कुछ लोगों पर ऊपर वाले की ऐसी रहमत होती है कि वो ख़ुद तो बनते ही हैं, साथ में दूसरे भी उनकी सोहबत में संवर जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही शख़्स को पहचानने के लिए बोल रहे हैं. ये वो शख़्स है जो कभी ख़ुद हीरो बनने आया था, मगर मुंबई पहुंच कर उसकी कहानियों ने दूसरों को हीरो बनाना शुरू कर दिया. इसी शख़्स ने इंडस्ट्री को सबसे बड़ा स्टार भी दिया है, जो आज कल बॉलीवुड पर राज करता है.

हालांकि, ऐसा नहीं है कि इस शख़्स ने हीरो बनने का सपना मुंंबई आते ही छोड़ दिया था. बल्क़ि लेखक के तौर पर कामयाबी देखने से पहले जनाब ने लगभग 25 फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार निभाये थे. कुछ ऐसे भी थे, जिन्हें क्रेडिट रोल्स में मेंशन नहीं किया गया था.

बहरहाल, ज़िंदगी उन्हें लेखक बनाना चाहती थी तो वो बन गए. उनको एक ऐसा जोड़ीदार मिला, जो उनकी तरह ही क़ाबिल और मेहनती था. बाद में दोनों ने मिलकर देश की सबसे बड़ी फ़िल्मों की कहानियां और डायलॉग्स लिख डाले.

ये जोड़ी अपने दौर की सबसे महंगी जोड़ी बन गई. इनके बराबर फ़ीस बड़े से बड़ा सुपरस्टार नहीं ले पाता था.

इसी शख़्स को ‘अंदाज़’, ‘सीता और गीता’, ‘शोले’, ‘डॉन’, ‘दीवार’, ‘ज़ंज़ीर’, ‘शक्ति’, ‘शान’ और ‘मिस्टर इंडिया’ सरीखी कई सुपरहिट फ़िल्मों के लिए जाना जाता है. साल 1971 से 1987 के बीच इस शख़्स ने अपने जोड़ीदार के साथ मिलकर 24 फ़िल्मों की कहानी लिखी थीं.

अब तक तो आप पहचान ही गए होंगे. जी हां, तस्वीर में दिख रहे ये शख़्स कोई नहीं, बल्कि सलमान ख़ान के पिता और जावेद अख़्तर के जोड़ीदार सलीम ख़ान हैं.

इस तस्वीर में वो सलमान की तरह शर्टलेस और रौबीले नज़र आ रहे हैं.

सलीम ख़ान की शर्टलेस तस्वीर को देख कर आप समझ ही गए होंगे कि आख़िर सलमान ख़ान को अपना भौकाली अंदाज़ कहां से मिला है.

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