आज के दौर में जहां गांव के लोग रोजगार और अच्छी ज़िन्दगी की तलाश में शहरों की ओर जा रहे हैं, वहीं बॉलीवुड का एक स्टार जो शहर की ऐशो-आराम की लाइफ़ छोड़कर एक ऐसे गांव में जाकर बस गया है, जहां न बिजली है न ही सड़क. स्टारवन पर प्रसारित होने वाले पॉपुलर कॉमेडी शो ‘साराभाई वर्सेज़ साराभाई’ से तो आप वाक़िफ़ ही होंगे. इस सीरियल में रोशेज़ साराभाई का किरदार निभाने वाले राजेश कुमार भी याद ही होंगे. राजेश इन दिनों बॉलीवुड की चमक-दमक से दूर बिहार के एक छोटे से गांव बर्मा को स्मार्ट विलेज बनाने में जुट गए हैं. आध्यात्मिक खेती के ज़रिये राजेश ने इस गांव तस्वीर बदलनी शुरू कर दी है. 

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राजेश ने 1999 में सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले सीरियल ‘एक महल हो सपनों का’ से अपने टीवी करियर की शुरुआत की थी. इस दैरान उन्होंने खिचड़ी, बा बहू और बेबी, कॉमेडी सर्कस, नीली छतरी वाले, बड़ी दूर से आये हैं और यम किसी से कम नहीं जैसे मशहूर टीवी सीरियलों में काम किया. हाल ही में राजेश ने साराभाई वर्सेज़ साराभाई की वेब सीरीज़ और कॉमेडी दंगल में भी काम किया था.

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राजेश ने बताया कि ‘मुझे काम तो मिल रहा था, लेकिन अच्छा काम नहीं मिल रहा था. मैं एक एक्टर हूं, किसी सीरियल में मॉडल बनकर काम करना मुझे पसंद नहीं है. यही कारण था कि मैंने एक्टिंग छोड़ फ़ार्मिंग करने का फ़ैसला लिया.

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टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू के दौरान राजेश ने आध्यात्मिक खेती को लेकर कहा कि एक बार मैं एक आम के पेड़ के नीचे बैठा था उसी वक़्त मेरे दिमाग में ये आईडिया आया, ठीक गौतम बुद्ध की कहानी की तरह.

राजेश ने जब इस गांव में कदम रखा तो यहां पर मूलभूत सुविधाएं भी नहीं थी. बिजली, पानी और सड़क के लिए ये गांव सालों से तरस रहा था. राजेश ने इस गांव को स्मार्ट बनाने के लिए सबसे पहले इसे बिजली से जोड़ने का काम किया. उन्होंने ख़ुद बिजली विभाग को कई बार फ़ोन करके गांव में बिजली देने की मदद मांगी.

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अब राजेश ने इस गांव के निरंतर विकास के लिए ‘शून्य-बजट आध्यात्मिक खेती’ का इस्तेमाल कर इसे स्मार्ट विलेज बनाने की ठान ली है. आज इस अभिनेता का दिन गाय का दूध निकालने ने के साथ शुरू होता और पूरा दिन खेती से जुड़ी गतिविधियों में ही बीत जाता है. ऐसे में राजेश का कहना है कि इस दौरान वो एक बार भी मुंबई को मिस नहीं करते हैं.

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साराभाई वर्सेज़ साराभाई में Funny Poetry लिखने वाला रोशेज़ हो या फ़िर बिहार के छोटे से गांव में आध्यात्मिक खेती करने वाला राजेश कुमार. राजेश की ये कहानी हर किसी को प्रेरित करती है.