सर्जिकल स्ट्राइक पर फ़िल्म बनी है उरी, जो अगले साल जनवरी में रिलीज़ होगी. इसी के साथ इंडियन आर्मी के साहस और शौर्य को दिखाने वाली एक और फ़िल्म रिलीज़ होगी. इसका नाम है 72 Hours: Martyr Who Never Died. ये फ़िल्म भारत-चीन युद्ध के एक ऐसे सूरमा की बायोपिक है, जिसने अकेले 72 घंटों में दुश्मन सेना के 300 सैनिकों को ढेर कर दिया था.

72 Hours नाम की ये फ़िल्म गढ़वाल राइफ़ल्स के शहीद राइफ़लमैन जसवंत सिंह रावत की कहानी पर आधारित है. मरोणोपरांत महावीर चक्र हासिल करने वाले जसवंत सिंह इंडियन आर्मी के ऐसे सैनिक हैं, जो आज भी भारतीय सीमा की रक्षा कर रहे हैं.

अरुणाचल प्रदेश के नूरानांग इलाके में जहां वो शहीद हुए थे, उनके नाम पर जसवंत सिंह गढ़ नाम का एक वार मेमोरियल बनाया गया है. इंडियन आर्मी के जवान यहां हर रोज़ उनकी वर्दी और खाना पहुंचाते हैं. ये ऐसे सैनिक हैं, जो मरने के बाद भी भारतीय सेना के लिए काम कर रहे हैं. यही नहीं उनके एक्सपीरिंस के हिसाब से सेना उनका प्रमोशन भी कर रही है.

अरुणाचल प्रदेश जो आज भारत का हिस्सा है वो जसवंत सिंह की ही बदौलत है. 1962 में हुई इंडो-चाइना वार में जब चीन ने इस प्रदेश पर कब्ज़ा करने के मकसद से यहां धावा बोला था, तब उनके मकसद के बीच दीवार बनकर खड़े हो गए थे जसवंत सिंह.

जेएसआर प्रोडक्शन हाउस देश के इसी शहीद जवान पर बायोपिक बना रहा है. इस फ़िल्म के राइटर-डायरेक्टर अविनाश ध्यानी हैं और इसमें लीड रोल भी वही निभा रहे हैं. 72 Hours का टीज़र हाल ही में रिलीज़ किया गया है. ये फ़िल्म 18 जनवरी 2019 को रिलीज़ होगी.

तब तक आप इसके ट्रेलर को देखकर जसवंत सिंह की वीरता का अनुमान लगा सकते हैं:

Source: T-Series