राज़ फ़िल्म का वो डायलॉग याद है, ‘कब से इस प्यासी ज़मीन पर बारिश की एक बूंद तक नहीं गिरी…’ पिछले कुछ वक़्त से बॉलीवुड फ़िल्में देख कर हमार जैसों का गला यही चीखता है. मगर अब वाक़ई एक तड़कता-भड़कता तूफ़ानी ट्रेलर रिलीज़ हो गया है. हालांकि, ये फ़िल्म नहीं सीरीज़ है. नाम है ‘सास बहू आचार प्राइवेट लिमिटेड’ (Saas Bahu Achaar Pvt Ltd) इसे ZEE5 और TVF एक साथ मिलकर बनाए हैं.

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Saas Bahu Achaar Pvt Ltd Trailer

ट्रेलर की शुरुआत में ही पता चलता है कि बहू सुमन (अमृता सुभाष) के हाथ से शनि की रेखा ग़ायब है. ये बात अलग है कि उसकी ज़िंदगी में शनिच्चर चौड़े से मंडराता नज़र आ रहा है. काहे कि दुनिया की बाकी लड़कियों की तरह उसे भी यही घुट्टी पिलाई गई कि ‘एक दिन राजा बाबू बनकर, बैंड-बाजा लेकर घोड़ी पर आएगा. उसकी सेवा करना बस, वो सब संभाल लेगा.’ 

मगर हक़ीक़त में ज़्यादातर लौंडे राजा बाबू तो बस अपनी मां के होते हैं, बाकी दुनिया के लिए तो वो चरम क़िस्म का लखैरापन लिए घूमते हैं. यहां भी कुछ ऐसा ही कांड होता है. पति-पत्नी का तलाक़ हुआ मालूम पड़ रहा है और अब बात बच्चों की परवरिश पर आ गई है. पति दिलीप (अनूप सोनी) किसी दूसरी महिला के साथ रहते हैं. और उनका तर्क है कि सुमन बच्चे नहीं पाल सकती, क्योंकि पैसा-वैसा है नहीं उसके पास.

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सुमन को भी ये बात कहीं न कहीं ठीक ही मालूम हुई. मगर बच्चे तो चाहिए ही उसे. तो फ़ैसला किया आत्मनिर्भर बनने का. सेम मोदी जी वाला स्कीम. बस यहां वो पकौड़े तलने की जगह अचार बनाने लगीं. अब भई, जब पढ़े-लिखे लोग अपनी डिग्री का अचार डाल सकते हैं, तो एक अनपढ़ महिला अपने पति के दांत खट्टे करने को अचार डाल रही, तो क्या बुरा है? वैसे भी परम पूजनीय गुलशन ग्रोवर भी कह चुके हैं, ‘ज़िंदगी का मज़ा तो खट्टे में ही है.’

मगर ये दुनिया ससुरी मज़ा लेना कहां देती है. औरत को तो बिल्कुल भी नहीं. बच्चे तक तो साथ खड़े नहीं होना चाहते. इस ट्रेलर में भी यही नज़र आ रहा. अपनी ही लड़की मां को बोले दे रही, ‘छोड़ो ये बिज़नेस-विज़नेस का चक्कर.’

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मगर बच्चे तो बच्चे होते हैं, उन्हें क्या पता जब औरत हाथ-पैर मारने पर आती है, तो वो छोड़ती नहीं तोड़ती है, पुरुषों का घमंड. बस इसी कोशिश में सुमन अचार बनाकर जगह-जगह बेचने निकल पड़ती है. और इस काम में उसकी हिम्मत बढ़ाती हैं सासू मां (यामिनी दास). काहे कि सुमन के गले से अचार बेचने के लिए आवाज़ तक नहीं निकल पा रही. ऐसे में सासू मां का मस्त डायलॉग सुनिए…

‘ख़ुसुर-पुसुर करके बेचोगी क्या अचार? गला फाड़ कर बोलो. जब तक बलगम न आ जाए, तब तक चीखो.’

तो बस सुमन इसी कोशिश में लग जाती है. मगर सदियों से जो प्रदूषित सामाजिक ज्ञान महिलाएं ले रही हैं, उसे बलगम की तरह थूकना इतना आसान कहां है. बड़ी जद्दोजहद है भई. 

पर क्या सुमन का क़िरदार हार मान लेगा? क्या बन पाएगी सुमन की आम कहानी ख़ास? शायद हां. ट्रेलर ख़ुद कहता है  कि ‘जुड़ता वही है, जो टूटता है.’ और रही बात हाथ की रेखाओं की, तो उसका जवाब ख़ुद सुमन देती है…

‘पंडित जी रेखाओं ने तो सबकी मंज़िल तय कर रखी है. पर इसका मतलब ये थोड़े न है कि हम अपना कर्म ही न करें.’

Saas Bahu Achaar Pvt Ltd का ट्रेलर ये रहा- 

तो कुल जमा ये है कि Saas Bahu Achaar Pvt Ltd का ट्रेलर तो है बेहद क़ातिलाना. अमृता सुभाष हों या अनूप सोनी या फिर यामिनी दास, सबकी एक्टिंग बहुत टाइट और फ़ंटास्टिक नज़र आ रही. सीरीज़ की कहानी इमोशनल है, मगर ऐसा लग रहा कि ये पूरे टाइम आंसू नहीं टपकवाएगी. बहुत ही लाइट मगर जानदार तरीके से बात कही जा रही है. बाकी पूरी सीरीज़ में क्या कुछ होगा, वो तो 8 जुलाई को रिलीज़ होने के बाद ही पता चलेगा.