अभिनेताओं में होती है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1981 में आई फ़िल्म ‘रॉकी’ से की थी. ये फ़िल्म उनके पिता सुनील दत्त ने डायरेक्ट की थी. एक्टर संजय दत्त के जीवन की बात करें, तो उनका जीवन काफ़ी विवादों से भरा रहा है. उन्हें TADA और Arms Act के अंतर्गत 1993 में गिरफ़्तार किया गया था. संजय दत्त को अबू सलेम और रियाज़ सिद्दीक़ी से अवैध बंदूक़ लेने, रखने और नष्ट करने का दोषी माना गया था. काफ़ी ट्रायल के बाद उन्हें 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने पांच साल की सज़ा सुनाई थी. उन्होंने ये समय पुणे की यरवदा जेल में बिताया था.


साथ ही एक समय ऐसा भी आया था जब कि वो नशे की लत में बुरी तरह डूब चुके थे और लोग उन्हें चरसी कहकर बुलाने लगे थे. आइये, इस ख़ास लेख में जानते हैं लोगों द्वारा संजय दत्त को चरसी कहकह बुलाने का पुरा क़िस्सा.   

आइये, अब विस्तार से पढ़ते हैं Sanjay Dutt के बारे में. 

दो साल तक रिहैब में रहे  

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हाल ही में Sanjay Dutt फ़ेमस यूट्यूबर व इंफ़्लूएंसर रणवीर अल्लाहबादिया के पॉड कास्ट में नज़र आए. जहां उन्होंने अपनी पास्ट लाइफ़ से जुड़ी कई बातों को सामने रखा. उन्होंने कहा कि, “जब मैंने ड्रग्स लेना शुरू किया, तो वो समय काफ़ी कूल नज़र आ रहा था”. वहीं, जब संजय दत्त से रणवीर ने पूछा कि आपने ख़ुद को ड्रग्स की आदत से कैसे निकाला, तो उन्होंने पास्ट की चीज़ों को याद करते हुए कहा कि, “जब कोई नशीली दवा या ड्रग्स की लत में पड़ जाता है, तो वो अकेला हो जाता है और मैं वैसा ही हो गया था. 

मुझे संभालना सच में मुश्किल था. मैं ये मान ही नहीं पा रहा था कि मैं एक ड्रग्स एडिक्ट हूं. मुझे इसके लिए 2 सालों तक रिहैब में रहना पड़ा”. 

रिहैब के अनुभव किए साझा  

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Sanjay Dutt ने अपने रिहैब के अनुभव भी साझा किए. उन्होंने कहा कि, “जब मैंने रिहैब के अंदर फ़न एक्टिविटी में भाग लेना शुरू किया, तो मुझे पता चला कि मैंने क्या-क्या खो दिया है. इस दौरान मुझे पता चला कि असली ज़िंदगी यही है, जिसे मैं मिस कर रहा था”. संजय दत्त ने आगे कहा कि, “मैं उस दौरान सोचता था कि मैंने ज़िंदगी के क़रीब दस साल अपने कमरे और बाथरूम में बिता दिए. मुझे शूटिंग पर जाने का मन नहीं करता था और इसी तरह सब बदलता गया”.  

लोग चरसी कहकर बुलाने लगे थे 

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बातचीत के दौरान संजय दत्त ने आगे बताया कि, “जब मैं रिहैब से लौटा, तो मुझे लोग चरसी-चरसी कहकर बुलाने लग गए थे. ऐसा लोग सड़कों पर कहने लग गए थे. तब मैंने सोचा कि ये ग़लत है और कुछ करना पड़ेगा. इसके बाद मैंने वर्कआउट करना शुरू कर दिया और तब लोग कहने लगे वाह, क्या बॉडी है”. 

कैंसर का सुन रोने लग गए थे 

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बातचीत के दौरान संजय दत्त (Sanjay Dutt) ने अपने कैंसर के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि, “जब मुझे इसके बारे में पता चला, तो अपने बीवी-बच्चे को सोचकर मैं कई घंटों तक रोया”. इसके बाद एक्टर-डायरेक्टर राकेश रोशन ने उन्हें ट्रीटमेंट के लिए एक डॉक्टर रेकमेन्ड किया. कई समय तक इलाज चलने के बाद संजय दत्त ठीक हो गए थे.