1963 में वेटरन एक्टर सुनील दत्त की एक फ़िल्म आई थी नाम था ‘मुझे जीने दो’. इस फ़िल्म में सुनील दत्त और वहीदा रहमान ने लीड रोल निभाया था. फ़िल्म की कहानी डाकुओं पर आधारित थी. इस फ़िल्म के लिए सुनील दत्त जी को बेस्ट एक्टर का फ़िल्म फ़ेयर अवॉर्ड मिला था. इसकी शूटिंग एमपी के मशहूर चंबल की घाटी में हुई थी.
इस घाटी में कई फ़ेमस डाकू रहा करते थे. इसलिए इस फ़िल्म की शूटिंग पुलिस प्रोटेक्शन के अंदर हुई थी. इस फ़िल्म से जुड़ा एक क़िस्सा आज हम आपके लिए लेकर आए हैं.
बात उन दिनों की है जब फ़िल्म के डायरेक्टर मोनी भट्टाचर्जी इसकी शूटिंग एमपी के बीहड़ में कर रहे थे. उन दिनों वहां पर रूपा डाकू का कहर था. एक दिन फ़िल्म के सेट पर रूपा डाकू पहुंच गया.
उसने सुनील दत्त जी से पूछा कि अब तक फ़िल्म बनाने में कितना ख़र्च हुआ है. तब सुनील दत्त जी ने उसे जवाब देते हुए कहा कि 10-15 लाख रुपये. इसके बाद उसने सेट पर ही खेल रहे 3 साल के संजय दत्त को गोद में उठा लिया और उनसे पूछा ‘इसे ले जाऊं तो कितना दोगे’.
सुनील दत्त ने किसी तरह बात को संभालते हुए उनका ध्यान भटकाया और बच्चे को गोद से ले लिया. उस दिन संजय दत्त किडनैप होते होते बच गए थे. लेकिन इस घटना के बाद सुनील दत्त काफ़ी डर गए थे. इसलिए एहतियातन उन्होंने बेटे और पत्नी नरगिस को अगले ही दिन मुंबई भेज दिया था.
संजय दत्त ने अपने बचपन का ये क़िस्सा एक इंटरव्यू में सुनाया था. इसे आप यहां पढ़ सकते हैं.
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