देवानंद की गिनती बॉलीवुड के एवरग्रीन एक्टर्स में होती थी. लड़िकयां तो उनके लुक और स्टाइल पर मरती थीं. अपने दिलफेंक अंदाज़, ज़िंदादिली और कातिलाना मुस्कान से वो लोगों का दिल जीत लेते थे. कई स्टार्स ने उनकी कॉपी करने की कोशिश की मगर सफ़ल नहीं हो पाए.

ऐसी ही एक एक्ट्रेस थीं साधना, जिनका हेयर स्टाइल और ड्रेसिंग सेंस लोगों को बहुत पसंद था. महिलाओं के बीच में तो उस दौर में साधना स्टाइल हेयर कट कराने का ट्रेंड चल पड़ा था. बॉलीवुड के इन दोनों ही सदाबहार सितारों ने एक साथ दो फ़िल्मों में काम किया है. एक है ‘हम दोनों’ और दूसरी है ‘असली नक़ली’. इसके अलावा इन्होंने एक और फ़िल्म में काम किया था, मगर वो फ़िल्म कभी रिलीज़ न हो सकी.

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इस फ़िल्म का नाम था ‘साजन की गलियां’. इस फ़िल्म को बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर राज खोसला डायरेक्ट कर रहे थे. फ़िल्म के प्रोड्यूसर थे उस ज़माने के फ़ेमस सिनेमेटोग्राफर फली मिस्त्री. इन्होंने नवकेतन बैनर की ‘गाइड’, ‘हरे राम हरे कृष्णा’,’प्रेम पुजारी’, ‘हीरा पन्ना’ जैसी फ़िल्मों का छायांकन किया था. 

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इस फ़िल्म की शूटिंग शुरू हो गई थी. इसके दो गाने आज भी इंटरनेट पर मौजूद हैं. एक है ‘हमने जिनके ख़्वाब सजाए’. ये एक रोमेंटिक गाना था जिसे मोहम्मद रफ़ी ने गाया था. दूसरा है ‘हम ख़ूब जानते हैं’. इस गाने को मोहम्मद रफ़ी, सुमन कल्याणपुर और गीता दत्त ने गाया था. इन दोनों ही गानों का संगीत दिया था म्यूज़िशिन जोड़ी शंकर-जयकिशन ने. मगर किन्हीं अज्ञात कारणों के चलते ये फ़िल्म रिलीज़ न हो सकी.

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अगर ये फ़िल्म रिलीज़ होती तो देवानंद साहब की पहली कलर फ़िल्म ‘गाइड’ नहीं, बल्कि ‘साजन की गलियां’ होती. इस फ़िल्म से ही एक्ट्रेस नरगिस की भतीजी ज़हीदा हुसैन भी बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली थीं. उन्होंने भी कुछ दिनों तक इसकी शूटिंग की थी. इस फ़िल्म के बाद साधना और देवानंद ने एक साथ कभी काम नहीं किया और दर्शक तीसरी बार उन्हें पर्दे पर देखने से महरूम रह गए थे.

ये फ़िल्म तो रिलीज़ नहीं हो सकी मगर इसके गाने और कुछ सीन एक फ़िल्म में ज़रूर दिखाए गए थे. ये फ़िल्म थी ‘फ़िल्म ही फ़िल्म’, जो 1983 में रिलीज़ हुई थी. इसमें प्राण साहब ने लीड रोल निभाया था. 

इस फ़िल्म से जुड़ा ये क़िस्सा आप यहां पढ़ सकते हैं. 


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